कोविड-19 महामारी के समय में डेरी पशुओं के सामान्य प्रबंधन हेतु महत्वपूर्ण सलाह

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सबसे पहले पशुपालकों को यह समझना जरुरी है कि किसी को खांसी, बुखार एवं स्वास लेने में तकलीफ आदि जैसे लक्षण होने पर ही उसे कोरोना का संक्रमण हो यह जरुरी नहीं है, बल्कि यह विषाणु, स्वस्थ दिखने वाले किसी भी व्यक्ति के शरीर में मौजूद हो सकता है तथा उन्हें संक्रमित कर सकता हैl इसलिए वे खुद को व अपने पशुओं को संक्रमण संभावित स्थानों व इंसानों से दूर रखेंl हालाँकि अभी तक ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि पशु इस विषाणु को फ़ैलाने में मत्वपूर्ण भूमिका निभाते है परन्तु ऐसी सम्भावना हो सकती है जिसमे कुछ विशेष परिस्तिथियों में यह विषाणु पशुओं से इंसानों एवं इंसlनो से पशुओ में भी फ़ैल सकता है। इसलिए सभी पशुपालकों को सावधानी बरतते हुए निम्न बातों का सदैव ध्यान रखना चाहिए जिससे वे अपने पशु व अपने प्रियजनों को कोरोना जैसी महामारी से बचा सकें:

  1. पशुशाला में गैरजरूरी व्यक्तियों के आवागमन को तत्काल प्रतिबंधित कर दें व अपने पशुधन को भी सार्वजानिक/ खुले स्थानों पर न बांध कर अपने घर/बाड़े में ही बाँधे।
  2. यदि पशु बीमार है तो घर पर ही प्राथमिक उपचार करे या फोन पर पशुचिकित्सक से परामर्श लेवें और बहुत जरुरत होने पर ही पशुचिकित्सक को अपने घर पर बुलाएं।
  3. जब भी आप पशुशाला में जाएं तो अपने मुँह व चेहरे को मास्क या कपड़े से  ढक कर ही जाएं ताकि यह विषाणु सांस के द्वारा आपके शरीर में प्रवेश न सके।
  4. पशुशाला के द्वार पर सैनिटाइज़र या साधारण साबुन व् पानी रखें तथा पशुशाला में प्रवेश से पूर्व व निकलते समय अपने हाथ अच्छे से धोएं व उसके पश्चात् ही अपने मास्क आदि को छुएं।
  5. यदि अस्वस्थ महसूस कर रहे हो तो पशुशाला में न जाए व स्वस्थ होने तक सामाजिक दूरी बना कर  रहें।
  6. बड़ी पशुशाला में यदि एक से अधिक श्रमिक कार्य करते है तो रोजमर्रा के कार्यों के दौरान उन्हें सामाजिक दूरी (कम से कम 2 गज) बनाए रखने व् हर 2-3 घंटे के पश्चात् हाथ धोने के लिए प्रेरित करे।*पशुशाला में कोई भी कर्मचारी बाहर से न आये तथा पशुपालक उनके रहने, खाने व् रोजमर्रा के कार्यों की समुचित व्यवस्था कार्यस्थल पर ही करें।*पशुशाला में कार्य करने वाले सभी व्यक्तियों के पशुशाला व घर के लिए अलग अलग कपड़े होने चाहियेंl
  7. पशुशाला में उपयोग होने वाले सामान व उपकरण को नियमित रूप से साफ़ करे।
  8. पशुओं के बाड़े को 1% हाइपोक्लोराइट घोल के साथ रोजाना दो बार साफ़ करें।
  9. धातु के बर्तनों को किसी डिटर्जेंट के घोल से साफ़ करें या 70% अल्कोहल भी उपयोग कर सकते है।*स्वच्छ दूध सुनिश्चित करने के लिए अयन व थनों को एंटीसेप्टिक घोल जैसे पोटासियम परमैंगनेट (लाल दवा) या नीम की पत्तियां उबले हुए पानी से, धो लेने के पश्चात् ही दूध दोहन करें।
  10. यदि सुरक्षित तरीके से दूध नहीं बेच पा रहे है तो घी आदि बनाकर संग्रहित कर ले व् छाछ आदि पशुओं को पिलाएं।
  11. सभी नमस्कार करने की आदत डालें व हाथ मिलाने से बचे।
  12. पशुशाला से सम्बंधित सभी व्यक्तियों के फोन में आरोग्य सेतु अप्लीकेशन सुनिश्चित करे व समय समय पर उसके द्वारा अपने स्वास्थ्य की जांच करते रहेंl
  13. जितना हो सके नकद लेनदेन की अपेक्षा ऑनलाइन माध्यम ही अपनाएं।

इन सभी उपरोक्त बातों का ध्यान रखने से हम कोरोना महामारी से निपटने में मत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है व स्वयं एवं अपने परिवार को सुरक्षित भविष्य दे सकते हैं।

और देखें :  पशु स्वास्थ्य एवं रोगी पशु के लक्षण तथा उनका प्रबन्ध

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और देखें :  पशुओं में सार्स कोरोना वायरस-2 विषाणु का संक्रमण: जानकारी एवं बचाव

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