प्रोग्रेसिव डेयरी फारमर्स एसोसिएशन (पीडीएफए) उत्तराखण्ड द्वारा देहरादून के परेड मैदान में दिनांक 12 से 14 अक्तूबर 2018 के मध्य प्रथम कृषि मेला “दून इंटरनेशनल डेयरी एवं कृषि एक्सपों 2018” का आयोजन किया जा रहा है। देहरादून में पहली बार पशुपालन एवं कृषि से सम्बंधित इस स्तर के मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले का विधिवत शुभारम्भ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को किया। बाद में मुख्यमंत्री ने मेले का भ्रमण किया और मेले में प्रतिभाग कर रहे पशुओं का अवलोकन किया तथा उनके बारे में जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने मेले में देश-विदेश की कई कंपनियों की ओर से लगाए गए पशु औषधियों, कृषि उपकरणों पशु एवं पशुपालन से सम्बंधित स्टालों का भ्रमण किया तथा उनके उत्पादों की जानकारी ली।मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी विभागों, किसानों, पशुपालकों एवं डेयरी उद्योग से जुड़े प्रतिभागियों की प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया तथा उनका उत्साहवर्द्धन किया। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से उत्तराखण्ड राज्य में लोगों का रुझान कृषि एवं पशुपालन की तरफ बढ़ाया जा सकेगा, जिससे गांवों के साथ साथ शहरों में भी स्वरोजगार के अवसर सृजित किए जा सकेंगे।
मुर्रा नस्ल का सुल्तान बना आकर्षण का केंद्र
इस प्रदर्शनी में 1600 किलो का भैंसा “सुल्तान” जिसकी कीमत 11 करोड़ रुपये तक लग चुकी है, मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। पशु प्रदर्शनी में सबके आंखों का तारा बने सुल्तान को देखने के लिए देहरादून के लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा। हरियाणा कैथल के निवासी सुल्तान के मालिक नरेश बेनीवाल ने बताया कि सुल्तान दुनिया के सबसे बेहतरीन भैसों में से एक है। आज सुल्तान उनके लिए अच्छी खासी आमदनी का स्रोत बन गया है, उन्होंने बताया कि वे अब तक सुल्तान का वीर्य बेचकर करोड़ो कमा चुके है। सुल्तान के वीर्य से पैदा हुई भैसें 15-20 किलो तक दूध देती है। सुल्तान के मालिक नरेश बेनीवाल ने बताया कि सुल्तान 16 फीट लम्बा है तथा सुल्तान को रोजाना 10 किलो दही. 10 किलो दूध, लगभग 5 किलो सेब, इसके अतिरिक्त गाजर, मौसमी फल, दही, पशु दाना और हरा चारा दिया जाता है।
सुल्तान के अतिरिक्त मुर्रा नस्ल के भैंसा रुस्तम और राजा भी आकर्षण का केंद्र रहे। इनकी कीमत भी करोड़ो में आंकी जाती है। रुस्तम के मालिक दलेल सिंह ने बताया कि भैंसे की लंबाई 16.5 फीट है, तथा रुस्तम की रोजाना की खुराक में 20 लीटर दूध, गाजर, मौसमी फल, दही, दाना और हरा चारा शामिल है। दलेल सिंह ने यह भी बताया की रुस्तम का वीर्य बेचकर हर साल लगभग 40 लाख रुपए कमाते हैं। इसके अतिरिक्त मेले में दूर दूर से आये किसानों ने उत्तराखण्ड की बद्री गाय, मुर्रा नस्ल की भेंसे , होलिस्टीयन फ्रीजन गायें, गुजरात में पाई जाने वाली गिर नस्ल की गाय, थारपारकर गाय लाल सिन्धी गाय आदि का भी प्रदर्शन किया गया है।
शनिवार को उत्तराखण्ड की पशुपालन मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने मेले में शिरकत की। पशुपालन मंत्री ने मेले में सभी सरकारी विभागों, किसानों, पशुपालकों एवं डेयरी उद्योग से जुड़े प्रतिभागियों, कंपनियों की ओर से लगाए गए पशु औषधियों, कृषि उपकरणों पशु एवं पशुपालन से सम्बंधित स्टालों का भ्रमण किया तथा उनका उत्साहवर्द्धन किया।
पशुपालन मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में सेक्स सॉर्टेड सीमेन के उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है, जिसके इस्तेमाल से केवल मादा बछड़ो का जन्म होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पशुपालको को पशुओं की नस्ल सुधार की और बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पशुपालन विभाग उत्तराखण्ड 11- 13 नवम्बर 2018 को पंतनगर में “पशुधन कौतिक” का आयोजन कर रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य पशुपालन को प्रदेश में बढावा देना तथा स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करना होगा। पशुपालन मंत्री ने पशु मेले में निर्णायकों की भूमिका निभा रहे विषय विशेषज्ञों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ के.के. जोशी, पीडीएफए उत्तराखण्ड के अध्यक्ष डॉ हरेन्द्र रावत, पीडीएफए उत्तराखण्ड के सीईओ डॉ अतुल जोशी आदि मौजूद थे।
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