पशुओं की बीमारियाँ

सामाजिक जीवन पर कृषि रसायनों के दुष्प्रभाव, रोकथाम एवं नियंत्रण

विश्व में लगभग 45% फसल कीट और रोगों द्वारा नष्ट हो जाती है। अतः विश्व में भोजन की मांग को पूरा करने के लिए कीटनाशकों का उपयोग कृषि में कीटों और रोगों के खिलाफ अतिआवश्यक है। इसी प्रकार फसल कटाई के >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पालतू पशुओं में नाइट्रेट एवं नाइट्राइट की विषाक्तताओं के कारण एवं निवारण

जब किसी स्वस्थ पशु की आकस्मिक मृत्यु होती है तो उसमें विषाक्तता का संदेह उत्पन्न होता है। यह विषाक्तता कोई जहरीला रसायन खाने से अथवा चारे के साथ जहरीले पौधे खाने से होता है। पशुपालकों को मुख्य >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पालतू पशुओं में जिंक एवं अल्युमिनियम फास्फाइड की विषाक्तता के कारण एवं निवारण

जब किसी स्वस्थ पशु की आकस्मिक मृत्यु होती है तो उसमें विषाक्तता का संदेह उत्पन्न होता है। यह विषाक्तता कोई जहरीला रसायन खाने से अथवा चारे के साथ जहरीले पौधे खाने से होता है। पशुपालकों को मुख्य >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में यूरिया की विषाक्तता के कारण एवं निवारण:

यूरिया की खाद का प्रयोग फसलों एवं चारे की पैदावार बढ़ाने हेतु सबसे अधिक किया जाता है। जुगाली करने वाले पशुओं के लिए यूरिया प्रोटीन का सबसे सस्ता स्रोत है। पशुओं को खिलाने के लिए यूरिया का प्रयोग दो प्रकार से किया जाता है >>>

पशुओं में होनें वाले कीटनाशक पदार्थो की विषाग्रता और उससे बचाव
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में होनें वाले कीटनाशक पदार्थो की विषाग्रता और उससे बचाव

हमारे देश में कई प्रकार के कीट नाशक प्रयोग किये जाते है। रासायनिक प्रकृति के आधार पर जिनका वर्गीकरण निम्नलिखित है आरगैनीक्लोरीन समूह:- डी.डी.टी. , एल्ड्रीन , लीनडेन आदि आरगैनाफास्फेट >>>

पशुओं में कीटनाशकों की विषाक्तता का दुष्प्रभाव एवं उसका निराकरण
पशुओं की बीमारियाँ

पशुओं में कीटनाशकों की विषाक्तता का दुष्प्रभाव एवं उसका निराकरण

रासायनिक पदार्थों का मानकता के अनुरूप सही रूप में, प्रयोग नहीं करने पर मनुष्य और पशुओं, के शरीर में पहुंचकर घातक प्रभाव प्रकट करते हैं जिसके फलस्वरूप पशु की >>>

पशुओं की बीमारियाँ

पालतू पशुओं में मुख्य विषाक्तताओं के कारण एवं निवारण

जब किसी स्वस्थ पशु की आकस्मिक मृत्यु होती है तो उसमें विषाक्तता का संदेह उत्पन्न होता है। यह विषाक्तता कोई जहरीला रसायन खाने से अथवा चारे के साथ जहरीले पौधे खाने से होता है। पशुपालकों को मुख्य विषाक्तताओं की जानकारी होना आवश्यक है ताकि वे अपने पशुओं का इनसे बचाव कर सकें। >>>