2 दिसम्बर 2018: उत्तराखण्ड के पंतनगर विश्वविध्यालय में पशुपालन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा उत्तराखण्ड का पहला पशुधन कौतिक 1 दिसंबर 2018 से 2 दिसंबर 2018 को आयोजित किया गया। पहले दिन पशुधन कौतिक का सुभारंभ राज्यमंत्री श्रीमती रेखा आर्या द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक श्री राजेश शुक्ला ने की। राज्यमंत्री ने सुभारंभ के अवसर पर कहा कि पशुधन कौतिक आयोजित करने का मुख्य मकसद उत्तराखण्ड के पशुपालकों को नस्ल सुधार के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि पशुधन कौतिक में पशुपालन विभाग पशुपालन की जानकारी देने के साथ-साथ नयी तकनीक के इस्तेमाल के जरिए आय बढ़ाने की जानकारी भी पशुपालको को देगा। कौतिक में विधायक राजेश शुक्ला ने पशुपालन विभाग उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित किये जा रहे आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस अनूठे आयोजन से प्रदेश के पशुपालन लाभान्वित होंगे तथा कौतिक में पशुपालक नई जानकारी और आमदनी दुगनी करने के उपाय जान सकेंगे।
पशुपालन विभाग के सचिव डॉ आर मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा कि नस्ल सुधार पशुपालन व्यवसाय की रीढ़ है। पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ के के जोशी ने पशुधन कौतिक में दो दिनों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा पशुधन कौतिक के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी। पशुधन कौतिक में उत्तराखण्ड के कुमांऊ मंडल के सभी जनपदों से पशुपालक अपने पशुओं के साथ प्रतिभाग करने पहुंचे। इसके अतिरिक्त मेले में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, ओर हरियाणा से भी पशुपालक अपने-अपने पशुओं को लेकर पहुंचे। पहले दिन विभिन्न राज्यों के करीब दो हज़ार से अधिक पशुपालक अपने 400 से अधिक पशुओं के साथ पहुंचे।
दो दिवसीय मेले में एन.सी.सी. कैडेट्स द्वारा रोमांचक घुड़सवारी का प्रदर्शन किया गया। मेले में चमोली जिले से एक याक भी लाया गया, जिसके साथ एक सेल्फी पॉइंट बनाया गया, जिसमें लोगो द्वारा याक के साथ सेल्फी लेने के लिए भीड़ लगी हुई थी।मेले का मुख्य आकर्षण पशुओं के साथ रैंप वॉक रहा जिसमें विभिन्न प्रजाति की भेड़ एवं बकरियों द्वारा रैंप वॉक किया गया। पशुधन कौतिक में गिर नस्ल की गाय “द्वारिकाधीष” भी आकर्षण का केंद्र रही। गिर गाय के मालिक काशीपुर निवासी लाल सिंह नेगी ने बताया कि इसे वे गुजरात के गिर से लाए हैं।
पशुधन कौतिक दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण मशीन द्वारा उन कतरन प्रतियोगिता रही, जिसमें प्रतिभागियों ने रैंप पर मशीन द्वारा उन कतरन का प्रदर्शन किया। पशुधन कौतिक के दूसरे दिन कृषकों, पशुपालकों तथा पशु चिकित्साधिकारियों एवं अन्य विभागीय अधिकारियों के लिये तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। तकनीकी सत्र में विभिन्न विषय-विशेषज्ञों द्वारा पशुपालकों को कई लाभदायक जानकारियां दी।
कार्यक्रम का समापन केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा द्वारा पशुपालकों एवं अन्य प्रतिभागियों को प्रशस्तिपत्र तथा धनराशि के चेक वितरित करके किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने दुधारू पशुओं एवं बकरी की उन्नत नस्लों को पर्वतीय क्षेत्रों के पशुपालकों के लिए सुगमता से उपलब्ध कराने की जरूरत पर विशेष बल दिया।
पशुधन कौतिक में अपर निदेशक कुमाऊँ मंडल डॉ पी.सी. कांडपाल, मत्स्य विभाग के निदेशक बी.पी. मधवाल, डेरी विभाग के जयदीप अरोड़ा, पशुपालन विभाग के डॉ धामी, डॉ अविनाश आनंद, डॉ राजीव सिंह, डॉ कैलाश उनियाल, डॉ आशुतोष जोशी तथा पशुपालन विभाग के कई अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
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