पशुपालन

भारतीय दुधारू गौवंश एवं प्रमुख विशेषतायें

हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है। पुराणों में धर्म को भी गौ रूप में दर्शाया गया है। भगवान श्री कृष्ण गाय की सेवा अपने हाथों से करते थे और इनका निवास भी गोलोक बताया गया है। हिंदू धर्म में गाय के >>>

Climate Change
पशुपालन

भारतीय परिदृश्य में पशुओं तथा उनकी उत्पादकता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव

वर्तमान परिदृश्य में बढ़ता हुआ वैश्विक तापमान एक अत्यंत ज्वलंत समस्या है जिसका प्रमुख कारण है जलवायु परिवर्तन। इस वैश्विक गर्मी का सीधा प्रभाव पशुधन स्वास्थ्य एवं उत्पादन दोनों पर ही पड़ता है। >>>

पशुओं में भ्रूण स्थानांतरण तकनीक
पशुपालन

पशुओं में भ्रूण स्थानांतरण तकनीक

भ्रूण स्थानांतरण तकनीक (Embryo Transfer Technology) में, भ्रूण को एक जानवर से एकत्र किया जाता है और उसके पूर्ण विकास के लिए दूसरे जानवर में स्थानांतरित किया जाता है। जो जानवर भ्रूण देता है उसे डोनर >>>

दुधारू पशुओं में ऊष्मीय तनाव का समुचित प्रबंधन
पशुओं की बीमारियाँ

दुधारू पशुओं में ऊष्मीय तनाव का समुचित प्रबंधन

पशुओं के शरीर की ऊष्मा छय करने की क्षमता व प्राकृतिक क्रियाओं से शारीरिक तापमान नियंत्रित नहीं हो पाता तो उसे उष्मीय तनाव अथवा हीट स्ट्रेस कहा जाता है >>>

कृत्रिम गर्भाधान Artifitial insemination AI in animals
पशुपालन

अनुवांशिकी उन्नयन में कृत्रिम गर्भाधान की भूमिका

कृत्रिम गर्भाधान के कारण के प्रजनन के संबंध में सही लेखा जोखा रखना संभव होता है। इससे कौन से सांड़ की संतान अधिक लाभदायक प्रगतिशील है। इसकी प्रोजनी टेस्टिंग >>>

डेरी पालन

भैंस पालन में बाधक कारक और उनका निवारण

सही भैंस पालन के लिए पशुपालकों को पशु प्रजनन का उचित ज्ञान, पशु स्वास्थ्य देखभाल, संक्रामक रोगों के प्रति सचेत रहना, मद के लक्षणों का सही ज्ञान, समय पर गर्भाधान >>>

embryo transfer technology
पशुपालन

भ्रूण हस्तांतरण तकनीक- है क्या?

भ्रूण हस्तांतरण तकनीक या भ्रूण प्रत्यारोपण विधि और या अंग्रेजी में embryo transfer technology (ETT/ ईटीटी) एक ऐसी तकनीक है जिसके द्वारा अपनी नस्ल की उत्त्कृष्ट मादा (embryo donor/ भ्रूण दाता) गाय मे >>>

पशुपालन

नवजात बछड़े का प्रबंधन

माँ का पहला दूध अर्थात् खीस नवजात बछड़े को दिया जाने वाला सबसे पहला और जरूरी आहार है। खीस का निर्माण माँ के द्वारा बछड़े के जन्म से 3 से 7 दिन बाद तक किया जाता है >>>

पशुपालन

डेयरी पशुओं में गर्भ की शीघ्र पहचान का महत्व एवं उसकी विधियां

पशुओं में प्राकृतिक अथवा कृत्रिम गर्भाधान के पश्चात गर्भ की शीघ्र पहचान करना आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इसमें समय की बचत पर मुख्य रुप से ध्यान दिया जाना चाहिए, अर्थात जितनी जल्दी ह >>>

पशुपालन

पशु पालन में दिखी जीने की राह

भूतपूर्व सैनिक, कैप्टन खुशी राम सुपुत्र श्री रघुनाथ सिंह, गाँव व डाकखाना हरसर, तहसील ज्वाली, ज़िला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी हैं। पशु पालन के नाम पर उन्होने घर पर एक देसी गाय रखी हुई थी >>>

डेरी पालन

मादा गोवंशीय पशुओं की देखभाल

देश की गोवंशीय पशुओं की आबादी संसार में सर्वाधिक है एवं दुग्ध उत्पादन में भी हम शीर्ष पर हैं, किन्तु प्रति पशु उत्पादकता की दृष्टि से हम काफी पिछड़े हुये हैं। उत्पादन क्षमता का सम्पूर्ण दोहन न कर सकन >>>

पशुपालन

बेसहारा गाय से बदली अपनी आर्थिकी

पंकज कुमार पुत्र श्री अजीत लाल, गाँव व डाकघर अमलेला, तहसील ज्वाली, ज़िला कांगड़ा का एक पढ़ा-लिखा सामान्य बेरोज़गार युवा है। परंतु उसकी सोच सामान्य नहीं थी। वह प्रतिदिन अपने सीमित संसाधनों से ही अपने लिए >>>

डेरी पालन

कृत्रिम गर्भाधान के नये आयाम

कृत्रिम गर्भाधान में कृत्रिम विधि से नर पशु से वीर्य एकत्रित करके मादा पशु की प्रजनन नली में रखा जाता है। सबसे पहले 1937 में पैलेस डेयरी फॅार्म मैसूर में यह किया गया था, आज पूरे देश में पशुओं में यह >>>

डेरी पालन

संवर्धित दुग्ध विपणन: समय की आवश्यकता

बाजार में दो प्रकार अर्थात ताजा खुला दूध एवं पैक बन्द दूध बेचा जाता है। भारत में ज्यादातर दूध ताजा खुला बेचा जाता है। पैक बन्द दूध में पाश्चुरीकृत दूध बेचा जाता है। इसी पाश्चुरीकृत दुग्ध को मूल्य सं >>>