बिहार पशु विज्ञानं विश्वविद्यालय के अंगीभूत बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय में डॉग ब्रीडिंग पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था, भा.कृ.अ.प. के नेशनल एग्रीकल्चरल हायर एजुकेशन समिट के तहत आयोजित इस संगोष्ठी में संत जॉर्ज यूनिवर्सिटी, स्पेन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ फिरदौस खान वक्ता के तौर पर मौजूद थे। अपने लेक्चर में उन्होंने डॉग ब्रीडिंग के क्षेत्र में तकनिकी बदलाव, सीमेन के संग्रहण की विधि, अलग-अलग ब्रीड के डॉग्स के सीमेन का मूल्यांकन इत्यादि विषयों पर चर्चा किया, उन्होंने कहा की ब्रीडिंग एक विज्ञान के साथ-साथ एक कला है जिसे विज्ञान नहीं अपितु कला के जैसा सिखने की आवश्यकता है।
इस क्षेत्र में जो वृद्धि हुए है उसे देखकर ये समझ आता है की आने वाले समय में इस क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाएं है। कैनाइन (डॉग) ब्रीडिंग व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी बहुत सफल क्षेत्र साबित हो रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने कहा की पेट ओनर्स की संख्या में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है, आजकल हर घर में लोग डॉग्स को पाल रहे है। चाहे सर्विलांस हो, सुरक्षा और या स्निफर के रूप में स्वान दस्तों की अहमियत हमारे देश की सुरक्षा में बहुत बड़ी हो गयी है। जिस तरह से सुरक्षा के दृष्टिकोण से डॉग्स की मांग में इज़ाफ़ा हुआ है उसके अपेक्षा अच्छे नस्ल के पिल्लों का मिलना थोड़ा कठिन है। इसलिए इस क्षेत्र में बेहतर काम किया जा सकता है ताकि अच्छे नस्ल के डॉग्स की मांग की पूर्ति हो सके। इस क्षेत्र में जानकारी हांसिल करने के बाद खुद का व्यवसाय भी शुरू किया जा सकता है जो अधिक मुनाफा देता है। इस अवसर पर डीन डॉ. जे.के.प्रसाद, निदेशक अनुसन्धान डॉ. रविंद्र कुमार, डॉ. भावना आदि मौजूद थे।
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