कृत्रिम गर्भाधान AI
पशुपालन

कृत्रिम गर्भाधान: पशुपालको के लिए एक वरदान

रोगरहित नर पशु के उच्चकोटि वीर्य को मादा पशु के प्रजनन अंग में सही समय में सही स्थान पर कृत्रिम गर्भाधान उपकरण की मदद से डालना कृत्रिम गर्भाधान कहलाता है। कृत्रिम गर्भाधान की आवशयकता भारत के ग्राम >>>

पशुपालन

वीर्य स्ट्रांज की थांइग एवं सीथ लगाये जाने की जानकारी

डेयरी पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान हेतु प्रारम्भिक समय में तरल सीमन का प्रयोग किया जाता था, किन्तु इस पद्धति के द्वारा व्यवहारिक तौर पर कुछ परेशानियां यथा आवश्यकता से अधिक वीर्य को संग्रहित नहीं किया >>>

पशुओं की बीमारियाँ

डेयरी पशुओं में मध्य मदचक्र अर्थात मिड साइकिल हीट की समस्या का समाधान

पशु को अंतिम बार कृत्रिम गर्भाधान के 10 या 11 दिन पश्चात यदि पशु दोबारा गर्मी में आता है। तो गुदा परीक्षण करने पर गर्भाशय की टोन मध्यम श्रेणी की रहती है और अंडाशय के परीक्षण पर एक या एक से अधिक >>>

पशुपालन

कृत्रिम गर्भाधान से फैलने वाले रोग, लक्षण व बचाव

कृत्रिम गर्भाधान प्रजनन विधि , एक बेहद सरल , कामयाब , त्वरित परिणामदायी प्रक्रिया है। इस विधि द्वारा कम समय में ही तेजी से नस्ल सुधार कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है। इस पद्धति को अपनाने को एक >>>

पशुओं की बीमारियाँ

डेयरी पशुओं में योनि की सूजन (Vaginitis) कारण, लक्षण एवं उपचार

योनि में सूजन मुख्यतः तीन प्रकार की पाई जाती है : 1. जूविनाइल वेजाइनाइटिस मुख्य रूप से भैंस की ओसर जो प्रीप्यूबर्टल अवस्था में जब अंडाशय के पुटक विकसित होना प्रारंभ होते हैं और स्क्वैमस एपीथिलियम >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होने वाली प्रजनन संबंधी समस्याओं तथा उनका प्रबंधन

प्रजनन संबंधी रोग सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं में से एक है जो डेयरी गायों के उत्पादन और उत्पादकता को प्रभावित करती है। इनमें से अधिकांश समस्याएं प्रसव के समय और उसके तुरंत बाद उत्पन्न होती हैं। जिसके >>>

कृत्रिम गर्भाधान AI
पशुपालन

देशी संकर गाय एवं भैंसों में कृत्रिम गर्भाधान का उपयुक्त समय एवं कृत्रिम गर्भाधान से पूर्व ध्यान देने योग्य मुख्य बिन्दु

कृत्रिम गर्भाधान हमेशा अण्डक्षरण के कम से कम 10 -12 घण्टे पूर्व करना सफल निषेचन हेतु अति आवश्यक है। देशी गाय एवं भैंसों में कृत्रिम गर्भाधान का सर्वाधित उपयुक्त समय ऋतु काल के प्रारम्भ होने के बाद 6 >>>

कृत्रिम गर्भाधान Artifitial insemination AI in animals
पशुपालन

अनुवांशिकी उन्नयन में कृत्रिम गर्भाधान की भूमिका

कृत्रिम गर्भाधान के कारण के प्रजनन के संबंध में सही लेखा जोखा रखना संभव होता है। इससे कौन से सांड़ की संतान अधिक लाभदायक प्रगतिशील है। इसकी प्रोजनी टेस्टिंग >>>

पशुपालन समाचार

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण का समापन

बेरोजगार युवकों को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कृत्रिम गर्भाधान का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, प्रशिक्षण के बाद वह अपने गांव व आसपास के क्षेत्र में पशुओं को >>>

पशुपालन

कृत्रिम गर्भाधान की असफलता के कारण एवं समाधान

कृत्रिम गर्भाधान गर्भधारण कराने की वह विधि है जिसके द्वारा परीक्षित सॉडों का वीर्य कृत्रिम योनि द्वारा इकट्ठा कर उनकी जांच कर व तनुकरण की सहायता से वीर्य का आयतन बढ़ाकर( शुक्राणुओं की संख्या को >>>

डेरी पालन

दुधारू पशुओं का प्रजनन प्रबंध डेयरी व्यवसाय की सफलता का मूल मंत्र

दुधारू पशुओं के समुचित प्रजनन प्रबंध के बिना डेयरी व्यवसाय में लाभ कमाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव है।डेयरी व्यवसाय मे सफल प्रजनन व्यवस्था का , अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, पशुशाला में रहने >>>

पशुपालन

गाय और भैंस को कैसे गाभिन रखे?

पशुपालन से ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने हेतु पशुओं का उचित समय पर गाभिन होना अत्यन्त आवश्यक है। पशुपालकों को इसी बात का सर्वाधिक ध्यान रखना चाहिए। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

लाभप्रदता के लिए आवश्यक है डेयरी पशुओं में रिपीट ब्रीडिंग का समाधान

डेयरी पशुओं में पशुओं की प्रजनन क्षमता पशुपालकों की आय का प्रमुख निर्धारक है जिसका आंकलन डेयरी पशुओं में मादा द्वारा प्रतिवर्ष एक संतान पैदा करने की क्षमता से किया जाता है। >>>

पशुपालन

डेयरी पशुओं में प्रजनन क्षमता सुधार के लिए मद के लक्षणों की पहचान भी आवश्यक

प्रजनन ऐसी क्रिया जिसके द्वारा मादा के जननांगों में नर द्वारा प्राकृतिक तौर पर संभोग अथवा कृत्रिम रूप में नर वीर्य सेचन के बाद गर्भधारण होता है और मादा नये जीव अर्थात ‘संतान’ को जन्म देती है। >>>