पशुओं में यूरिया की विषाक्तता के कारण एवं निवारण:

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यूरिया की खाद का प्रयोग फसलों एवं चारे की पैदावार बढ़ाने हेतु सबसे अधिक किया जाता है। जुगाली करने वाले पशुओं के लिए यूरिया प्रोटीन का सबसे सस्ता स्रोत है। पशुओं को खिलाने के लिए यूरिया का प्रयोग दो प्रकार से किया जाता है:

  1. यूरिया सीरा ब्लॉक के रूप में
  2. पशु खाद्यों पर इसका छिड़काव करके
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प्रभावित पशु

यूरिया की विषाक्तता से जुगाली करने वाले पशु सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। घोड़े यूरिया को काफी मात्रा में पचा लेते हैं जबकि सूअरों में इसका कोई असर नहीं होता है।

विषाक्तता के कारण

  1. पशु खाद्य में निर्धारित मानक 3% से ज्यादा यूरिया खिलाने से
  2. अच्छी तरह से दाने में ना मिलाने से।

आकस्मिक रूप में यूरिया के पशु द्वारा ज्यादा मात्रा में  खा लेने से इसका प्रभाव

रोमनथिका में मौजूद परजीवी यूरिया को अमोनिया एवं पानी में परिवर्तित करते हैं। इस अमोनिया से प्रोटीन बनती है परंतु अधिक यूरिया खाने से ज्यादा तेजी से अमोनिया बनकर रक्त में अवशोषित हो जाती है। अमोनिया केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है तथा विभिन्न अंगों को क्षतिग्रस्त करता है।

लक्षण

पशु का अशांत रहना, दांत चबाना, सांस लेने में तकलीफ होना, मुंह में झाग जमा हो जाना, पेट में दर्द होना एवं पेट फूलना आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं। पशु पीड़ा से कराहता है, होंठ  पूंछ मैं कपकपी होती है। पशु लड़खड़ाने लगता है, और काफी परेशान होने एवं चिल्लाहट के बाद उसकी मृत्यु हो जाती है।

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शव परीक्षण

रोमनथिक़ा खोलने पर अमोनिया की गंध आती है। पेट व फेफड़ों में पानी भर जाता है। श्वास नली  का सोथ, जिगर के आकार में वृद्धि होना रंग पीला पड़ना एवं टूटना। आंतों में रक्त का रिसाव होना व पानी भरना।

उपचार

पशुओं को यूरिया खिलाना बंद कर देना चाहिए। सिरका ठंडे पानी में पिलाएं तथा फूले हुए पेट से गैस निकाले।

संदेहास्पद दाना रोमनथिका का द्रव, रक्त का नमूना विष विज्ञान प्रयोगशाला में जांच कराएं।

रोकथाम और बचाव

पशुओं को थोड़ी मात्रा में यूरिया खिलाना शुरू करें ताकि वे यूरिया पचाने में अभ्यस्त हो जाएं। निर्धारित मात्रा 3% से अधिक यूरिया ना खिलाए दाने में यूरिया अच्छी तरह से मिलाने के बाद ही खिलाएं।

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इस लेख में दी गयी जानकारी लेखक के सर्वोत्तम ज्ञान के अनुसार सही, सटीक तथा सत्य है, परन्तु जानकारीयाँ विधि समय-काल परिस्थिति के अनुसार हर जगह भिन्न हो सकती है, तथा यह समय के साथ-साथ बदलती भी रहती है। यह जानकारी पेशेवर पशुचिकित्सक से रोग का निदान, उपचार, पर्चे, या औपचारिक और व्यक्तिगत सलाह के विकल्प के लिए नहीं है। यदि किसी भी पशु में किसी भी तरह की परेशानी या बीमारी के लक्षण प्रदर्शित हो रहे हों, तो पशु को तुरंत एक पेशेवर पशु चिकित्सक द्वारा देखा जाना चाहिए।

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