14 नवम्बर 2019: बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रथम कल्चरल और लिटरेरी प्रतियोगिता का समापन बुधवार को बामेती सभागार में हुआ जिसमे बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पटना, संजय गाँधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्था, पटना और मात्स्यिकी महाविद्यालय,किशनगंज के विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रतिस्प्रधाओं में अपने टैलेंट का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे वहीं पटना विश्वविद्यालय के निदेशक छात्र कल्याण प्रो नागेंद्र कुमार झा सम्मानीय अतिथि के तौर पर मौजूद थे।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में प्रथम इंटर कॉलेज कल्चरल और लिटरेरी कॉम्पिटिशन का समापन
इस अवसर पर कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने कहा की युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस जरुरत है मंच का और उन्हें निखारने का। विश्वविद्यालय का यह पहला आयोजना है और इस पहले आयोजन में जिस तरह की ऊर्जा और प्रतिभा छात्रों में देखने को मिली है ये कबीले तारीफ है, ये हमें बल प्रदान करता है की हम आगे भी ऐसे आयोजन करे और बेहतर करते रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित पटना विश्वविद्यालय के निदेशक छात्र कल्याण प्रो नागेंद्र कुमार झा ने कहा की बिना कला और संस्कृति के किसी भी विद्यार्थी का जीवन परिपूर्ण नहीं हो सकता, खेल-कूद, कला, इत्यादि से जीवन में एक उल्लास और उमंग बना रहता है जो मनुष्य को ऊर्जावान बनाने में सहायक होता है।
दो दिनों तक चलने वाले इस प्रतियोगिता को दो खंडो में बांटा गया था कल्चरल और लिटरेरी, कल्चरल में मेहंदी डिज़ाइन, ऑन-स्पॉट पेंटिंग, रंगोली, स्किट, माइम, स्टैंड-अप कॉमेडी, सोलो और ग्रुप सॉन्ग और सोलो और ग्रुप डांस को रखा गया था, वहीं लिटरेरी में वाद-विवाद (हिंदी और अंग्रेजी), एक्सटेम्पोर और कविता को रखा गया था। इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल के तौर पर बीआइटी पटना के प्रोफेसर के. सी. बाजपेयी, प्रोफेसर ब्यूटी कुमारी, पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अतुल आदित्य पांडेय, डॉ शेफाली, डॉ दीप्ति और निफ्ट पटना के प्रोफेसर अभिषेक कुमार पांडेय थे। फाइनल राउंड में डॉ अनिरुद्ध कुमार सिन्हा, अनुराधा कुमारी, नंदिता चक्रवर्ती और डॉ किशोर सिन्हा ने जज की भूमिका निभाई।
समापन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ पी.के कपूर, निदेशक छात्र कल्याण डॉ रमन त्रिवेदी, निदेशक अनुसन्धान डॉ रविंद्र कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी मात्स्यिकी महाविद्यालय डॉ. के.जी. मंडल, डीन बि.भी.सी डॉ जेके प्रसाद, डॉ हंसराज सहित, तीनों महाविद्यालयों के शिक्षकगण, कर्मचारी और विद्यार्थी मौजूद थे.
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