श्री चन्द्रभागा (कार्तिक) पशु मेले (2018) का सुभारम्भ

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20 नवम्बर 2018: राजस्थान के झालरपाटन जिला प्रशासन एवं पशुपालन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे श्री चन्द्रभागा (कार्तिक) पशु मेले (2018) का उद्घाटन सोमवार को रंगमंच मेला ग्राउण्ड झालरापाटन में मुख्य अतिथि जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी द्वारा विधिवत फीता काटकर, राष्ट्रीय घ्वज फहराकर एवं भूमि पूजन कर किया गया। चन्द्रभागा पशुमेला पशुपालन विभाग द्वारा 19 से 27 नवम्बर 2018 तक आयोजित किया जाएगा। जिला कलक्टर ने बताया कि इस वर्ष चन्द्रभागा मेला ग्रीन मेला होगा।

‘‘पशुओं में पॉलीथीन के दुष्प्रभाव’’ फोल्डर का किया विमोचन
इस दौरान डॉ. ऋतु शर्मा, डॉ. देवेन्द्र कुमार एवं डॉ. अंकिता शर्मा द्वारा तैयार ‘‘पशुओं में पॉलीथीन के दुष्प्रभाव’’ फोल्डर का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने पॉलीथीन का प्रयोग न करने की सलाह देते हुए कहा कि पॉलिथीन खाने से पशुओं में अफारा, अपच, पेट दर्द आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं। पॉलिथीन अपघटनशील नहीं होता है, इस वजह से पशु के पेट में लगातार जमा होती रहती हैं। जिससे पशु के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव उत्पन्न होते हैं।

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प्रत्येक वर्ष राजस्थान का चंद्रभागा मेला देश भर के हजारों आगंतुकों और प्रतिभागियों का स्वागत करता है। कार्तिक के महीने (अक्टूबर और नवंबर) में झालावाड़ से लगभग छह किलोमीटर की दूरी पर झालारपाटन में यह मेला आयोजित किया जाता है। इस अंचल के रीति-रिवाज तथा परंपराओं से यह मेला पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और अन्वेषकों को आकर्षित करता है। मेले के दौरान चंद्रभागा नदी के तट पर सारे तीर्थयात्री इकट्ठा होते हैं और इस पर्व में हिस्सा लेते हैं। चंद्रभागा नदी के नाम पर होने वाला ये उत्सव राजस्थान में अति पावन माना जाता है। लोग नदी में डुबकी लगाने के लिए दूर- दूर से आते हैं उनका ऐसा मानना है कि इससे उनकी शुद्धि होती है। यहां विशाल मवेशी मेला भी आयोजित किया जाता है, जहां गाय, भैंस, बैल, ऊंट, घोड़े क्रय -विक्रय के लिए विभिन्न स्थानों से आते हैं। मेले में कई आध्यात्मिक और पारंपरिक गतिविधियां शामिल हैं। पर्यटन विभाग मेले के 3 दिनों में पारंपरिक दीपदान, शोभा यात्रा और विभिन्न प्रतियोगिताओं के साथ-साथ सांस्कृतिक संध्या जैसी अनूठी गतिविधियों का आयोजन करता है।

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