मार्च/ फाल्गुन माह में पशुपालन कार्यों का विवरण

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और देखें :  अगस्त/ सावन माह में पशुपालन कार्यों का विवरण

  • पशुशाला की सफाई व पुताई करें।
  • नर पशुओं का बधियाकरण कराएं।
  • खेतों में चरी सूडान तथा लोबिया की बुवाई करें।
  • गाय भैंस व बकरी का क्रय करें।
  • मौसम में परिवर्तन से पशुओं का बचाव करें।
  • बच्चा देने वाले एवं दुधारू पशुओं को खनिज मिश्रण 50 ग्राम प्रति पशु प्रतिदिन दें।
  • बहु वर्षीय घासो जैसे हाइब्रिड नैपियर, गिनी घास की रोपाई खेतों में करें।
  • हरे चारे से साइलेज तैयार करें।
  • बदलते मौसम में पशुओं की स्वास्थ्य रक्षा का समुचित ध्यान रखें।
  • सभी पशुओं में खुर पका मुंह पका रोग का टीकाकरण कराएं।
  • 3 माह पूर्व कृत्रिम गर्भाधान किए गए पशुओं का गर्भ परीक्षण कराएं। जो पशु गर्भित न हो उनकी सम्यक् जांच के उपरांत समुचित उपचार कराएं।
  • पशुओं से दूध निकालने के पूर्व एवं पश्चात थनों को 1:1000 पोटेशियम परमैंगनेट के घोल से अच्छी तरह से धुलाई करें जिससे कि थनैला बीमारी की रोकथाम की जा सके।
और देखें :  दुधारु पशुओ के आहार मे एलोवेरा योजक का महत्व
और देखें :  पशुपालकों को वर्ष पर्यंत हरा चारा उत्पादन संबंधी दिशा निर्देश

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