बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में पशुचिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग और राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में फार्म और पालतू पशुओं के पैथोलॉजिकल डायग्नोसिस में नवीनतम दृष्टिकोण पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के पहले दिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मॉलिक्युलर पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजित कुमार सक्सेना और सवेरा कैंसर हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट डॉ. पी.के वर्मा एक्सपर्ट के तौर पर मौजूद थे। इस दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन निदेशक अनुसंधान डॉ. रविंद्र कुमार, डीन, बिहार वेटनरी कॉलेज, डॉ. जे.के. प्रसाद, पशुचिकित्सा महाविद्यालय के वेटनरी पैथोलॉजी विभाग के सहायक प्राध्यापक-सह-कार्यशाला संयोजक डॉ. संजीव कुमार और विशेषज्ञों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यशाला के पहले दिन डॉ. अजित कुमार सक्सेना ने रोग निदान में मॉलिक्यूलर एप्रोच और कार्योटाइपिंग पर अपना व्याख्यान दिया वहीं दूसरी ओर डॉ. पी.के. वर्मा ने संक्रामक रोगों और कैंसर का पता लगाने के लिए हिस्टोपैथोलॉजी की तकनीकों में नई तकनीक के इस्तेमाल पर लेक्चर दिया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन एन.एम.सी.एच. पटना के पैथोलॉजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. आशीष गुप्ता ने ऑन्कोपैथोलॉजी में एडवांस डायग्नोसिस के कार्यविधि पर प्रकाश डाला। एक अन्य विशेषज्ञ के तौर पर मौजूद पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के वेटनरी पैथोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. एस.के. मुखोपाध्याय ने जानवरों में फंगल रोगों के निदान में नए प्रयोगों की जानकारी दी। बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के वेटनरी पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कौशल ने कैंसर निदान में प्रोलाइफरेटिव मार्कर के उपयोग और महत्व के बारे में विस्तार से बताया साथ ही डॉ. संजीव कुमार ने रोग के डायग्नोसिस में डायग्नोस्टिक साइटोलॉजी की आवश्यकता पर अपना व्याख्यान पेश किया। इस दो दिवसीय कार्यशाला का समापन मंगलवार को वेटरनरी कॉलेज में हुआ जिसमे महाविद्यालय के शिक्षक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थी शामिल थे।
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