पशुचिकित्सक और पैरा वेट्स को वैक्सीन न लगने से जताई चिंता और नाराजगी

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हिमाचल प्रदेश पशु चिकित्सक संघ ने जताई चिंता और नाराजगी

डॉ. मधुर गुप्ता, प्रदेश महासचिव, हिमाचल प्रदेश पशु चिकित्सक संघ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के केस अब गति पकड़ गए हैं, सरकार भी इस पर काबू पाने के लिए आवश्यक इंतजाम कर रही है। आवश्यक सेवाओं की श्रेणी के विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपनी सेवाएं लोगो को अपनी जान को जोखिम में डालकर कर दे रहे हैं। आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में आने वाले कुछ विभागो को कोरोना वॉरियर भी घोषित किया गया है। सभी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोजे भी लग गई है जो उचित कदम है। हिमाचल प्रदेश का वेट्स व पेरावेट्स भी इस संकट की घड़ी में सरकार के साथ खड़ा है।

डॉ. गुप्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पशु पालन विभाग में कार्यरत वेट्स व पैरावेट्स ने अपनी चिकित्सीय सुविधा लोगो को कोरोना काल में भी घर द्वार पर दी है, और अब कर्फ्यू काल मे भी बेखूबी दे रहे है। उन्हें वैक्सीन लगाना सरकार भूल गई है जबकि ये बात सरकार के ध्यान में पिछ्ले कई महीनों में बहुत बार लाई गई है, पशुपालन विभाग को सरकार ने आवश्यक सेवाओं में रखा तो है, किंतु उन्हें अभी तक कोरोना वैक्सीन की कोई भी डोज विभाग व प्रसाशन की ओर से नही दी गई है। अगर सरकार वेट्स और पैरावेट्स को आपातकालीन सेवाओं में रखा है तो वैक्सीन क्यों नही लगाई? हिमाचल प्रदेश के वेट्स व पेरावेट्स वैक्सीन लगाने की सूची में निरादर पाये जाने से स्वयं को ठगा महसूस कर रहा है, जो स्वाभाविक भी है और दूसरी तरफ आम जनता के लिए भी ये बहुत घातक सिद्ध हो सकता है क्योंकि हम लोग सोसाइटी में कोविड स्प्रेड का एक बहुत बड़ा सोर्स हैं, अमूमन हम दिन भर काम के सिलसिले में अलग अलग घरों में जाते रहते हैं और अब तो जानवरों में भी कोरोना विषाणु पाया गया है।

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हम एक जीता जागता कोरोना बम साबित हो सकते हैं सोसाइटी के लिए

डॉ. मधुर गुप्ता ने कहा हम एक जीता जागता कोरोना बम साबित हो सकते हैं सोसाइटी के लिए इसलिए हमारी वैक्सीनेशन जरूरी है, अगर मानव समाज में कोरोना को नियंत्रण करना है तो। डॉ. मधुर गुप्ता ने कहा जब पशुपालन विभाग को आवश्यक सेवाओं में रखा है ओर विभाग के पशुचिकित्सक व अन्य कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डाल कर कोरोना काल में अपनी सेवाएं दे रहे तो उनको प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन क्यों नहीं लगाई जा रही, इसी सिलसिले में हिमाचल प्रदेश पशु चिकित्सक संघ ने 7 मई 2021 को मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को इस बारे पत्र द्वारा अवगत करवाया और कहा कि यह न सिर्फ पशु चिकित्सकों की अनदेखी है बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ है। विभाग पहले ही कई बार इस बारे सरकार को सूचित भी कर चुका है और वैक्सीनेशन की मांग भी कर चुका है। हिमाचल प्रदेश पशु चिकित्सक संघ ने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त कि है और कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश के वेट्स व पैरावेट्स के साथ सौतेला व्यवहार तो किया ही जा रहा है जिसकी संघ घोर निंदा करता है। उधर साथ ही प्रदेश की आम जनता और पशुपालकों की सेहत से भी खिलवाड़ किया जा रहा है क्योंकि पशु चिकित्सक आए दिन बेजुबान पशुओं के इलाज के वक़्त सीधे तौर पर पशु मालिक और उसके परिवार के सम्पर्क में आते हैं।

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इस सम्बन्ध में संघ ने दिया मुख्यमंत्री को ज्ञापन

संघ कई बार इस मुद्दे को निदेशक पशु पालन विभाग व उच्च स्तर पर लिख चुका है किंतु कोई भी सुनवाई नहीं हुई, अंत में इस मुद्दे को संघ के प्रान्त सचिव डॉ. मधुर गुप्ता के माध्यम से 7 मई को ही माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश व पशुपालन मंत्री श्री वीरेंद्र कंवर के समक्ष उठाया, जिसकी प्रतिलिपि अतिरिक्त मुख्य सचिव पशु पालन एवं निदेशक पशुपालन को भी भेज दी गई है।

हिमाचल प्रदेश पशु चिकित्सक संघ ने सरकार से मांग की है कि विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर घोषित किया जाए, महामारी से बचाव के लिए उन्हें कोरोना की वैक्सीन लगाई जाए, मूलभूत सुविधाएं, उपलब्ध करवाई जाये, घर द्वार पर दी जाने वाली चिकित्सा सुविधा फिलहाल रोक दी जाये क्योंकि बहुत से परिवार अब संक्रमित पाये गए है। साथ ही विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी चपेट में आ चुके हैं और वेट्स व पेरावेट्स उनके घर द्वार जाते है तो उनसे भी संक्रमित हो रहे हैं। जब तक कोरोना का प्रकोप ज्यादा है तब तक घर द्वार सुविधा बंद रखी जाए, ड्यूटी समय में संक्रमित हुए व्यक्ति की मृत्यु होने पर मुआवजा दिया जाये, प्रदेश के वेट्स के प्रति ढुलमुल रवैया न अपनाया जाये, वेट्स व पेरावेट्स की मृत्यु होने पर विभाग व प्रशासन की जबाब देही निश्चित हो।

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