हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने नीरजा शेखर आईएएस प्रधान सचिव पशुपालन एवं डेयरी विभाग व डा. ओमप्रकाश छिक्कारा महानिदेशक पशुपालन एवं डेयरी विभाग की उपस्थिति में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लोहारू से मुख्यमंत्री भेड़-बकरी पालक उत्थान योजना एवं मोबाइल पशु डिस्पेंसरी की शुरूआत की। मुख्यमंत्री भेड़-बकरी योजना के तहत कृषि मंत्री ने गोठड़ा व फरटिया ताल के दो ऐसे पशुपालकों को 20-20 भेड़ व एक-एक नर भेड़ प्रदान की जिनके पास अपनी आय का कोई दूसरा साधन नहीं है।
जीपीएस सुविधा से लैस ये दो डिस्पेंसरी वैन प्रतिदिन 6-6 गावों में जाएंगी और इनके माध्यम से 24 ऐसे गावों के पशुपालकों को पशु-चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी जहां पहले से पशु चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं है। कृषि मंत्री ने बताया कि योजना के सफल होने पर इसे पूरे प्रदेश में लागु किया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि इससे बड़ी खुशी की बात क्या होगी कि लोहारू से प्रदेश स्तरीय योजनाओं की शुरूआत होने लगी है। इस मौके पर श्री दलाल ने आमजन की समस्या भी सुनी और मौके पर ही अधिकारियों को उनके समाधान के निर्देश दिए।
पत्रकारों से बात करते हुए कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि प्रदेश सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की नीतियों पर चलने वाली है और गरीब से गरीब आदमी की भलाई के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने बताया कि ऐसे गरीब व्यक्ति जिनके पास आजीविका का कोई साधन नहीं है उन्हें रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भेड़-बकरी योजना की आज लोहारू से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरूआत की गई है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत लाभार्थी पशुपालक को 20 मादा व 1 नर भेड़ सरकार की तरफ से निशुल्क प्रदान की जाएंगी और एक वर्ष पूरा होने पर भेड़ों के 10 बच्चे वापिस लेकर दूसरे लाभार्थी को दे दिए जाएंगे।
कृषि मंत्री ने बताया कि इन भेड़ों का बीमा भी होगा तथा भेड़पालकों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। श्री दलाल ने बताया कि जिन गावों में कोई पशु अस्पताल नहीं है और जहां पशुधन विकास सहायक आदि की तैनाती भी नहीं है वहां के पशुपालकों को पशु चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए आज दो मोबाइल पशु डिस्पेंसरी वैनों का भी लोकार्पण किया गया है। उन्होंने बताया कि जीपीएस से लैस प्रत्येक वैन में एक पशु चिकित्सक तैनात रहेगा तथा ये दो वैन प्रतिदिन 6-6 गावों में जाएंगी। कृषि मंत्री ने बताया कि दोनों मोबाइल डिस्पेंसरी वैनों के माध्यम से 24 गावों के पशुपालकों को पशु चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होंगी। उन्होंने बताया कि योजना सफल रही तो इसे प्रदेश के दूसरे भागों में भी लागु किया जाएगा।
Be the first to comment