रेबीज तंत्रिका तंत्र की एक बीमारी है जो एक वायरस द्वारा होती है ,जो मनुष्य और जानवर दोनों को प्रभावित करता है। यह वायरस तंत्रिका तंत्र द्वारा मस्तिष्क को संक्रमित करता है और अंततः यह मौत का कारण बनता है। रेबीज गर्म खून वाले जानवरों की बीमारी है, आमतौर पर यह लोमड़ियों, झालरों, चमगादड़ों, मवेशियों, घोड़े, कुत्ते और बिल्लियाँ में होता है।
रेबीज फैलता कैसे है ?
- किसी संक्रमित जानवर के काटने पर
- कटी फटी त्वचा के संपर्क में संक्रमित जानवर की लार के आने पर
कैसे पहचाने कि किसी जानवर को रेबीज है ?
- या तो वह प्रभावित जानवर असामान्य रूप से सुस्त रहता है या आक्रामक तरीके से व्यवहार करता है।
- वह बिना किसी कारण के किसी भी मनुष्य या जानवर को काटने की कोशिश करता है।
- भोजन निगलने में कठिनाई होती है तथा मुँह से अत्यधिक मात्रा में लार तथा झाग आने लगते है, कारणस्वरूप पालतू जानवर खाना छोड़ देता है।
- आंशिक रूप से या पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो जाता है जिससे उसके शरीर के अंग धीरे धीरे काम करना बंद कर देते है।
रेबीज़ ग्रस्त जानवर के संपर्क में आने या काटने पर क्या करे ?
- तुरंत घाव वाली जगह को अच्छी तरह से साबुन तथा साफ पानी से धो लेवे तत्पश्चात एंटीसेप्टिक क्रीम लगाए।
- घाव से बहते हुए खून को रोकने के लिए हाथ से दबाये या किसी साफ कपडे/पट्टी से उस जगह को बांध देवे।
- अपने पालतू /पशु को नजदीकी पशु अस्पताल ले जाये, उचित उपचार करवाए तथा एंटी रेबीज़ वैक्सीन लगवाए या वेटेरिनरी डॉक्टर से संपर्क करें।
- मालिकों को अपने पालतू जानवर को अलग से रखने कि व्यवस्था कीजिये तथा व्यवहार में होने वाले बदलाव का निरीक्षण करें।
- जिस भी दूसरे जानवर ने काटा है उसको भी निगरानी में रखिये कि क्या उसमे रेबीज के कोई भी लक्षण तो नहीं है।
अपने पालतू जानवर को रेबीज़ से कैसे बचाये ?
- अपने पालतू जानवर को समय समय पर टीकाकरण करवाते रहे।
- अपने पालतू को घर से बाहर अकेला न छोड़े ।
- अपने घर के आसपास किसी असामान्य व्यवहार वाले जानवर को देखा है तो जितनी जल्दी हो सके वेटेरिनरी डॉक्टर से संपर्क करे तब तक के लिए न खुद बाहर निकले और न ही अपने पालतू को बहार जाने देवे।
इस लेख में दी गयी जानकारी लेखक के सर्वोत्तम ज्ञान के अनुसार सही, सटीक तथा सत्य है, परन्तु जानकारीयाँ विधि समय-काल परिस्थिति के अनुसार हर जगह भिन्न हो सकती है, तथा यह समय के साथ-साथ बदलती भी रहती है। यह जानकारी पेशेवर पशुचिकित्सक से रोग का निदान, उपचार, पर्चे, या औपचारिक और व्यक्तिगत सलाह के विकल्प के लिए नहीं है। यदि किसी भी पशु में किसी भी तरह की परेशानी या बीमारी के लक्षण प्रदर्शित हो रहे हों, तो पशु को तुरंत एक पेशेवर पशु चिकित्सक द्वारा देखा जाना चाहिए। |
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