बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय में पशुचिकित्सा विज्ञान व पशुपालन स्नातक (बी.वि.एससी एंड एएच) के 2015 बैच के 33 विद्यार्थियों को शपथ दिलाया गया, जिनमे 28 छात्र व 5 छात्राएं शामिल है। पशुचिकित्सा के क्षेत्र में जाने से पहले यह शपथ वेटनेरी डॉक्टरों को दिलाया जाता है। इस अवसर पर एनिमल प्रोडक्शन विषय में सर्वाधिक अंक हासिल करने वाली पूजा आनंद को बेस्ट एनिमल प्रोडक्शन अवार्ड से नवाजा गया, वहीं दूसरी ओर क्लीनिकल विषय में सर्वाधिक अंक पाने वाली आकांक्षा आनंद को बेस्ट क्लिनिसियन अवार्ड से नवाजा गया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसन्धान संस्थान, मथुरा के कुलपति प्रो. जी.के. सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे, उन्होंने छात्रों के पांच सालों के मेहनत, लगन और समर्पण के लिए बधाई देते हुए कहा की आप अपने शिक्षकों के अथक प्रयास के प्रतिबिम्ब है। उन्होंने कहा की समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वाहन बेहतर ढंग से करें यही आपके शपथ का मुख्य उद्देश्य है। वर्तमान में संसार एक वैश्विक गाँव बन गया है जहाँ आप पशुचिकित्सकों की जरुरत कहीं भी और कभी भी पड़ सकती है। उन्होंने आगे कहा की छात्र अपने कार्यों और योग्यता से खुद को साबित करें ताकि लोग आपके वैल्यू को समझ सके। उन्होंने कहा की सफलता का असली मतलब तभी सार्थक होता है जब आप अपने सफलता से संतुष्ट हो।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा की एक संस्था जिसका इतिहास 90 सालो का है, आप ऐसे ऐतिहासिक संस्थान के अलुमनी बनने जा रहे है जिसके लिए आप सभी बधाई के पात्र है। इस महाविद्यालय का नाम और यश को और आगे ले जाने में आप युवा सहायक होंगे, ये विद्यार्थी ही होते है जो किसी संस्था का झंडा ऊचा रखते है। उन्होंने कहा की एक पशु चिकित्सकों का समाज के प्रति बहुत बड़ा दायित्व होता है, आज जिस दौर से पूरा देश और दुनियां गुजर रहा है इसमें एक पशुचिकित्सकों का कार्य भी बहुत महत्वपूर्ण है। हमने इबोला, स्वाइन, बर्ड फ्लू जैसे कई रोगों को हराने में सफलता प्राप्त की है और इसमें एक पशुचिकित्सक का बहुत बड़ा योगदान है। भविष्य में भी छात्र अपने दायित्वों का निर्वाहन अच्छे ढंग से करें, ताकि पशु, मनुष्य और हमारा समाज स्वास्थ्य रहे और बेहतर देश का निर्माण हो। इस अवसर बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ जे.के प्रसाद ने सभी का स्वागत किया और लॉक डाउन के दौरान शिक्षण पद्धति और पठन-पाठन पर रिपोर्ट भी पेश किया।
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