कोविड-19 महामारी के समय में डेरी पशुओं के सामान्य प्रबंधन हेतु महत्वपूर्ण सलाह
पशुपालन

कोविड-19 महामारी के समय में डेरी पशुओं के सामान्य प्रबंधन हेतु महत्वपूर्ण सलाह

सबसे पहले डेरी पशुपालको को यह समझना जरुरी है कि किसी को खांसी, बुखार एवं स्वास लेने में तकलीफ आदि जैसे लक्षण होने पर ही उसे कोरोना का संक्रमण हो यह जरुरी नहीं है, बल्कि यह विषाणु, स्वस्थ दिखने वाले किसी >>>

कोविड-19 लॉक डाउन के दौरान पशुओं के सामान्य रोग एवं उनका प्राथमिकघरेलू उपचार
पशुओं की बीमारियाँ

कोविड-19 लॉक डाउन के दौरान पशुओं के सामान्य रोग एवं उनका प्राथमिक/घरेलू उपचार

कोविड-19 लॉक डाउन के दौरान कई बार पशुपालक अपने पशुओं के बीमार होने पर शीघ्र पशुचिकित्सक को बुलाकर इलाज़ नहीं करा पाते हैं, इससे पशुपालकों को नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। ऐसे समय में पशुपालक यदि कुछ >>>

सालमोनेलोसिस एक पशुजन्य बीमारी: कारण, उपचार एवं नियंत्रण
पशुओं की बीमारियाँ

सालमोनेलोसिस एक पशुजन्य बीमारी: कारण, उपचार एवं नियंत्रण

सालमोनेलोसिस को, टाइफाइड, पैराटायफाइड फीवर एवं एंटरिक फीवर भी कहते हैं। यह एक भयंकर अति संक्रामक रोग है जो सालमोनेला प्रजाति के जीवाणु द्वारा फैलता है। यह लगभग अधिकांश प्रकार के पशुओं में पाया जाता >>>

पशुओं की बीमारियाँ

गर्मी एवं बरसात के मौसम में पशुओं में होने वाले पशु रोग एवं उनसे बचाव

गर्मी के मौसम में होने वाले पशु रोग अत्याधिक गर्मी के कारण लू लगना। गर्मी के कारण स्ट्रेस यानी व्याकुलता। पशुओं में किलनी/कलीली आदि का लगना। पशुओं के पेट में कीड़े पड़ना। पशुओं में दस्त >>>

पशुओं में गर्भाशय की जड़ता कारण एवं निवारण
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में गर्भाशय की जड़ता: कारण एवं निवारण

यदि बच्चा देने की शुरुआत होने पर या बच्चा देने के समय गर्भाशय के संकुचन कमजोर हो या अनुपस्थित हो तो इस स्थिति को गर्भाशय की जड़ता अर्थात यूटेराइन इनरशिया कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है प्राथमिक >>>

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पशुओं में जेर रुकने की समस्या: कारण एवं समाधान

पशुओं में जेर रुकने की समस्या: ब्याने के 8 से 12 घंटे तक जेर यदि अपने आप नहीं निकलती तभी इसे जेर का रुकना माना जाता है। >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में मुख्य रक्त परजीवी रोगों के कारण एवं निवारण

पशुओं में पाए जाने वाले विभिन्न रक्त परजीवी रोग पशु चिकित्सा में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इन रक्त परजीवी रोगों से पशुओं का उत्पादन कम हो जाता है तथा ससमय उपचार न मिलने पर पशु की मृत्यु भी हो >>>

Method of making various medicines for the treatment of animals and their use
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं के उपचार के लिए विभिन्न औषधियां बनाने की विधि तथा उनका उपयोग

औषधि वह पदार्थ है जिन की निश्चित मात्रा शरीर में निश्चित प्रकार का असर दिखाती है। इनका प्रयोजन पशुओं के उपचार में होता है। किसी भी पदार्थ को औषधि के रूप में >>>

पशुओं की बीमारियाँ

डेयरी पशुओं में सिस्टिक ओवेरियन डिजनरेशन

सिस्टिक ओवेरियन डिजनरेशन अंडाशय की वह स्थिति है जिसमें अंडाशय पर एक बड़ा सिस्ट या अप्राकृतिक फॉलिकल बन जाता है। जो लगभग 2.5 सेंटीमीटर या बड़े आकार का तरल पदार्थ से भरा हुआ यह सिस्ट कार्पस लुटियम की >>>

पशुपालन से सही लाभ अर्जित करने हेतु आवश्यक है तकनीकी ज्ञान
पशुपालन

पशुपालन से सही लाभ अर्जित करने हेतु आवश्यक है तकनीकी ज्ञान

खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन ग्रामीण आंचल में आजीविका का एक मुख्य साधन है। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो। शिक्षा प्राप्ति ही एक ऐसा साधन है जो मनुष्य को अन्धकार >>>

पशुपालन समाचार

फार्म और पालतू पशुओं के रोग निदान में नए तकनीक पर कार्यशाला का आयोजन

बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में पशुचिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग और राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में फार्म और पालतू पशुओं के पैथोलॉजिकल डायग्नोसिस में नवीन >>>

पशुओं में होनें वाले अतिसार (दस्त की बीमारी) एवं उससे बचाव
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले अतिसार (दस्त की बीमारी) एवं उससे बचाव

अतिसार स्वयं एक बीमारी न होकर अन्य बीमारियों का लक्षण है, जिसमें पशु बार-बार पतला गोबर करता है, निर्वल होता जाता है तथा पशु के शरीर में पानी व प्रमुख तत्वों की कमी हो जाती है। कारण इस रोग के अनेक >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में पूयगर्भाशयता (पायोमेट्रा): कारण एवं निवारण

जब गर्भाशय में मवाद या म्यूकस मिली मवाद भर जाती है तो ऐसी स्थिति को पूयगर्भाशयता अथवा पायोमेट्रा कहते हैं। ऐसी स्थिति में अंडाशय पर पीत काय/ कार्पस लुटियम बना रहता है तथा पशु गर्मी में नहीं आता है। >>>

पशुओं में होनें वाले रूमन अम्लीयता रोग एवं उससे बचाव
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले रूमन अम्लीयता रोग एवं उससे बचाव

रूमन अम्लीयता यह रोमन्थी पशुओं का वह रोग है जो कि उन पदार्थो के अधिक मात्रा में खाने से होता है जिसमें बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट सर्करा पाया जाता है। यह स्थिति मुख्यतः किसी किसी त्योहार या समारोह >>>