बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह सहित विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था कृषि छेत्र के विकास पर ही अबलंबित है। उन्होंने कहा दूसरी ‘दूसरी हरित क्रांति’ सर्वाधिक रूप से बिहार में ही प्रतिफलित होगी।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में अनाज की उत्पादकता बढ़ाने की एक सीमा है, पर खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि के अन्य अनुषंगी प्रक्षेत्रों का विकास कर राज्य को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है। दुग्ध-उत्पादकता बढ़ाकर तथा मत्स्य पालन, मुर्गीपालन आदि प्रक्षेत्रों को विकसित कर कृषि क्षेत्र में ‘सतरंगी क्रांति’ लाई जा सकती।
श्री मलिक ने कहा कि नव स्थापित बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय राज्य में दुधारू पशुओ की बेहतर नस्लों को विकसित कर किसानो की आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकता है।
उन्होंने कहा कि किसी किसान के पास यदि अच्छी नस्ल की गायें, भैंसे या बकरियां हैं तो खेती पर उसकी निर्भरता कम होगी तथा दुग्ध उत्पादन के जरिये उसका आर्थिक सुद्रढीकरण संभव हो सकेगा।
श्री मलिक बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना की गतिविधियों और उपलब्धियों पर राजभवन में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में विश्वविद्यालय की अपेक्षाओं एवं उपलब्धियों के बारे में अपने पॉवर प्रेजेंटेशन के जरिये कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने महामहिम राज्यपाल महोदय को अवगत कराया।
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