पशुपालन समाचार

प्रदेश के घोड़ो और खच्चरों को विलुप्त होने से बचाये: डॉ. प्रसाद

प्रदेश में घोड़े और खच्चरों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, स्थिति यह है की अब राज्य में मात्र बत्तीस हज़ार घोड़े और खच्चर ही बचे है। अगर इसके संरक्षण और संवर्धन के प्रति गंभीरता से कदम नहीं उठाया गया तो यह प्रजाति प्रदेश से विलुप्त हो जाएगी। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

डेयरी पशुओं में जेर रुकने की समस्या एवं प्रबंधन

सामान्यतः गाभिन पशुओं में ब्याने के 3-6 घंटे के अंदर जेर स्वतः बाहर निकल आती है, परन्तु यदि ब्याने के 8-12 घंटे के बाद भी जेर नहीं निकला तो उस स्थिति को जेर के रुकने की स्थिति कहा जाता है। जेर की रुकने की समस्या का डेयरी पशु के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। >>>

पशुपालन

जलवायु परिवर्तन का मवेशियो की उत्पादकता, प्रजनन क्षमता एवं स्वास्थ्य पर प्रभाव

जलवायु परिवर्तन विशेष रूप से ग्लोबल वार्मिंग, पशुओ की उत्पादक क्षमता को प्रभावित करता है। गर्मी से होने वाले तनाव (हीट स्ट्रेस) को कम करने के लिए पशु अपनी उपापचय क्रिया को बदलते हुए, खाने का सेवन कम कर देते हैं, जिससे पशुओ का वजन कम होने लगता है। >>>