कारण
कुत्तों में बबेसीओसिस रोग बबेसिया की दो प्रजातियों द्वारा होता है। यह दो प्रजातियां निम्न है:-
बबेसिया केनिस एवं बबेसिया गिवसोनी
यह दोनों प्रकार के प्रोटोजोआ नाशपाती के आकार के अकेले अथवा मुख्य रूप से जोड़ों में संक्रमित कुत्तों के लाल रक्त कणों में पाए जाते हैं। बबेसिया केनिस आकार में बड़ा तथा बबेसिया गिब्सोनी का आकार छोटा होता है। बबेसिया केनिस, बबेसिया गिब्सोनी की अपेक्षा सभी आयु वर्ग के कुत्तों में अधिक हानिकारक होता है जबकि बबेसिया केनिस कुत्तों के बच्चों में अधिक हानि पहुंचाता है।
रोग का प्रसार
कुत्तों में इस रोग का फैलाव बबेसिया प्रजाति के संक्रमित कुत्तों से स्वस्थ कुत्तों में राइपीसिपैलेस सेनगुईनस, नाम की संक्रमित किलनियों द्वारा , रक्त चूसने के कारण होता है।
रोग के लक्षण
तीव्र बुखार, भूख नहीं लगना, दुर्बलता, वमन अर्थात उल्टी, रक्त अल्पता अर्थात एनीमिया, लाल रक्त कणिका के टूटने के कारण मूत्र का रंग काला, पीलिया तथा पहले कब्ज व बाद में अतिसार होता है।
रोग का निदान
बबेसिया से संक्रमित कुत्तों के निदान के लिए निम्नांकित विधि अपनाई जा सकती है:
- रक्ताल्पता, काला मूत्र अर्थात हीमोग्लोबिनुरिया आदि के लक्षणों के आधार पर।
- संक्रमित कुत्तों से रक्त निकालकर रक्त आलेप बनाकर एवं जिमसा रंग से रंग कर सूक्ष्मदर्शी की सहायता से जांच करने पर लाल रक्त कणों में नाशपाती के आकार का बबेसिया प्रजाति का प्रोटोजोआ पाया जाता है।
- शव परीक्षण में प्लीहा बड़ी हुई पाई जाती है।
- सेरोलॉजिकल जांच के आधार पर।
उपचार
- बबेसिया गिब्सोनी के उपचार में डाएमीनाजीन ऐसीचुरेट 3.5 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम शरीर भार के अनुसार तथा बबेसिया केनिस , के उपचार के लिए इमिडोकार्ब डाई प्रोपियोनेट 5 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम शरीर भार के अनुसार सुई द्वारा मांस में लगाया जाता है।
- ट्रिपेन ब्लू, का 1% घोल 10 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम शरीर भार के अनुसार नस में दिया जाता है।
- लिवर टॉनिक के रूप में मैबोलिव अथवा लिव-52 का प्रयोग करते हैं।
नोट: उपरोक्त बीमारी का इलाज कुशल पशु चिकित्सक के निर्देशन में कराना चाहिए।
संदर्भ
- वेटनरी क्लिनिकल मेडिसिन लेखक अमलेंदु चक्रवर्ती.
- मर्क्स वेटनरी मैनुअल
इस लेख में दी गयी जानकारी लेखक के सर्वोत्तम ज्ञान के अनुसार सही, सटीक तथा सत्य है, परन्तु जानकारीयाँ विधि समय-काल परिस्थिति के अनुसार हर जगह भिन्न हो सकती है, तथा यह समय के साथ-साथ बदलती भी रहती है। यह जानकारी पेशेवर पशुचिकित्सक से रोग का निदान, उपचार, पर्चे, या औपचारिक और व्यक्तिगत सलाह के विकल्प के लिए नहीं है। यदि किसी भी पशु में किसी भी तरह की परेशानी या बीमारी के लक्षण प्रदर्शित हो रहे हों, तो पशु को तुरंत एक पेशेवर पशु चिकित्सक द्वारा देखा जाना चाहिए। |
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