पशुओं की बीमारियाँ

डेयरी पशुओं में योनि की सूजन (Vaginitis) कारण, लक्षण एवं उपचार

योनि में सूजन मुख्यतः तीन प्रकार की पाई जाती है : 1. जूविनाइल वेजाइनाइटिस मुख्य रूप से भैंस की ओसर जो प्रीप्यूबर्टल अवस्था में जब अंडाशय के पुटक विकसित होना प्रारंभ होते हैं और स्क्वैमस एपीथिलियम >>>

पशुओं की बीमारियाँ

बछड़ों को पेशाब रुकने अर्थात पेशाब के बंधे से कैसे बचाएं?

सर्दियों के दिनों में अक्सर बछड़ों एवं कटड़ों को पेशाब के रुकने से होने वाली परेशानी बंधे से बचाने के लिए नौसादर का प्रयोग उपयुक्त माना गया है। जैसा कि हम सभी जानते हैं सर्दियों में पेशाब का रुकना >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में पुछकटवा रोग या डेगनाला रोग

दुधारू पशुओं में डेगनाला बीमारी की संभावना नवंबर से फरवरी के बीच अधिक रहती है।पशुओं में कुछ कटवा रोग या डेगनाला रोग मुख्यतः भैंस जाति के पशुओं में होता है । परंतु गोवंश के पशु भी इस संक्रमण के शिकार >>>

पशुपालन

पशुओं के नवजात शिशुओं का प्रबंधन

सही अर्थों में नवजात शिशु की देखरेख उसके जन्म से पूर्व ही मादा के गर्भ से शुरू हो जाती है। अतः पशु के ब्याने के 3 महीने पहले से ही उसको समुचित चारा दाना आवश्यकतानुसार देना चाहिए। नवजात पशु के नाक >>>

पशुपालन

शीत ऋतु/ सर्दियों में गर्भित पशुओं का प्रबंधन

गर्भित पशुओं को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है: निषेचन से 3 माह तक के गर्भित पशु 3 माह से लेकर 6 माह तक के गर्भित पशु 6 माह से ऊपर के गर्भित पशु उपरोक्त तीनों श्रेणियों के गर्भित >>>

पशुपालन

वैश्विक स्वास्थ्य के लिए ‘एक स्वास्थ्य’ की ओर भारत के बढ़ते आवश्यक कदम

विश्वभर में 70 प्रतिशत से भी अधिक संक्रामक रोग प्राणीरूजा हैं जो पशुओं से मनुष्यों में फैलते हैं और इनकी संख्या और प्रकोप में भी लगातार वृद्धि हो रही है। प्राणीरूजा रोगों के फैलने से न केवल >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होने वाली प्रजनन संबंधी समस्याओं तथा उनका प्रबंधन

प्रजनन संबंधी रोग सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं में से एक है जो डेयरी गायों के उत्पादन और उत्पादकता को प्रभावित करती है। इनमें से अधिकांश समस्याएं प्रसव के समय और उसके तुरंत बाद उत्पन्न होती हैं। जिसके >>>

पशुपालन

सर्दियों में पशुओं का समुचित प्रबंधन

सर्दियों में पशुओं को ठंड से बचाना अत्यावश्यक है। यदि पशु को ठंडी हवा व धुंध/ कोहरा से बचाव का समुचित प्रबंध ना हो तो पशु बीमार पड़ जाते हैं जिससे उनके उत्पादन में तो गिरावट आती ही है साथ ही साथ पशु >>>

पशुपालन

पशुपालन में महिलाओं की भूमिका एवं लाभ

भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। पशुधन के प्रबंधन में भी महिलाओं की भूमिका बढ़ रही है। पशुधन उत्पादन प्रणाली के भीतर महिलाओं की विशिष्ट भूमिका एक क्षेत्र से >>>

पशुपालन

नवंबर/ कार्तिक: माह में पशुपालन कार्यों का विवरण

नवंबर/ कार्तिक: माह में पशुपालन कार्यों का विवरण मुंह पका खुर पका रोग का टीका अवशेष पशुओं को लगवाएं। अंतः क्रमी नाशक दवा का सेवन अवश्य कराएं। पशुओं को संतुलित आहार दें। बरसीम तथा जई अवश्य >>>

पशुपालन

खरगोश पालन:आवास,पोषण एवं प्रजनन प्रबंधन

भारत सहित कई अन्य देशों में खरगोश पालन को व्यापारिक तौर पर उपयोग में लाया जा रहा है। खरगोश पालन मॅास, फर और ऊन के लिए किया जाता है। खरगोश पालन को लाभप्रद बनाने हेतु निम्न प्रबंधन अति आवश्यक है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

वन हेल्थ कार्यक्रम के अंतर्गत पशुजन्य (Zoonotic) रोगों के नियंत्रण में पशु चिकित्साविदो का योगदान

पशुजन्य रोग अथवा Zoonosis ऐसे संक्रामक रोग हैं जो विभिन्न प्रजातियों जैसे : पशुओं से मनुष्यों में अथवा मनुष्यों से पशुओं तक संचारित होते हैं I अन्य शब्दों में कहें तो रोगों के विभिन्न कारक जो >>>

पशुओं की बीमारियाँ

अनु उत्पादक गायों में बिना बच्चा दिए दुग्ध उत्पादन की उत्तम तकनीक

श्वेत क्रांति के जनक स्वर्गीय वर्गीज कुरियन के अथक प्रयास के परिणाम स्वरूप आज के परिवेश में गांव -गांव में शंकर गाय आम तौर पर देखी जा सकती हैं। इससे दुग्ध उत्पादन में भारत पूरे विश्व में प्रथम स्थान >>>

पशुपालन

अक्टूबर/ कवार: माह में पशुपालन कार्यों का विवरण

अक्टूबर/ कवार: माह में पशुपालन कार्यों का विवरण मुंह पका खुर पका रोग का टीका अवश्य लगवाएं। बरसीम एवं रिजका के खेत की तैयारी एवं बुवाई करें। निम्न गुणवत्ता के अवर्णित पशुओं का बंध्याकरण >>>