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- गर्मी से बचाव का उपाय करें।
- गला घोटू तथा लंगड़ियां बुखार से बचाव का टीका समस्त पशुओं में लगवाएं।
- पशुओं को हरा चारा पर्याप्त मात्रा में खिलाए।
- पशुओं को स्वच्छ ताजा जल पिलाएं तथा प्रातः एवं सायं नहलाएं।
- पशुओं को लू एवं गर्मी से बचाने की व्यवस्था करें।
- पशुओं को 50 ग्राम खनिज मिश्रण एवं 50 ग्राम नमक का सेवन प्रतिदिन कराएं।
- गर्भ परीक्षण तथा अनुउर्वर पशुओं का समुचित उपचार कराएं।
- चारे के संग्रहण व उसकी उचित समय पर खरीद कर ले।
- पशुओं के राशन में गेहूं के चोकर तथा जौ की मात्रा बढ़ाए।
- किलनी अर्थात कलीली एवं पेट के कीड़ों से पशुओं के बचाव का समुचित प्रबंध करें।
- स्वच्छ दूध उत्पादन हेतु दूध निकालने के पूर्व एवं पश्चात थनों को पोटेशियम परमैंगनेट के घौल से दुलाई करें। इस प्रकार पशुओं में थनैला रोग होने की संभावना काफी कम हो जाएगी।
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Author
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पशु चिकित्सा अधिकारी, पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश, पूर्व सहायक आचार्य, मादा पशु रोग एवं प्रसूति विज्ञान विभाग, दुवासु, मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत
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