दुधारू पशुओं की उत्पादन क्षमता बढ़ाने हेतु आहार व्यवस्था एवं खनिज मिश्रण का महत्व

4.9
(21)

सामान्यता एक वयस्क पशु को प्रतिदिन 6 किलो सूखा चारा और 15 से 20 किलो तक हरा चारा खिलाना चाहिए। फलीदार और बिना फलीदार हरे चारे को समान अनुपात में मिलाकर खिलाना चाहिए। हरे चारे की फसल को जब आधी फसल में फूल आ जाए तभी काट कर खिलाना उपयुक्त होता है। अतिरिक्त हरे चारे को सुखाकर “हे” या गड्ढे में दबा कर “साइलेज” बनाना चाहिए। इस तरह से संरक्षित चारे का उपयोग गर्मियों में या हरे चारे की कमी के समय लाभदायक होता है। जब पशुओं को मुख्य रूप से सूखा चारा ही उपलब्ध हो, तो यूरिया-मौलासिस मिनरल ब्लॉक का उपयोग करना चाहिए।

पशुओं को स्वस्थ रखने व उनके उत्पादन में वृद्धि के लिए संतुलित पशु आहार या बाईपास प्रोटीन आहार भी, समुचित मात्रा में देना चाहिए। पशुओं को प्रतिदिन अच्छी गुणवत्ता का खनिज मिश्रण खिलाना चाहिए , क्योंकि शरीर की आंतरिक क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए खनिज तत्व अनिवार्य होते हैं। पशुओं का आहार अचानक न बदल कर धीरे-धीरे बदलना चाहिए। चारे को काटकर खिलाना लाभदायक है। सूखा चारा, हरा चारा, पशु आहार व खनिज मिश्रण मिलाकर (सानी बनाकर) एक बार में न देकर प्रतिदिन तीन से चार बार में बांट कर देना उपयुक्त होता है। सानी बनाने से चारे की बर्बादी कम होती है और चारा  सुपाच्य हो जाता है, जिससे पशु का दूध उत्पादन बढ़ता है।

और देखें :  डेयरी प्रबंधन और दूध से मूल्यवर्धन पर प्रशिक्षण का आयोजन

पशुओं को खनिज मिश्रण खिलाने का महत्व

शरीर की आंतरिक क्रियाओं को सुचारू रूप से कार्य करने हेतु उसके आहार में खनिज लवणों की उचित मात्रा का महत्वपूर्ण योगदान है। खनिज मिश्रण में सभी तत्व आवश्यक मात्रा में पाए जाते हैं। इसके खिलाने से निम्नलिखित लाभ है:

  1. बछड़े /बछियों की वृद्धि में सहायक है।
  2. पशु द्वारा खाए गए आहार को सुपाच्य बनाता है।
  3.  दुधारू पशु के दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करता है।
  4. प्रजनन शक्ति को अच्छा रखता है और दो ब्यातों के बीच के, अंतराल को कम करता है। पशु लंबी अवधि तक उपयोगी रहता है। पशु के पूरे जीवन काल में अधिक बच्चों एवं दुग्ध की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
  5. पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का कारण पशुओं की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।
  6. पशुओं में ब्यांत के आसपास होने वाले रोगों जैसे दुग्ध ज्वर, कीटॉसिस, मूत्र में रक्त आना इत्यादि की रोकथाम करता है।
  7. बछड़े बछिया को 20 से 25 ग्राम खनिज मिश्रण प्रतिदिन देना चाहिए।
  8. बढ़ते हुए पशु तथा वयस्क पशु जो दूध में ना हो को 50 ग्राम खनिज मिश्रण प्रति पशु प्रतिदिन देना चाहिए।
  9. दूध देने वाले पशु को 100 से 200 ग्राम प्रति पशु प्रतिदिन (दुग्ध उत्पादन के अनुसार) देना चाहिए।
और देखें :  अधिक उत्पादन हेतु पशुओं को आहार एवं जल/ पानी देने के नियम
इस लेख में दी गयी जानकारी लेखक के सर्वोत्तम ज्ञान के अनुसार सही, सटीक तथा सत्य है, परन्तु जानकारीयाँ विधि समय-काल परिस्थिति के अनुसार हर जगह भिन्न हो सकती है, तथा यह समय के साथ-साथ बदलती भी रहती है। यह जानकारी पेशेवर पशुचिकित्सक से रोग का निदान, उपचार, पर्चे, या औपचारिक और व्यक्तिगत सलाह के विकल्प के लिए नहीं है। यदि किसी भी पशु में किसी भी तरह की परेशानी या बीमारी के लक्षण प्रदर्शित हो रहे हों, तो पशु को तुरंत एक पेशेवर पशु चिकित्सक द्वारा देखा जाना चाहिए।

यह लेख कितना उपयोगी था?

और देखें :  सर्दिओ में जरा सी लापरवाही पशुओ पर पड़ सकती है भारी

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.9 ⭐ (21 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*