पशुपालन में स्थानीय औषधीय पौधों का महत्व एवं प्रयोग
भारत वर्ष विविध प्रकार के प्राकृतिक संम्पदा से परिपूर्ण है। पशु गणना में हमारा देश विश्व में प्रथम है। हमारे देश में ही हरियाणा , पंजाब एवं गुजरात के किसान औसतन अपनी कुल आमदनी का 20% से ज्यादा >>>
भारत वर्ष विविध प्रकार के प्राकृतिक संम्पदा से परिपूर्ण है। पशु गणना में हमारा देश विश्व में प्रथम है। हमारे देश में ही हरियाणा , पंजाब एवं गुजरात के किसान औसतन अपनी कुल आमदनी का 20% से ज्यादा >>>
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, नाबार्ड के 25 जिला प्रबंधकों ने दूसरे दिन वेटरनरी विश्वविद्यालय में डेयरी प्लांट, पोल्ट्री फाॅर्म और क्लिनिक्ल कार्यों का अवलोकन करके राज्य के ग्रामीण विकास मे >>>
भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसने कृषि के साथ-साथ पशुपालन को एक संलग्नक व्यवसाय के रूप में अपना रखा है। हमारा देश लगभग 195 मिलियन टन दुग्ध उत्पादन कर विश्व में प्रथम स्थान पर विराजमान है। पशुओं की >>>
थनैला एक जीवाणु जनित रोग है। यह रोग दूध देने वाले पशुओं एवं उनके पशुपालको के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। यह बीमारी समान्यतः गाय, भैंस, बकरी एवं सूअर समेत लगभग सभी पशुओं में पायी जाती है, जो अपने >>>
परजीवी एक ऐसे जीव होते हैं जो किसी अन्य जीव, जिसे ‘मेजबान जीव’ कहते हैं, के अन्दर या बाहर रहते हैं व मेजबान जीव के भोजन या शरीर पर आश्रित रहते हैं (बैनीवाल एवं खोखर 2012, CDC 2016)। शरीर के अंदर >>>
पशुपालन और ग्रामीण विकास विषय पर वेटरनरी विश्वविद्यालय में नाबार्ड के महाप्रबंधक सहित राज्य के जिला विकास प्रबंधकों के साथ राजुवास और केन्द्रीय अनुसंधान संस्थाओं के वैज्ञानिकों की संरचनात्मक बैठक >>>
हालांकि, जमे हुए दूध अर्थात दही को मथ कर मक्खन निकाल लेने के बाद बची छाछ आमतौर पर एक उपेक्षित पेय पदार्थ है लेकिन यदि आप भोजन के बाद एसीडिटी से परेशान हैं? थक गए और दिनभर धूप में काम करने के बाद घर >>>
भारत एक कृषि प्रधान देश है कृषि एवं पशुपालन एक दूसरे के अभिन्न अंग है पशुपालन व्यवसाय में पशुओं से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए संतुलित आहार एवं कम लागत द्वारा ही संभव है पशुओं में कम लागत पर >>>
पशुओं की उत्पादकता में सुधार करना मुख्य चुनौतियों में से एक है जिसमें अंतःकृमियों, जिन्हें आमतौर पर पेट के कीड़े कहा जाता है, का प्रत्याक्रमण अतिमहत्वपूर्ण है। आमतौर पर पशुओं में अंतःकृमियों का प्रको >>>
पशुओं की प्रजनन क्षमता उनके खान-पान पर निर्भर करती है। शुक्राणु का निर्माण, मद चक्र का उचित समय पर आना तथा स्वस्थ बच्चे का पैदा होना उचित आहार पर ही निर्भर करता है। अनुचित आहार से शरीर की क्रियाओं >>>
हमारे देश की प्रभुता एवं सम्पन्नता में पशुपालन की अहम भूमिका हैं। सफल पशुपालन (डेरी व्यवसाय) का अभिप्राय अधिक से अधिक लाभ कमाना हैं, इसके लिए पशु की प्रजनन समस्याओं की समय पर सटीक जाँच एवं उपचार >>>
मादा बाल पशु ही छोटे से बड़ी मादाएं बन कर एक दुधारू गाय/भैंस बनती हैं। जितनी ज्यादा संख्या में छोटे मादा पशुओं की अच्छी देखभाल होती है तो उतनी ही ज्यादा मादाओं की प्रतिस्थापना होगी। यदि बाल एवं ओसर >>>
कृत्रिम गर्भाधान गर्भधारण कराने की वह विधि है जिसके द्वारा परीक्षित सॉडों का वीर्य कृत्रिम योनि द्वारा इकट्ठा कर उनकी जांच कर व तनुकरण की सहायता से वीर्य का आयतन बढ़ाकर( शुक्राणुओं की संख्या को >>>
प्रस्तावना पशु प्रबंधन पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण अभिन्न अंग है, जिसके सही संयोजन से पशुपालक न केवल आर्थिक लाभ को प्राप्त करता है वरण समाज में एक प्रोत्साहन के उदाहरण के रूप में जाना जाता है >>>