बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के ईटीटी एवं आईवीएफ प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों ने फिर से बिहार को गौरवान्वित किया है। भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक से बिहार में दूसरे बाछे का जन्म हुआ है। गौरतलब हो की पिछले एक अगस्त को बिहार मे पहली बार भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीकी के माध्यम से नंदिनी नाम की बछिया का जन्म हुआ था, उसी साहिवाल नस्ल की दाता गाय (डोनर) से दूसरे स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत भ्रूण प्रत्यारोपण सह आईवीएफ प्रयोगशाला की स्थापना बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में की गई। इस परियोजना से जुड़े वैज्ञानिक डॉ दुष्यंत,डॉ शीतल,डॉ प्रमोद, डॉ आजाद एवं डॉ अजित ने भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक के माध्यम से यह दूसरी सफलता प्राप्त की है जिसमे डॉ पंकज, डॉ अमरेन्द्र, डॉ प्रमोद कुमार एवं डॉ सूचित ने गायों के उचित प्रबंधन एवं पोषण करके इस सफलता में अहम भूमिका निभाई।
निदेशक शोध एवं परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ रविंद्र कुमार तथा डीन बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय एवं सह-अन्वेषक डॉ जे. के. प्रसाद ने लगातार मिल रही सफलता के लिए वैज्ञानिकों की पूरी टीम को बधाई दिया तथा भविष्य में और बेहतर करने के लिए वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई की।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने बाछे का नाम “नन्दन” रखा तथा विश्वविद्यालय के अगले लक्ष्य “आईवीएफ” की तरफ तेजी से काम करने का निर्देश दिया। कुलपति ने भारत सरकार तथा बिहार सरकार के सहयोग के लिए अपना आभार व्यक्त किया तथा आने वाले दिनों में पशु पालन की दिशा मे और भी बेहतर करने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।
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