भारत सरकार के राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजनान्तर्गत तथा उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद् लखनऊ द्वारा वित्तपोषित ‘‘मल्टीपर्पज आर्टीफिशिअल इन्सेमिनेशन टेक्नीशियन इन रूरल इंडिया” (मैत्री) के 90 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ आज दिनांक 15 मार्च 2021 को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय स्थित पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया।
इसके साथ आत्मा योजना के अंतर्गत जनपद बिजनौर के 12 कृषकों के पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारम्भ किया गया। जिसमें कृषकों को पशु पालन सम्बन्धी जानकारी दी जाएगी। मैत्री प्रशिक्षण के 90 दिवसीय कार्यक्रम में कृत्रिम गर्भाधान को स्वरोजगार के रूप में अपनाने के लिए प्रथम चरण में कुल 40 प्रशिक्षणार्थियों जोकि हरदोई, सोनभद्र एवं बस्ती जनपदों से आये हुए हैं उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा।
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. आर.के. मित्तल ने कृत्रिम गर्भाधान को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरित किया तथा पशु उत्पादन एवं पशु आधारित अर्थव्यवस्था में पशु प्रजनन की महत्ता का उल्लेख किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान मेरठ डॉ. अभिजीत मित्रा ने पशुओं में समय से गर्भाधान न हो पाने की दशा में पशुपालकों को होने वाले नुकसान की जानकारी दी। कार्यक्रम में स्वागत भाषण अधिष्ठाता पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय ने प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम की विस्तृत रुपरेखा डॉ. विजय सिंह, मादा पशु रोग एवं प्रसूति विज्ञान विभाग द्वारा प्रस्तुत की गयी।
निदेशक शोध डॉ. अनिल सिरोही ने ग्रामीण रोजगार एवं स्वावलम्बन में पशु पालन सम्बन्धी तकनीकों के योगदान की चर्चा की। आभार प्रदर्शन, आयोजन सचिव डॉ मनीष शुक्ला द्वारा किया गया । कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. अमित कुमार वर्मा, डॉ. अतुल कुमार वर्मा, डॉ. अखिल पटेल, डॉ. अरबिंद सिंह एवं डॉ. आशुतोष त्रिपाठी की प्रमुख भूमिका रही। कार्यक्रम में डॉ. विनोद कुमार उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी बिजनौर भी उपस्थित रहे।
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