जीवाणु एवं कवक जनित बीमारियां
- एंथ्रेक्स: गाय तथा भैंस के कान की शिरासे रक्त फिल्म, घोड़ा सूकर तथा कुत्ते में सबक्यूटेनियस स्वेलिंग से इसमीयर, अगर कार्कस खोला गया हो तो स्प्लीन से इसमियर, तथा उसका टुकड़ा बर्फ के साथ। वैसे इस बीमारी में कार्कस नहीं खोला जाता है।
- एक्टिनोबैसिलोसिस एवं एक्टीनोमायकोसिस: पस स्मीयर, पस, पासचर पिपेट, मैं लेकर बर्फ के साथ, टिश्यू को 10% फॉर्मोल सलाइन में रखा जाता है।
- ब्लैक क्वार्टर: हेमोरेजिक मस्कुलर एक्जुडेट की, इसमीयर, एकजूडेट पिपेट में , प्रभावित मांस पेशी तथा यकृत के टिशू बर्फ के साथ थरमस में।
- संक्रामक गर्भपात/ ब्रूसेलोसिस: गर्भाशय स्राव, दूध, बच्चे के अबोमेजम के कंटेंट, प्लेसेंटा बर्फ के साथ थरमस में। रक्त का सिरम तथा सीमन प्लाज्मा सीरोलॉजिकल, अध्ययन हेतु।
- बोवाइन और कैप्राइन प्लूरोन्यूमोनिया: फेफड़े तथा प्लूरा के टिशू, ताजा एक्जुडेट, बर्फ के साथ थरमस में।
- बोटूलिज्म: आंतों का पदार्थ क्लोरोफॉर्म के साथ।
- एनटीरोटॉकसीमिया: ड्यूडिनम, जेजुनम, तथा इलियम का पदार्थ क्लोरोफॉर्म के साथ।
- भेड़ में फुटराट: डीप स्क्रेपिंग तथा इसमीयर्स लीजन से।
- ग्लैंडरस: नथुने, त्वचा, फेफड़े तथा विसरा लीजन के पदार्थ बर्फ के साथ थरमस में।
- एच. एस.: रक्त फिल्म, स्प्लीन, लिंफ नोड तथा जिलेटिनस श्रॉव तथा अन्य स्राव बर्फ के साथ थरमस में तथा लंबी हड्डियों को चारकोल चूरा में पैक करके भेजना चाहिए।
- जॉनी डिजीज/ पैराट्यूबरक्लोसिस: रेक्टल पिंच, तथा बाबल वाशिंग की इसमियरस। इलियम तथा इलिओसिकल वॉल्व के साथ एक से 2 फीट लंबाई में तथा इतनी ही लंबी पड़ोस का सीकम इनमें कंटेंट ना हो, इलिओसिकल क्षेत्र की कोई लिंफ नोड 10% फॉर्मोल सैलाइन में।
- लैपटोस्पायरोसिस: लिवर तथा किडनी के टुकड़े 10% फॉरमोल सलाइन में, तथा सेरोलॉजिक अध्ययन हेतु रक्त सीरम भी भेजा जाता है।
- थनैला: दो-दो मिल्क सैंपल प्रत्येक थन से 2% बोरिक एसिड घोल के साथ, तथा इसी प्रकार से बिना बोरिक एसिड के बर्फ के साथ थरमस में।
- सालमोनेलोसिस: रक्त, स्प्लीन, तथा आंतों का पदार्थ बर्फ के साथ थरमस में।
- ट्यूबरकुलोसिस: प्रभावित टिशु, लिंफ नोड बर्फ में तथा 10% फॉरमोल सैलाइन में भी।
- टेटनस: रक्त स्मीयर घाव के अंदरूनी भाग की स्मीयरस।
- कैंपाइलोबैक्टीरियोसिस: बच्चे की पेट का कंटेंट, प्लेसेंटा का भाग, गर्भाशय स्राव, सांड का सीमन बर्फ के साथ थरमस में। एगलूटीनेशन टेस्ट हेतु, सर्वाइकल म्यूकस लिया जाता है।
- फाउल एस्पेरजिलोसिस: रोगी पंछी, मृत पक्षी के फेफड़े बर्फ के साथ थरमस में तथा एयर सैक्स के केजीएस पदार्थ मूल रूप में।
- फाउल कॉलरा: संपूर्ण पक्षी, रक्त, स्प्लीन, रक्त इसमीयर लीजनस के पदार्थ बर्फ के साथ थरमस में।
- फाउल टाइफाइड: संपूर्ण पक्षी, स्प्लीन, यकृत, वृषण तथा गुर्दा बर्फ के साथ थरमस में।
- स्पायरोकीटॉसिस: रक्त स्मीयर, रक्त समान मात्रा में 10% साइट्रेट घोल के साथ, उन पक्षियों से जिन का तापमान बढ़ा हुआ हो।
- पुलोरम डिसीज: वयस्क पक्षी का रक्त सीरम लिवर तथा आंतों के पदार्थ बर्फ के साथ थरमस में।
वायरल एवं रिकेट्सियल बीमारियों के स्पेसिमेंस का एकत्रीकरण
- ब्लू टंग: रक्त तथा स्प्लीन बर्फ के साथ थरमस में परंतु यह उस समय लिए जाएं जब तापमान उच्चतम हो।
- कनाइन डिस्टेंपर: मूत्राशय, गुर्दे, यकृत, फेफड़े तथा ट्रेकिया का टिशू 10% फॉरमोल सलाइन में।
- कैनाइन हिपैटाइटिस: यकृत फेफड़े गुर्दे तथा मूत्राशय का टिश्यू 10% फॉरमोल-सलाइन में, तथा रक्त सीरम भी।
- कॉन्टेजियस एकथाइमा आफ शीप और कॉन्टेजियस पशचुलर डर्मेटाइटिस: प्रभावित टिशू 50% बफरड ग्लिसरीन में, तथा 10% फारमोल सलाइन में, भी।
- फुट एंड माउथ डिजीज: वेसीकुलर एपीथिलियम, तथा मुंह तथा खुर के लीजनस से फ्लूइड 50% बफरड ग्लिसरीन में, तथा रक्त सीरम में भी।
- रेबीज: मध्य से ब्रेन को दो भागों में काटकर आधा भाग 10% फॉरमोल सलाइन, मैं तथा आधा भाग 50% बफरड ग्लिसरीन में। ब्रेन टिशु से स्लाइड बनाकर उसे मिथाइल अल्कोहल से फिक्स करके भेजें।
- स्वाइन फीवर: रक्त, स्प्लीन, टिशु 50% बफरड ग्लिसरीन मैं बर्फ के साथ थरमस में। ब्रेन और लिंफ नोड का टिशू 10% फॉरमोल सेलाइन में।
- सीप पॉक्स: स्केबस 50% बफरड ग्लिसरीन में, तथा रक्त सिरम।
- स्क्रैपी: ब्रेन तथा स्पाइनल कार्ड टिशू 10% फॉरमोल सेलाइन में।
- वायरल डायरिया आफ कैटल/ मयूकोशल डिसीज कंपलेक्स: डिफाइब्रिनेटेड रक्त और साईंट्रेटेड रक्त तापमान की उच्चतम अवस्था में। स्प्लीन तथा लिंफ नोड के टिस्यू 50% बफरड ग्लिसरीन, मैं तथा 50 से 100 ग्राम इंटेस्टाइनल कंटेंट 50% बफरड ग्लिसरीन में बर्फ के साथ थरमस में रखकर प्रेषित करें।
- एवियन इंसेफेलाइटिस: रक्त सीरम, ब्रेन और स्पाइनल कार्ड का टिशु 10% फॉरमोल सलाइन में।
- क्रॉनिक रेस्पिरेट्री डिजीज: प्रभावित पक्षी का रक्त सीरम, ट्रेकिया से स्वाब, और केजिएस एयर सैक पदार्थ बर्फ के साथ थरमस में। ट्रेकिया, लंगस तथा एअरसैक का टिश्यू 10% फॉरमोल सलाइन में।
- आई एल टी: संपूर्ण पक्षी या ट्रेकिया के टुकड़े बर्फ के साथ तथा 10% फॉरमोल सलाइन में भी।
- रानीखेत बीमारी: संपूर्ण पक्षी या ब्रेन, स्प्लीन, लिवर, टिशू 50% बफरड ग्लिसरीन में, रक्त सीरम भी प्रेषित करते हैं।
1 Trackback / Pingback