लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में किसानों के लिए डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण का आयोजन

4.9
(32)

10 सितम्बर 2019: लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुवास किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए निरंतर पशुपालन संबंधी कई तरह के प्रशिक्षणों का आयोजन करता है। इसी कड़ी में 04 से 10 सितम्बर 2019 डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में 51 नवयुवक और नवयुवतियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान पशुपालकों को पशुओं की नस्लें, नवजात शिशुओं की देखभाल, संतुलित पशु आहार एवं खनिज मिश्रण खिलाने का महत्त्व, पशुपालन एवं पशु प्रजनन का लेखा-जोखा, वर्ष भर हरे चारे का उत्पादन एवं दुग्ध उत्पाद बनाने के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. सज्जन सिंह द्वारा किया गया। इस प्रशिक्षण में उत्तम पशुओं का चयन, नस्लों की जानकारी, नस्ल सुधार, पशु आवास प्रबंधन, आहार प्रबंधन, बीमारियों से बचाव, टीकाकरण का महत्त्व, गर्भकाल में पशुओं की देखभाल, जीवाणु, विषाणु जनित रोग, नवजात की देखभाल, दुग्ध उत्पादन में अधिक लाभ के विकल्प आदि विषयों पर लाभप्रद जानकारियाँ दी।

और देखें :  भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने हरियाणा के साथ कृषि, पशुपालन, डेयरी क्षेत्र में सहयोग करने के लिए विशेष रुचि दिखाई

समापन समारोह में कार्यक्रम के संचालक डॉ. सज्जन सिंह ने किसानों को कहा कि बरसात के मौसम में पशुओं का विशेष ध्यान रखें। इस मौसम में कीड़ों व बीमारियों की समस्या अकसर बढ़ जाती है इसलिए अपने पशुओं के बाड़ों की साफ-सफाई रखें तथा किसान भाई अपने पशुओं को मुँह-खुर व गलघोटू का अपने नजदीकी पशु चिकित्सक से परामर्श लेकर टीका लगवाएँ। बरसात के मौसम में भैंसों का ब्यांतकाल अधिक संख्या में बढ़ जाता है इसलिए पशुओं के ब्याते समय व्यस्क पशु व नवजात बच्चों की उचित देखभाल करें ताकि बच्चों की मृत्यु दर कम की जा सके। यदि आप व्यवसायिक लाभ चाहते हैं तो पशुपालन की देखभाल वैज्ञानिक तरीकों से जरूरी है। महिलाओं का इस क्षेत्र में आगे बढऩा जरूरी है, क्योंकि हमारे देश में पशुपालन से जुड़े विभिन्न व्यवसायों में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है। उन्हें उनके द्वारा की गई मेहनत का आर्थिक लाभ मिलना चाहिये। उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी किसानों एवं महिलाओं को आश्वासन दिया कि प्रशिक्षण के बाद भी विश्वविद्यालय उनकी हर प्रकार की सहायता करने को तैयार है। लुवास का उद्देश्य है कि किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो तथा यह कार्यक्रम भी इसी दिशा की एक कड़ी है।

और देखें :  कोरोना महामारी के समय में पशुओं में गलघोटू एवं मुँह-खुर रोग टीकाकरण का महत्व

समापन समारोह में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गए। संयोजक डॉ. सज्जन सिंह ने अपने धन्यवाद भाषण में शिविर के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों तथा कर्मचारियों का धन्यवाद किया तथा भविष्य में भी इसी प्रकार सहयोग की कामना की।

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.9 ⭐ (32 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

और देखें :  हरियाणा सरकार ने डेयरी किसानों को दूध उपकर पर दी बड़ी राहत

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*