पशु, जीव-जंतु का मनुष्य के बराबर अधिकार: उपमुख्यमंत्री बिहार

4.8
(441)

प्राचीन काल से मनुष्य के जीवन में पशु, पक्षी, जीव-जंतु का अलग महत्व है, हमारी भारतीय संस्कृति और गौरवशाली परंपरा पशुओं और पक्षियों के इर्द-गिर्द रही है, हमारे धर्म में भी उन्हें अलग सम्मान दिया गया है, और वह सम्मान हमें आज भी देना है, साथ ही पशु-पक्षियों, जीव-जंतु आदि के कल्याण और संरक्षण हर राज्य का दायित्व है उक्त बातें बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा। बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय में इंडियन वेटनरी एसोसिएशन और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “वन हेल्थ अप्रोच: वेटरनरी पर्सपेक्टिव” विषयक राष्ट्रीय कांफ्रेंस-सह-संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उन्होंने आगे कहा की भारत की आत्मा गावों में बसती है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में पशुचिकित्सकों की भूमिका बहुत अहम् है, उन्होंने कहा की ग्रामीणों के जीविकोपार्जन के लिए दिए जाने वाली पशुधन में मुख्यता गाय-भैस इत्यादि दी जाती है मगर मेरा मानना है की साथ में बकरी, मुर्गी और मछली भी उन्हें साथ में दिया जाये ताकि वे इंटीग्रेटेड पशुपालन कर सके ताकि किसी एक में नुकसान हो तो दूसरे से मुनाफा कमाया जा सके और जीविका चक्र न टूटे। पशुचिकित्सकों की नियुक्ति, स्नातक स्टाइपेंड और स्नातकोत्तर अलाउंस पर बोलते हुए उन्होंने कहा की जल्द ही इन समस्याओं का समाधान किया जायेगा।

और देखें :  पशुओं में जलवायु परिवर्तन और गर्मी में तनाव पर प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन

इस अवसर पर अतिथि के तौर पर मौजूद भारत सरकार के पशुपालन विभाग के आयुक्त डॉ. प्रवीण मल्लिक ने कहा की वन हेल्थ पर बातें अक्सर होते आयी है, और आज भी हो रही है मगर इसका कार्यान्वयन कैसे हो इसपर विमर्श करना अति आवश्यक है साथ ही एक पशु चिकित्सक की भूमिका क्या होनी चाहिए इस पर भी विचार करना चाहिए। वन हेल्थ को समझने से पहले हमें सभी विज्ञान को जानना जरूरी है, संक्रमित बीमारियों की सबसे अच्छी समझ एक पशु चिकित्सक को होती है, और वैन हेल्थ में एक पशु चिकित्सक की भूमिका अहम् होगी। उन्होंने आगे कहा की हमारे सिस्टम में कुछ कमी है जिसे दूर करने की जरूरत है, हम एनिमल प्रोडक्शन पर ज्यादा ध्यान देते है रोकथाम की तरफ हमारा ध्यान काम होता है और ट्रीटमेंट की तरफ ज्यादा होता है जबकि हमें रोकथाम पर काम करने की आवश्यकता है। एनिमल हेल्थ मैनेजमेंट पर बेहतर काम करने की जरूरत है जिसमे डायग्नोसिस को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए, डायग्नोसिस फैसिलिटी को फील्ड लेवल तक लेकर जाये, इंस्टीट्यूशनल बिल्डिंग पर ध्यान दे ताकि बीमारियों का पता जल्द से जल्द हो सके।

इस अवसर पर भारतीय पशुचिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. चिरंतन कादयान ने मंच के माध्यम से उपस्थित अतिथियों से आग्रह किया की पुरे भारत वर्ष में कार्यरत टूरिंग वेटरनरी अफसर को वेटरनरी अफसर का दर्जा देने साथ ही फील्ड में कार्यरत वेटनरी ऑफिसर के लिए डीएसीपी को लागू करने जैसी मांगों पर ध्यान आकृष्ट कराया। बिहार में मुंहपका और खुरपका जैसी पशुओं की बीमारियों पर उन्होंने बताया की जिस प्रकार केंद्र सरकार ने हरियाणा को चुनकर संयुक्त टीकाकरण अभियान चलकर इस बीमारी के ऊपर गंभीरता दिखाई और पिछले ढाई सालों में एक भी एफएमडी की केस नहीं पायी गयी ठीक उसी प्रकार बिहार को दूसरा राज्य के तौर पर चयनित कर संयुक्त टीकाकरण कराया जाए जिससे राज्य के पशुपालन लाभान्वित हो और उनकी जीविका प्रभावित न हो।

और देखें :  बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में मनाया गया वेटरनरी डॉक्टर्स डे

कार्यक्रम के पूर्व में भारतीय पशुचिकित्सा संघ बिहार के अध्यक्ष डॉ. जीतेन्द्र प्रसाद ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा भारतीय पशुचिकित्सा संघ द्वारा प्रकाशित संग्रह पुस्तक का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में कुलपति, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय डॉ. रामेश्वर सिंह, पशुपालन सचिव, सिक्किम डॉ. सांगी दोरजी, सिक्किम निदेशालय के डॉ. घनश्याम शर्मा, डॉ. वी.वी. गट्टानी, इंडियन वेटरनरी अस्सोसीएशन के लेडी विंग की अध्यक्षा डॉ. बबिता त्रिपाठी, डीन बिहार वेटनेरी कॉलेज डॉ. जे.के.प्रसाद, इंडियन वेटरनरी जर्नल के संपादक डॉ. रमन, डॉ. चंद्रशेखरण, डॉ. पोणु पांडियान, डॉ.ज्योति रानी, डॉ. कविता राऊत, डॉ. प्रेम शंकर, डॉ. संजय भारती,पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क पदाधिकारी सत्य कुमार सहित विभिन्न प्रदेशों से आये पशुचिकित्सा संघों के प्रतिनिधि शामिल थे।

और देखें :  कुक्कुट प्रसंस्करण में उद्यमिता पर कार्यशाला का आयोजन

यह लेख कितना उपयोगी था?

इस लेख की समीक्षा करने के लिए स्टार पर क्लिक करें!

औसत रेटिंग 4.8 ⭐ (441 Review)

अब तक कोई समीक्षा नहीं! इस लेख की समीक्षा करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

हमें खेद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी नहीं थी!

कृपया हमें इस लेख में सुधार करने में मदद करें!

हमें बताएं कि हम इस लेख को कैसे सुधार सकते हैं?

Author

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*