दुधारू पशुओं में ऊष्मीय तनाव का समुचित प्रबंधन
पशुओं के शरीर की ऊष्मा छय करने की क्षमता व प्राकृतिक क्रियाओं से शारीरिक तापमान नियंत्रित नहीं हो पाता तो उसे उष्मीय तनाव अथवा हीट स्ट्रेस कहा जाता है >>>
पशुओं के शरीर की ऊष्मा छय करने की क्षमता व प्राकृतिक क्रियाओं से शारीरिक तापमान नियंत्रित नहीं हो पाता तो उसे उष्मीय तनाव अथवा हीट स्ट्रेस कहा जाता है >>>
पशुओं के सामान्य रोग: इंपैक्शन ऑफ रूमेन, टिंपैनी अथवा अफारा, डायरिया/ दस्त, कब्ज, नाक से खून आना, पैंटिंग/हॉफना, ट्राउमेटिक पेरिकार्डाइटिस, पेट के कीड़े अर्थात पटेरे पडना, कीड़े युक्त घाव, सींग टूटना >>>
गाय-भैंसों में गर्भाशय ग्रीवा की सूजन, गर्भाशयशोथ (Cervicitis) के कारण होती है। इसके अतिरिक्त असामान्य प्रसव, गर्भपात, समय से पहले बच्चा देना, कठिन प्रसव या फिटोटोमी के समय, बच्चे की ज्यादा खींचतान >>>
कोविड-19 लॉक डाउन के दौरान कई बार पशुपालक अपने पशुओं के बीमार होने पर शीघ्र पशुचिकित्सक को बुलाकर इलाज़ नहीं करा पाते हैं, इससे पशुपालकों को नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। ऐसे समय में पशुपालक यदि कुछ >>>
सालमोनेलोसिस को, टाइफाइड, पैराटायफाइड फीवर एवं एंटरिक फीवर भी कहते हैं। यह एक भयंकर अति संक्रामक रोग है जो सालमोनेला प्रजाति के जीवाणु द्वारा फैलता है। यह लगभग अधिकांश प्रकार के पशुओं में पाया जाता >>>
गर्मी के मौसम में होने वाले पशु रोग अत्याधिक गर्मी के कारण लू लगना। गर्मी के कारण स्ट्रेस यानी व्याकुलता। पशुओं में किलनी/कलीली आदि का लगना। पशुओं के पेट में कीड़े पड़ना। पशुओं में दस्त >>>
नवजात बछड़ों एवं बछियों में, होने वाले अतिसार को कोलीसेप्टिसीमिया, सेपटीसीमिक कोलीबेसिलोसिस एवं काफ स्कॉर के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी प्रबंधन की कमी के कारण उत्पन्न हुई मानी जा सकती है। >>>
यदि बच्चा देने की शुरुआत होने पर या बच्चा देने के समय गर्भाशय के संकुचन कमजोर हो या अनुपस्थित हो तो इस स्थिति को गर्भाशय की जड़ता अर्थात यूटेराइन इनरशिया कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है प्राथमिक >>>
पशुओं में जेर रुकने की समस्या: ब्याने के 8 से 12 घंटे तक जेर यदि अपने आप नहीं निकलती तभी इसे जेर का रुकना माना जाता है। >>>
पशुओं में पाए जाने वाले विभिन्न रक्त परजीवी रोग पशु चिकित्सा में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इन रक्त परजीवी रोगों से पशुओं का उत्पादन कम हो जाता है तथा ससमय उपचार न मिलने पर पशु की मृत्यु भी हो >>>
औषधि वह पदार्थ है जिन की निश्चित मात्रा शरीर में निश्चित प्रकार का असर दिखाती है। इनका प्रयोजन पशुओं के उपचार में होता है। किसी भी पदार्थ को औषधि के रूप में >>>
सिस्टिक ओवेरियन डिजनरेशन अंडाशय की वह स्थिति है जिसमें अंडाशय पर एक बड़ा सिस्ट या अप्राकृतिक फॉलिकल बन जाता है। जो लगभग 2.5 सेंटीमीटर या बड़े आकार का तरल पदार्थ से भरा हुआ यह सिस्ट कार्पस लुटियम की >>>
परंपरागत औषधी विज्ञान, उतना ही पुराना है जितनी मानव सभ्यता है। मानव ने अपनी आवश्यकतानुसार पशुओं को पालना शुरू किया और उनका उपचार भी मनुष्य द्वारा उनके पालने के साथ ही सहस्राब्धियों पुराना ही है। >>>
अतिसार स्वयं एक बीमारी न होकर अन्य बीमारियों का लक्षण है, जिसमें पशु बार-बार पतला गोबर करता है, निर्वल होता जाता है तथा पशु के शरीर में पानी व प्रमुख तत्वों की कमी हो जाती है। कारण इस रोग के अनेक >>>