बिहार सरकार ने राज्य योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए सूअर पालन को बढ़ावा देने के लिए नई योजना की शुरुआत कि है। छोटी छोटी योजनाओं के माध्यम से पशुपालकों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सूकर पालन के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इस योजना से न केवल सुकर पालकों कि आय में वृद्धि होगी बल्कि माँस के रूप में पशुजन्य प्रोटीन की उपलब्धता में भी वृद्धि होगी।
18 हज़ार 900 रूपए कि एक इकाई के लिए मिलेगा 80 प्रतिशत अनुदान
इस योजना के तहत प्रति लाभार्थी को दो मादा (Sow) और एक नर (Boar) सूअर के लिए एक इकाई के रूप में इन्शुरेंस कि लागत सहित 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। एक इकाई कि अधिकतम कुल लागत 18 हज़ार 900 रूपए है, जिसमे 18 हज़ार रूपए पशु क्रय हेतु तथा 900 रूपए इन्शुरेंस कि लागत है। इस प्रकार एक इकाई सूकर (इन्शुरेंस कि लागत सहित) 80% कि दर से 15 हज़ार 120 रूपए का अनुदान लाभार्थी को प्राप्त होगा। सूकर के रख रखाव एवं भोजन कि व्यवस्था लाभार्थियों द्वारा स्वयं वहन कि जायेगी।
कैसे करें आवेदन
इस योजना के तहत अनुसूचित वर्ग का ही कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है। आवेदन 12 दिसम्बर 2020 से 10 जनवरी 2021 तक आवेदन किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन पशुपालन विभाग कि वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/ahd/ पर किये जा सकते हैं।
इसका डेट बढ़ेगा की नही