पशुपोषण

पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में गौवंशीय पशुओं में पोषण प्रबन्धन

भारत एक कृषि प्रधान देश है। पूर्व काल से ही भारत में कृषि एवं पशुपालन एक दूसरे के अभिन्न अंग हैं। उत्तराखण्ड राज्य कृषि एवं बागवानी पर आधारित पर्वतीय राज्य है। कृषि एवं पशुपालन व्यवसाय लघु एवं सीमान >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं के ब्याने के समय और उसके तुरंत बाद की सावधानियां

पशुओं के अंतिम तीन महीने तथा प्रसव काल की अवधि जोखिम भरी होती है, इसलिए पशुपालकों को पशुओं के ब्याने के समय और उसके तुरंत बाद की सावधानियों की जानकारी होना अति आवश्यक है ताकि संभावित जोखिमों को टाला >>>

पशुपालन

भारत में स्वदेशी गाय की महत्ता एवं उसका व्यवसायिक उपयोग

हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है। पुराणों में धर्म को भी गौ रूप में दर्शाया गया है। भगवान श्री कृष्ण गाय की सेवा अपने हाथों से करते थे, और इनका निवास भी गोलोक बताया गया है। इतना ही नहीं गाय को >>>

पशुओं की बीमारियाँ

गाय एवं भैंस में मसृणित गर्भ की पहचान एवं उपचार

गाय एवं भैंसों में अधिकांशत गर्भावस्था के 4 से 6 महीने के बाद बच्चे की मृत्यु हो जाती है तथा जीवाणु या विषाणु का संक्रमण हो जाने से बच्चे का शरीर धीरे धीरे सड़ता या पचता रहता है इसे बच्चे का मेसीर >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले अकौता या एक्जीमा-त्वचा रोग एवं उससे बचाव

अकौता या एक्जीमा-त्वचा रोग पशुओं की त्वचा पर होने वाला एक असंक्रामक सोजश रोग होता है। इससे प्रभावित पशु के शरीर के प्रभावित स्थान पर पपड़ीदार दरारें पड़ जाती है। प्रभावित पशु को खुजली का अनुभव होता >>>

पशुपालन

गर्भित पशुओं में ड्राई पीरियड (सूखी अवधि) करने की विधि एवं पशु का संवर्धन

पशुपालन को सफल बनाने एवं किसान को और अधिक लाभ पहुचाने में गर्भावस्था के आखिरी के दो महीने के दौरान पशु का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है। दुधारू पशुओं मे गर्भावस्था के आखिरी के दो महीने को ड्राई >>>

पशुपालन समाचार

पशु कल्याण और संरक्षण के लिए समर्पित पुरस्कार

देश में जीव-जंतु कल्याण एवं संरक्षण के लिए काम करने वाली शीर्ष संस्था भारतीय जंतु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने जीव जन्तु कल्याण के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों, संगठनों और कॉरपो >>>

पशुओं में संक्रामक रोग
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में संक्रामक रोग: कारण, लक्षण एवं बचाव

कृषि प्रधान भारतवर्ष की अर्थव्यवस्था में पशुधन व्यवसाय का महत्वपूर्ण योगदान है। यह नि:संदेह अधिकांश जनसंख्या के जीविकोपार्जन का साधन है। रोज़गार की कमी और कृषि योग्य भूमि की कमी की स्थिति में अधिकांश >>>

दुधारू पशुपालकों की आमदनी निर्धारित करती फैट की मात्रा एवं उससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
डेरी पालन

दुधारू पशुपालकों की आमदनी निर्धारित करती फैट की मात्रा एवं उससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

फैट अर्थात वसा दूध का अभिन्न हिस्सा होता है और अनेकों फैटी एसिड मिलकर फैट का निर्माण करते हैं, जो की मानव आहार का एक महत्वपूर्ण पोषक तत्त्व मन जाता है। डेरी फार्मिंग में फैटी एसिड प्रोफाइल को कच्चे >>>

पशुपालन

सर्दियों में ठंड से बचाव हेतु पशुओं की आवश्यक देखभाल

सर्दियों में पशुओं को ठंड से बचाव हेतु आवश्यक देखभाल के लिए समुचित उपाय अपनाया जाना आवश्यक है। पूर्ण उत्पादन प्राप्त करने के लिए सर्दियों में पशुओं को ठंड से बचाना अत्यावश्यक है। यदि पशु को ठंडी हवा >>>

पशुओं की आँखों को प्रभावित करने वाले रोग एवं उनका
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं की आँखों को प्रभावित करने वाले रोग एवं उनका निदान

भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसने कृषि के साथ-साथ पशुपालन को एक संलग्नक व्यवसाय के रूप में अपना रखा है। हमारा देश लगभग 195 मिलियन टन दुग्ध उत्पादन कर विश्व में प्रथम स्थान पर विराजमान है। पशुओं की >>>

पशुओं की बीमारियाँ

बाह्य परजीवी: पशुपालन के लिए बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान

परजीवी एक ऐसे जीव होते हैं जो किसी अन्य जीव, जिसे ‘मेजबान जीव’ कहते हैं, के अन्दर या बाहर रहते हैं व मेजबान जीव के भोजन या शरीर पर आश्रित रहते हैं (बैनीवाल एवं खोखर 2012, CDC 2016)। शरीर के अंदर >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पालतु पशुओं में अंतःकृमियों के दुष्प्रभाव एवं निवारण

पशुओं की उत्पादकता में सुधार करना मुख्य चुनौतियों में से एक है जिसमें अंतःकृमियों, जिन्हें आमतौर पर पेट के कीड़े कहा जाता है, का प्रत्याक्रमण अतिमहत्वपूर्ण है। आमतौर पर पशुओं में अंतःकृमियों का प्रको >>>

डेरी पालन

लाभदायक डेयरी व्यवसाय के लिए आवश्यक है ओसर मादा पशुओं का उचित प्रबंधन

मादा बाल पशु ही छोटे से बड़ी मादाएं बन कर एक दुधारू गाय/भैंस बनती हैं। जितनी ज्यादा संख्या में छोटे मादा पशुओं की अच्छी देखभाल होती है तो उतनी ही ज्यादा मादाओं की प्रतिस्थापना होगी। यदि बाल एवं ओसर >>>