जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर हर व्यक्ति को किसी-न-किसी कार्य के लिए एक-दूसरे की सहायता की जरूरत पड़ती ही है। समयानुसार धन की आवश्यकता होती है जिसे पूरा करने के लिए उधार भी लेना पड़ता है। किसानों एवं पशुपालकों के सामने भी यह समस्या सामान्य सी घटना रहती है। वह अपने जरूरी कायों को पूरा करने के लिए या आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अपने नजदीकी मित्र या रिस्तेदार या साहूकार से ब्याज पर उधार कर्ज लेता है। समाज में दो से पांच प्रतिशत ब्याज प्रतिमाह की उधारी सामान्य सी बात है जिसके कारण वह कई बार अत्याधिक कर्ज के बोझ के नीचे दब जाता है और उसका जीवन मुश्किल हो जाता है। कई बार तो पशुपालक को बीमार पशु के इलाज के लिए भी धन उधार पर लेना पड़ता है। लेकिन अब इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने नजदीकी बैंक के माध्यम से इस प्रकार की उधारी बहुत ही कम ब्याज दर पर उपलब्ध करवायी जाने लगी है ताकि पशुपालक अपने पशुओं की देखभाल अच्छे से कर सकें।
गाँव में लोग खेती करने के साथ-साथ पशु भी पालते हैं और कभी-कभी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किसान अपने पशु बेचकर पूरा करते हैं और इसी कारण पशुओं को पशुधन कहा जाता है। कभी-कभी पशु बीमार हो जाते हैं और पशुपालकों एवं किसानों के पास धन न होने के कारण उनका समय पर इलाज नहीं करवा पाते हैं जिससे उनको धनहानि होने के साथ-साथ पशु हानि भी होती है। भारत में हरियाणा राज्य पहला ऐसा राज्य है जिसने पशुपालकों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर वर्ष 2019 से पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बनाने की पहल की है जिसके अंतर्गत पशुपालकों को बहुत ही कम ब्याज दर पर आवश्यकतानुसार बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाये जाने का प्रावधान है। इस योजना का उद्देश्य पशुपालकों को आत्मनिर्भर एवं प्रगतिशील बनाना है जिससे उनकी राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका और भी ज्यादा बढ़ेगी। पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से राज्य में पशुपालन व्यवसाय में वृद्धि होगी और कृषि और पशुपालन व्यवसाय को विकसित देशों की तरह ही आधुनिक बनाये जाने की अपार संभावना है।
पात्र लाभार्थी: पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक हरियाणा राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए और उसके पास पशुधन भी होना आवश्यक है। इस योजना का लाभ गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर, मुर्गी पालने वाले सभी पशुपालक ले सकते हैं। इस योजना का लाभ पशुओं की संख्या के आधार पर ही लिया जा सकता है।
ऋण सीमा: पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत पशुपालक तीन लाख रूपये तक का ऋण ले सकता है जिसमें से वह 1,60,000 रूपये तक का ऋण बिना किसी वस्तु के गिरवी रखे बिना (अर्थात जमानत के बिना) ही ले सकता है लेकिन इससे अधिक एक रूपया भी होने पर उसे बैंक को अचल संपति या अन्य वस्तु को प्रतिभूति सुरक्षा के रूप में प्रदान करनी होती है।
ब्याज दर: इस योजना के अंतर्गत सभी बैंकों द्वारा पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड धारक को सालाना 7 प्रतिशत साधारण ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। इस 7 प्रतिशत ब्याज दर में से समय पर भुगतान करते रहने की स्थिति में सरकार की ओर से 3 प्रतिशत ब्याज दर का अनुदान (अधिकतम 3,00,000 रूपये तक की ऋण राशि पर) दिया जाता है। अर्थात इस योजना के अनुसार पशुपालक केवल 4 प्रतिशत ब्याज दर पर ही ऋण ले सकता है। इसके अतिरिक्त पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा 3,00,000 रूपये से अधिक ऋण राशि पर 12 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज दर पर लिया जा सकता है।
खाते से राशि निकालना एवं जमा करना: पशुपालक अपनी आवश्यकतानुसार समय-समय पर ऋण की राशि निकलवा सकता है और सुविधानुसार समय पर जमा भी करवा सकता है। इसमें केवल यह याद रखना है कि पहली बार राशि निकलवाने या खर्च करने के एक वर्ष की समय अवधि के अन्दर किसी भी एक दिन एक बार पूरी राशि जमा करवानी आवश्यक होती है, ताकि वर्ष में एक बार लिये गये ऋण की राशि शून्य हो जाये। ऋण की राशि वर्ष में पूरी नहीं भरने की स्थिति में उस पशुपालक को ब्याज दर पर छूट नहीं मिल पायेगी और डिफाल्ट के दिनों में 12 प्रतिशत ब्याज की दर से भुगतान करना पड़ेगा और जब तक वह इस राशि का भुगतान नहीं कर पायेगा, तब तक वह अपनी क्रेडिट लिमिट के अनुसार अगली राशि को नहीं निकाल पायेगा। इस राशि का भुगतान करने के बाद ही वह दोबारा आगामी एक वर्ष के लिए ऋण लेने का हकदार होगा।
उपयोग करना: पशुपालक इस कार्ड का उपयोग बाजार में प्रचलित अन्य किसी भी डेबिट/क्रेडिट कार्ड की ही तरह किसी भी एटीएम मशीन से राशि निकलवाने या बाजार से पशुधन से संबंधित कोई भी खरीदारी करने के लिए प्रमाणित लिमिट अनुसार ही कर सकता है।
वित्तीय पैमाना: इस योजना के अनुसार पशुओं की विभिन्न श्रेणियां बनाई गई हैं जिनके अनुसार ही पशुपालक को प्रत्येक महीने वित्तीय अवधि के हिसाब से ऋण दिये जाने का प्रावधान है। प्रति पशु के हिसाब से वित्तीय पैमाना इस प्रकार है:
क्र.सं. |
वार्षिक आधार पर प्रति पशु आवर्ती व्यय के प्रमुख घटक/मद | गाय (विदेशी/ संकर / देसी) प्रतिदिन दूध | भैंस | भेड़ (20+1) यूनिट | बकरी (20+1) यूनिट | सुअर (4+1) यूनिट | अण्डा देने वाली मुर्गी (72 सप्ताह का जीवन काल) |
ब्रॉयलर मुर्गी (2 माह का जीवन काल) |
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8 लीटर तक |
8 लीटर से अधिक |
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1. |
पशुधन और मुर्गी पालन के लिए आवर्ती व्यय (फीड, श्रम, पानी, चिकित्सा आदि)(रू. में) | 74812 | 86310 | 109490 | 4719 | 4350 | 16337 | 720 | 161 |
2. | वित्तीय कार्यकाल | 6 माह | 6 माह | 7 माह | 1 वर्ष | 1 वर्ष | 1 वर्ष | 1 वर्ष |
3 माह |
3. |
प्रति पशु या पक्षी का वित्तीय पैमाना | 37406 | 43155 | 63869 | 4719 | 4350 | 16337 | 720 | 161 |
4. | पुनर्भुगतान की अवधि | 1 वर्ष | 1 वर्ष | 1 वर्ष | 1 वर्ष | 1 वर्ष | 1 वर्ष | 1 वर्ष |
3 माह |
राशि खर्च करने की लिमिट: इस योजना के अंतर्गत वित्तीय पैमाने के आधार पर पशुपालक को ऋण 6 बराबर प्रतिमाह किस्तों में दिये जाने का प्रावधान है, अर्थात पशुपालक अपनी गाय के पालन-पोषण हेतु प्रति माह 6234 (37406/6 = 6234) रूपये अपने पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण के रूप में निकाल सकता है। इस तरह 6 माह में प्राप्त कुल राशि 37406 रूपये अब उसे एक वर्ष के अंतराल के अंतर्गत 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित लौटानी होगी। भैंस एवं ब्रायलर मुर्गी पालन के लिए यह राशि क्रमशः 7 और 3 बराबर किस्तों में देने का प्रावधान रखा गया है। यहां ध्यान देने वाली यह बात है कि पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड धारक का एक वर्ष राशि लौटाने का समय अंतराल उसी दिन से शुरू होगा, जिस दिन वह पहली किस्त प्राप्त करेगा।
योजना के आवश्यक दस्तावेज़: पशुपालक को पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए निम्नलिखित दस्तावजों की आवश्यकता होगी:
- पासपोर्ट साइज स्वयं की दो नवीनतम फोटो
- आवेदक द्वारा स्वयं सत्यापित आधार कार्ड, पेन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड की छाया प्रतियां
- मोबाइल नंबर
- भूमि संबंधी रिकार्ड
आवेदन पत्र: योजना का लाभ लेने वाले इच्छुक पशुपालक अपने नजदीकी बैंक में जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र भरने के लिए पशुपालन विभाग के कर्मचारी और दुग्ध शीतन केन्द्र एवं दुग्ध संचयन केन्द्र भी पशुपालकों की सहायता कर रहे हैं। आवेदन पत्र भरने के बाद पशुपालक इसे संबंधित बैंक में जमा करवा सकता है।
सार्थकता: विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में बैंक क्रेडिट कार्ड का प्रचलन सामान्य हो चुका है। धन हमेशा एक जगह नहीं टिकता है, वह खर्च होता रहता है लेकिन धन न होने की की परिस्थिति में क्रेडिट कार्ड का आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा रहा है। लेन-देन सही रहता है तो इसकी सार्थता बरकरार रहती है। किसान क्रेडिट कार्ड और अन्य प्रचलित क्रेडिट कार्डों की तरह ही पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड की सही दिशा में सार्थकता समाज के उत्थान में एक अग्रणी भूमिका होगी।
नोट: यह इस योजना की सैम्पल सामग्री और सैम्पल डिजाइन है, अंतिम सामग्री को संशोधित किया जा सकता है। इसलिए योजना की नवीनत्तम जानकारी के लिए नजदीकी बैंक या नजदीकी पशुचिकत्सालय से संपर्क करें।
पशु किसान क्रेडिट कार्ड अनूठा कदम सार्थकता की ओर। पशुधन का विकास और किसान बढ़ेगा आत्मनिर्भता की ओर।। |
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