बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सेमिनार का आयोजन किया गया, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत आयोजित इस ऑनलाइन सेमिनार के पहली कड़ी में प्रतिदिन एक लेक्चर का आयोजन किया गया, दो मई से प्रारम्भ हुए इस ऑनलाइन सेमिनार की पहली कड़ी का समापन बुधवार को हुआ, जिसमे कुल पांच लेक्चर आयोजित हुए। पशु विज्ञान, मत्स्य विज्ञान, डेयरी प्रौद्योगिकी के क्षेत्रो के एक्सपर्ट्स ने ऑनलाइन व्याख्यान दिया।
इस कड़ी के पहले सेमिनार में बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के पशु प्रसूति विभाग के प्रोफेसर डॉ. अजीत कुमार ने डेयरी के क्षेत्र में नए उपकरणों और तकनीक से उत्पादकता में वृद्धि कैसे किया जाये इसपर अपना व्याख्यान दिया, इस व्याख्यान में करीब चालीस विद्यार्थी और शिक्षकों ने भाग लिया।
दूसरे सेमिनार में बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. जे.के प्रसाद ने फ्रोजेन सीमेन के उत्पादन में किये जाने वाले न्यूनतम मानकों के ऊपर अपना व्याख्यान दिया इस सेमिनार में पचास लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
सेमिनार के तीसरे दिन विश्वविद्यालय के निदेशक छात्र कल्याण डॉ. रमन त्रिवेदी ने मत्स्य पालन में जलवायु की भूमिका तथा फ्रेश वाटर एक्वाकल्चर के बारे में व्याख्यान प्रस्तुत किया, इस लेक्चर में विश्वविद्यालय के मत्सिकी महाविद्यालय, किशजगंज के फैकल्टी और स्टूडेंट्स ने भाग लिया।
इस कड़ी के चौथे लेक्चर में मात्स्यिकी महाविद्यालय के डीन डॉ. वेद प्रकाश सैनी ने भारत में मत्स्य पालन के वर्तमान परिस्थिति और भविष्य में सतत उत्पादकता के लिए उठाये जाने वाली रणनीति पर अपना व्याख्यान दिया जिसमे मत्स्य विज्ञान के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस ऑनलाइन सेमिनार का अंतिम लेक्चर बुधवार को आयोजित होगा जिसमे हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ़ वेटरनरी साइंस के सर्जरी और रेडियोलोजी विभाग के प्रोफेसर डॉ.एस.पी त्यागी द्वारा पशु चिकित्सा में नेत्र विज्ञान पर अपना व्याख्यान देंगे।
इस सेमिनार के आयोजन का प्रचार-प्रसार विश्वविद्यालय के सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर किया गया जिसके फलस्वरूप इन क्षेत्रों में रूचि रखने वाले देश के कई हिस्सों से विद्यार्थी और शिक्षकों ने विश्वविद्यालय से संपर्क कर सेमिनार में जुड़ने की इच्छा जताई, और उन्हें लॉगिन आईडी और पासवर्ड देकर जोड़ा गया।
विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसन्धान-सह-संयोजक डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया की सेमिनार की पहली कड़ी में आयोजन के सफलता को देखते हुए हम जल्द ही इसकी दूसरी कड़ी का भी आयोजन करेंगे, उन्होंने बताया की ये सेमिनार का आयोजन ज़ूम मीटिंग एप द्वारा कराया गया जिसमे एक बार में 100 लोगों को ही जोड़ा जा सकता है, मगर कई ऐसे लेक्चर हुए जिनमे हमारे विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों के अलावा देश भर से कई विद्यार्थियों और शिक्षकों के रिक्वेस्ट आये और संख्या 100 से ज्यादा थी।
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