कृषि कुंभ-2018 अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी

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कृषि कुंभ-2018
समृद्ध कृषि व्यवसाय-सुअवसरों का सृजन
किसानों की आय दोगुनी करना

देश में खाद्यान्न उत्पादों, बागवानी, चीनी एवं दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश का सार्वाधिक विशिष्ट स्थान है। कृषि क्षेत्र की जरूरतों एवं चुनौतियों का सामना करने और इन समस्याओं का परिवर्तनकारी समाधान प्राप्त करने के लिए एक साथ आगे बढ़ना है। कृषि कुम्भ उत्तर प्रदेश को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सहित कृषि-व्यवसाय का केंद्र बनाने के लिए व्याापक अवसर प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में निवेश के लिए स्वस्थ आर्थिक प्रणाली को प्रोत्साहित करने के लिए  ”ईज़ आफ डूइंग बिजनेस” के अंतर्गत हाल ही में कई कदम उठाएं है। खाद्य भंडारण एवं प्रसंस्करण में उन्नत प्रौद्योगिकी और ग्राहको के बदलते रुझान को देखते हुए कृषि अब केवल एकांगी क्रियाकलाप नहीं है। बागवानी, फूलों की खेती, पशुपालन आदि जैसे कृषि क्रियाकलाप के सम्भावित कौशल को सन 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। यह लक्ष्य केवल सरकारी प्रयासों से ही प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसके लिए सभी हितधारकों, वित्तीय संस्थानों, वैज्ञानिकों, छात्रों और किसानों को कृषि को उद्यम के रूप में स्थापित करने हेतु योगदान देना होगा तथा किसानों के साथ ही कृषि उद्यमियों के प्रोत्साहन पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। कृषि कुंभ 2018 किसानो, वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों, अनुसंधान संस्थानों और नीतिनिर्धारकों को नवीनतम प्रोद्योगिकी के उपयोग हेतु किसानो के मध्य जागरूकता निर्माण और व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए कृषि उत्पादन एवं कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में व्सावसायिक अवसर प्रदान करता है। यह कार्यक्रम 13 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में आयोजित हो रहा है, जहां देश की सर्वोत्तम कृषि विधाओ का प्रदर्शन किया जायेगा। यह कार्यक्रम हितधारकों को निवेश लाभ हेतु एक दूसरों की आवश्यकता को समझने के लिए अवसर प्रदान करेगा।

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कृषि कुंभ-2018 अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी

उद्देश्य

  • विकास के नए आयामों के सृजन हेतु एक मंच प्रदान करना।
  • कृषि, बागवानी, पशुपालन,दुग्धशाला एवं मत्स्य पालन, कृषि अभियांत्रिकी और फसल अवशेष प्रबंधन हेतू नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी के विकास में किसानों के बीच जागरुकता निर्माण करना।
  • उत्तर प्रदेश के कृषि व्यवसाय में उल्लेखनीय प्रगति करना और कृषि में योगदान देने हेतु भारत के सबसे बड़े राज्य में निवेश के अवसर उपलब्ध करना।
  • कृषि क्षेत्र की जरूरतों एवं चुनौतियों का सामना करने और इन समस्याओं का परिवर्तनकारी समाधान प्राप्त करने के लिए एक साथ आगे आना।
  • नीति निर्धारकों, सरकार, मीडिया, उद्योग और अन्य हितधारकों के लिए तकनीकि ज्ञान को साझा करने, समस्याओं पर चर्चा करने और प्रदेशों में कृषि की उद्यमिता के विकास हेतु एक मंच प्रदान करना।

केंद्रित क्षेत्र

  • कृषि यंत्रीकरण
  • कृषि में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और स्टार्टअप
  • उन्नत बीज एवं जैव प्रौद्योगिकी
  • उर्वरक, सूक्ष्म पोषकतत्व एवं जैव उर्वरक
  • कीटनाशकों एवं पौधा वृद्धि विकास नियामक (ग्रोथ रेगुलेटर)
  • बागवानी, फलों, फूलों की खेती और मधुमक्खी पालन
  • पशुपालन एवं पशु स्वास्थ्य से संबंधित उत्पाद
  • ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं कृषि पर्यटन (ग्रामीण विकास)
  • सूक्ष्म सिंचाई, संरक्षित खेती
  • आई.सी.टी. एवं कृषि प्रसार सेवाएं
  • चीनी एवं सम्बंधित उत्पाद
  • ई-नैम, कृषि विपणन एवं कृषि निर्यात
  • कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण
  • कोल्ड चेन एवं आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
  • वित्तीय समावेशन हेतु बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान
  • दुग्धशाला, मुर्गीपालन एवं रेशम उत्पादन
  • पशुधन एवं मत्स्य पालन
  • तकनीकी शिक्षा, कौशल और उद्यमिता
  • ग्रामीण विपणन एवं जीवन स्तर वृद्धि
  • सौर एवं हरित ऊर्जा
  • जैविक खेती
  • फसल बीमा
  • औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती
  • अक्षय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग
  • प्रौद्योगिकी प्रसार

कृषि क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गयी पहल

  • सार्वाजनिक-निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) आधार पर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन।
  • लघु और सीमांत किसानों में प्रौद्योगिकी प्रसार और क्षमता विकास के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने पर विशेष बल।
  • बैंकरों के माध्यम से किसानों को क्रेडिट सुविधा।
  • बैंकरों के माध्यम से वित्तीय समावेश पर पूरे राज्य में अभियान तथा कृषि-बागवानी उद्यमिता विकास हेतु कृषि ऋण सुविधाएं और सेवाये प्रदान करना।
  • कृषि उपज एवं पशुपालन संसाधनों के अलग-अलग क्षेत्रों की पहचान।
  • कृषि आधारित उत्पादों हेतु सम्पर्क साधनों जैसे कच्चे माल, भंडारण, परिवहन और गोदामों के लिए वित्तीय सहयोग एवं प्रावधान।
  • कृषि एवं दुग्धशाला आधारित उत्पादों, कृषि मशीनीकरण एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात हेतु विशेष सुविधाएं।
  • कृषि व्यवसाय, मुर्गीपालन एवं दुग्धशाला क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष नीतियां।
  • ए.ई.जेड. एवं फूड पार्कों इत्यादि के माध्यम से कृषि एवं खाद्य उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं।
  • निवेश हेतु आधार भूत संरचनाओं का निर्माण।
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कृषि उद्यमिता विकास कृषि-क्लीनिक एवं कृषि-व्यवसाय स्थापना हेतू कार्यशाला एवं परामर्श
कृषि कुम्भ में भारत सरकार, नाबार्ड एवं मैनेज के विशेषज्ञ/अधिकारी, प्रगतिशील किसानों, विभिन्न कृषि परियोजनाओं में लगे ग्रामीण युवकों को कृषि उद्यमिता तथा स्टार्टअप, वित्तपोषण विकल्पों, सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और विपणन आयामों पर मार्गदर्शन एवं जानकारी प्रदान करेंगे व उनके विभिन्न प्रश्नों एवं समस्याओं का समाधान भी करेंगे तथा तदविषयक  साहित्य भी उपलब्ध कराया जायेगा।

कृषि कार्यशालाएं और सेमीनार आयोजन
कार्यक्रम के एक भाग के रूप में आयोजित होने वाली किसान कार्यशालाएं उद्योगपतियों, प्रसार अधिकारियों और विशेषज्ञों को प्रगतिशील किसानों की व्यापक उपस्थिति में औपचारिक संवाद का अवसर प्रदान करेंगी। ये कार्यशालाएं इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले किसानों के लिए एक प्रमुख आकर्षण केंद्र भी होंगी, जिसमें वे विशेष़ज्ञों और अधिकारियों के साथ सीधे संवाद कर लाभान्वित होंगे। इस तीन दिवसीय कार्यशाला में अलग-अलग सत्र होंगे जिसमें अधिकारी और विशेषज्ञ उत्पादकता, विविधीकरण, सम्बद्ध कृषि गतिविधियों, बागवानी, दुग्धशाला, मत्स्य पालन, कृषि-मूल्य संवर्धन, तकनीकियों, कृषि विषयक मुद्दों, विपणन, उत्पादों एवं योजनाओं आदि पर प्रस्तुतीकरण देंगे।

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सहभागिता एवं पूछताछ हेतु सम्पर्क करें
कृषि कुंभ सचिवालय-2018
भूतल, कृषि भवन, अतिथिगृह, मदन मोहन मालवीय मार्ग,
लखनऊ, उत्तर प्रदेश-226001 (भारत)
टोल फ्री पूछताछ/ हेल्पलाइन नम्बर: 1800 843 7000
ई-मेल आई डी:  info@krishikumbhup.org, business@krishikumbhup.org
वेबसाईट: https://krishikumbhup.org

सम्पर्क अधिकारी कृषि कुंभ 2018
डाॅ. राम शब्द जैसवारा, अपर कृषि निदेशक, उत्तर प्रदेश सरकार
ई-मेल आई डी:  rsjaiswara@krishikumbhup.org

संयुक्त आयोजनकर्ता
कृषि विभाग एवं सम्बन्धित विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार
उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद

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