थनैला रोग के कारण, लक्षण एवं बचाव
थनैला दुधारू गाय, भैंस एवं बकरी के अयन की एक मुख्य संक्रामक बीमारी है। जिन देशों में डेरी व्यवसाय बहुत उन्नतशील होता है वहां इस रोग से अधिक हानि होती है। >>>
थनैला दुधारू गाय, भैंस एवं बकरी के अयन की एक मुख्य संक्रामक बीमारी है। जिन देशों में डेरी व्यवसाय बहुत उन्नतशील होता है वहां इस रोग से अधिक हानि होती है। >>>
दिसंबर माह में पशुपालन के महत्वपूर्ण कार्यों का विवरण >>>
पशुपालन से ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने हेतु पशुओं का उचित समय पर गाभिन होना अत्यन्त आवश्यक है। पशुपालकों को इसी बात का सर्वाधिक ध्यान रखना चाहिए। >>>
कम समय की गर्भावस्था की जांच डेयरी व्यवसाय के प्रजनन प्रबंध एवं व्यावसायिक लाभ के दृष्टिकोण से अति उत्तम है। कम समय की गर्भावस्था की जांच हेतु कोई परीक्षण उपलब्ध न होने के कारण वैज्ञानिकों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। >>>
यह मुख्य रूप से गाय व सूअरों अब तो एवं कुत्तों में जीवाणु जनित रोग है इसके अतिरिक्त मनुष्यों में भी पाया जाने वाला संक्रामक रोग है। जंगली पशु तथा भेड़ इससे बहुत कम प्रभावित होते हैं। >>>
भारत देश दुग्ध उत्पादन में विगत कई वर्षों से विश्व में प्रथम स्थान पर है परंतु हमारे देश में प्रति पशु उत्पादकता अत्याधिक न्यून है। किसी भी पशु की उत्पादकता को कायम रखने के लिए उसका स्वस्थ होना अपरिहार्य है। >>>
बदले हुए मौसम में चारे तथा अन्य घासों की उपलब्धि एवं उनके प्रकार पर अपच का होना निर्भर है । यदि अधिक अम्लीय या अधिक क्षारीय गुण वाले चारे खिलाये जाए तो अपच हो जाता है। >>>
आज 26 नवंबर को स्वर्गीय डॉ वर्गीज कुरियन का जन्मदिन है। उन्हें मिल्क मैन आफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को हर साल देश भर में “राष्ट्रीय दुग्ध दिवस” (National Milk Day) के रूप में मनाया जाता है। >>>
डेयरी पशुओं में पशुओं की प्रजनन क्षमता पशुपालकों की आय का प्रमुख निर्धारक है जिसका आंकलन डेयरी पशुओं में मादा द्वारा प्रतिवर्ष एक संतान पैदा करने की क्षमता से किया जाता है। >>>
पशुपालन कृषि का एक अभिन्न अंग है जिसे पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने का सबसे आशाजनक क्षेत्र माना जाता है। माँस, अण्डे, दूध, फर, चमड़ा और ऊन जैसे श्रम और वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए पशुधन को कृषि क्षेत्र के अंतर्गत पाले गये पालतु पशुओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। >>>
जन एवं पशु स्वास्थ्य और रोगाणुरोधी पर्यायवरण को ध्यान में रखते हुए, यहाँ पर कुछ घरेलु नुस्खे दिये जा रहे हैं जिनका उपयोग पशुओं में शोथ, शोफ, बुखार होने पर किया जा सकता है ताकि बेवजह पशुओं को एंटीबायोटिक्स, दर्दनिवारक दवाओं के प्रकोप से बचाया सके। >>>
भारतीय किसानो की आजीविका में पशुपालन का विशेष महत्व है। पशु प्रजनन को पशु पालन व्यवसाय का आधार स्तम्भ कहा गया है। अतः पशु पालकों को प्रजनन सम्बन्धी समस्याओं एवं उनके समुचित प्रबंधन की जानकारी देना अत्यंत आवश्यक है। >>>
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में गौ-वंश संरक्षण के लिए गौ-अधिनियम बनाया जाएगा। आंगनवाड़ियों में बच्चों को अण्डे की जगह गाय का दूध दिया जाएगा। >>>
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की सहायक कंपनी एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज ने रविवार को कहा कि उसने केवल बछिया के जन्म को सुनिश्चित करने के लिए स्वदेशी लिंग वर्गीकृत वीर्य तकनीक विकसित की है। >>>