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स्वच्छ दुग्ध उत्पादन (Clean Milk Production)
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन (Clean Milk Production) दूध एक सम्पूर्ण आहार है जिसका जीवनकाल अल्प अवधि का होता है। दूध किसी भी जीव के लिए एक पौष्टिक आहार है। यदि दूध में जीवाणुओं की संख्या ज्यादा होती है >>>
स्वच्छ दुग्ध उत्पादन (Clean Milk Production) दूध एक सम्पूर्ण आहार है जिसका जीवनकाल अल्प अवधि का होता है। दूध किसी भी जीव के लिए एक पौष्टिक आहार है। यदि दूध में जीवाणुओं की संख्या ज्यादा होती है >>>
खाद्य पदार्थों की पसंद को प्रभावित करने वाले कारकों में से उनके रंगों का महत्वपूर्ण स्थान है। दूध के संवेदी गुण जैसे कि दिखावट, बनावट, रंग, स्वाद और सुगंध आदि उत्पाद की गुणवत्ता और उपभोक्ता स्वीकृति >>>
दुधारू पशुओं के समुचित प्रजनन प्रबंध के बिना डेयरी व्यवसाय में लाभ कमाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव है।डेयरी व्यवसाय मे सफल प्रजनन व्यवस्था का , अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, पशुशाला में रहने >>>
जनवरी/ पौष माह: पशुओं का शीत अथवा ठंड से समुचित बचाव करें। जैसा कि पिछले अंक में दिसंबर मे पशुपालन कार्यों का विवरण नामक लेख में दिया गया है। 3 माह पूर्व कृत्रिम गर्भाधान कराए गए पशुओं का गर्भ >>>
कृषि आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था में केन्द्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने हेतु अनेक सराहनीय कार्य कर रही है इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से पशु पालक किसान अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकता है। >>>
दिसंबर माह में पशुपालन के महत्वपूर्ण कार्यों का विवरण >>>
पशुपालन से ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने हेतु पशुओं का उचित समय पर गाभिन होना अत्यन्त आवश्यक है। पशुपालकों को इसी बात का सर्वाधिक ध्यान रखना चाहिए। >>>
कम समय की गर्भावस्था की जांच डेयरी व्यवसाय के प्रजनन प्रबंध एवं व्यावसायिक लाभ के दृष्टिकोण से अति उत्तम है। कम समय की गर्भावस्था की जांच हेतु कोई परीक्षण उपलब्ध न होने के कारण वैज्ञानिकों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। >>>
डेयरी पशुओं में पशुओं की प्रजनन क्षमता पशुपालकों की आय का प्रमुख निर्धारक है जिसका आंकलन डेयरी पशुओं में मादा द्वारा प्रतिवर्ष एक संतान पैदा करने की क्षमता से किया जाता है। >>>
पशुपालन कृषि का एक अभिन्न अंग है जिसे पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने का सबसे आशाजनक क्षेत्र माना जाता है। माँस, अण्डे, दूध, फर, चमड़ा और ऊन जैसे श्रम और वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए पशुधन को कृषि क्षेत्र के अंतर्गत पाले गये पालतु पशुओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। >>>
खीस में उपलब्ध एण्टीबोडीज़ का नवजात बच्चों द्वारा अवशोषण होना भी एक बहुत तेज़ प्रक्रिया है। खीस पिलाने के 4 घंटे के पश्चात ही प्रतिरक्षक पिंडों की मात्रा रक्त में पहुँच जाती है। >>>
सर्दियों में पशुओं को ठंड से बचाना अत्यावश्यक है। यदि पशु को ठंडी हवा व धुंध/ कोहरा से बचाने का समुचित प्रबंध ना हो तो पशु बीमार पड़ जाते हैं जिससे उनके उत्पादन में तो गिरावट आती ही है साथ ही साथ पशु न्यूमोनिया जैसे रोगों के कारण मृत्यु को भी प्राप्त कर सकते हैं। >>>
प्रजनन ऐसी क्रिया जिसके द्वारा मादा के जननांगों में नर द्वारा प्राकृतिक तौर पर संभोग अथवा कृत्रिम रूप में नर वीर्य सेचन के बाद गर्भधारण होता है और मादा नये जीव अर्थात ‘संतान’ को जन्म देती है। >>>
पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान एक ऐसी कला या विधि है जिसमें साँड से वीर्य लेकर उसको विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से संचित किया जाता है। यह संचित किया हुआ वीर्य तरल नाइट्रोजन में कई वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। >>>