20 नवम्बर 2019: लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के पशुचिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में आज 33 वें आईसीएआर, सेंटर ऑफ़ एडवांस फैकल्टी ट्रेनिंग (कैफट) का उद्घाटन किया गया। 20 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक चलने वाले इस 21 दिवसीय पाठ्यक्रम के दौरान भारत भर से विभिन्न क्षेत्रों के वैज्ञानिकों को ‘माइक्रोबायोलॉजिकल टेक्निक्स फॉर डायग्नोसिस ऑफ़ इमरजिंग एंड रीइमरजिंग डिजीज ऑफ़ वेटरनरी इम्पोर्टेंस’ विषय पर प्रशिक्षित किया जायेगा।
इस समारोह के मुख्य अतिथि लुवास विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. प्रवीन गोयल ने इस अवसर पर प्रतिभागियों को अपने अनुसंधान क्षेत्र को परिभाषित करके एकाग्रित होकर निरंतर एक ही बिंदु पर अनुसंधान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस पाठ्यक्रम से युवा वैज्ञानिक विशेष रूप से लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर डॉ. प्रवीन गोयल ने पाठ्यक्रम के आयोजकों द्वारा तैयार प्रशिक्षण मैनुअल भी जारी किया।
विभागाध्यक्ष एवं पाठ्यक्रम के निदेशक डॉ. नरेश कक्कड़ ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉ. कक्कड़ ने प्रशिक्षणार्थियों को पशुचिकित्सा में निदान में आने वाली लागत को कम करने वाली नवीन तकनीकों को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इस 21 दिवसीय कोर्स का उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों के कौशल में सुधार लाना है और पाठ्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं को अपने हाथों से प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के आलावा विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए जायेंगे।
पाठ्यक्रम के संयोजक डॉ. महावीर यादव ने कोर्स के विषय के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस कोर्स में 10 राज्यों के 15 प्रतिभागी भाग ले रहे है और देश के विभिन्न भागों से विशेषज्ञों को स्पीकर के रूप में आमंत्रित किया गया है, विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए जायेंगे। प्रशिक्षणार्थियों को विषय से सम्बन्धित विभिन्न संस्थानों का दौरा भी करवाया जायेगा। अंत में कोर्स समन्वयक डॉ. अखिल कुमार गुप्ता ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। इस उद्घाटन समारोह में प्रोफेसर एमेरिटस डॉ. अजीत सिंह, कोर्स संयोजक डॉ. अंशुल लाठर तथा अन्य वैज्ञानिक व विद्यार्थी उपस्थित थे।
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