26 जुलाई 2019: पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में बताया कि पशु चिकित्सकों के 900 पद न्यायालय में विचारधीन हैं। उन पर फैसला आने के बाद पदों को भरने की कार्यवाही की जाएगी। श्री कटारिया ने बताया कि राजस्थान पशुपालन सेवा नियम 1963 के अंतर्गत पूर्ववर्ती सरकार द्वारा भर्तियों की प्रक्रिया की गई थी। उनमें 39 पशुधन सहायकों का प्रकरण न्यायालय में लंबित था। उस प्रकरण में फैसला आ गया है और उनको नियुक्ति दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि 900 पशु चिकित्सकों का प्रक्रियाधीन मामला कोर्ट में लंबित हैं। इसके लिए समय-समय पर पशुपालन विभाग नियमों में संशोधन कर रहा है। 22 दिसंबर 2017 द्वारा इसके लिए कार्मिक विभाग द्वारा सहमति प्रदान की गई और वित्त विभाग द्वारा 20 जनवरी 2018 को सहमति के उपरान्त भर्ती नियमों में संशोधन व प्रारूप सहमति के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग को 6 फरवरी 2018 को भेजा गया। राजस्थान लोक सेवा आयोग के आक्षेप बाबत प्रशासनिक विभाग के संशोधित प्रारूप पर कार्मिक व वित्त विभाग द्वारा 6 जून 2018 को सहमति प्रदान किए जाने पर 7 जून 2018 को राजस्थान लोक सेवा आयोग को आक्षेप की पूर्ति करते हुए संशोधित प्रारूप भिजवाया गया।
उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग में वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत पद 1123 हैं, भरे हुए पद 935 हैं और रिक्त पद 188 हैं। पशु चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत पद 1937 हैं, भरे हुए पद 932 हैं और रिक्त पद 1005 हैं। पशु चिकित्सा सहायक के स्वीकृत पद 1644 हैं, भरे हुए पद 1034 हैं और रिक्त पद 610 हैं। पशु धन सहायक के स्वीकृत पद 8019 हैं, भरे हुए पद 5851 हैं और रिक्त पद 2168 हैं।
इससे पहले विधायक श्री बलवीर सिंह लूथरा के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि वर्तमान में पशुपालन विभाग में राजस्थान पशुपालन सेवा नियम 1963 में विद्यमान नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सेवा नियमों में संशोधन के बाद पशु चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों पर भर्ती की कार्यवाही की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सा उपकेन्द्रों को आवश्यकता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार क्रमोन्नत किया जाता है।
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