24 जुलाई 2019: बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में एशिया का पहला एनिमल वर्चुअल डिसेक्शन टेबल लगाया गया, मानव चिकित्सा में ये संयंत्र भारत में पहले आ चूका है पर पशु विज्ञान के क्षेत्र में यह संयंत्र पुरे भारत ही नहीं अपितु पुरे एशिया में पहला है जिसे बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय के शरीर रचना विभाग में लगाया गया है।
वर्चुअल डिसेक्शन टेबल का उद्घाटन बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा की यह पुरे बिहार राज्य के लिए गर्व की बात है की बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में यह नयी तकनीक की शुरुआत हुई। इस तकनीक के आने से पशु शरीर रचना और शल्य चिकित्सा को समझने में आसानी होगी। उन्होंने कहा की यह उपकरण चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र के लिए बहुउपयोगी है, सिर्फ पशु चिकित्सा ही नहीं बल्कि मानव चिकित्सा के क्षेत्र में भी वर्चुअल डिसेक्शन टेबल की अपनी उपयोगिता है। उन्होंने विद्यार्थियों और अध्यापकों को इस यंत्र का भरपूर उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने निदेशक अनुसन्धान को निर्देश दिया की पटना में स्थित अनुसन्धान संस्थाओं के साथ मिलकर वन हेल्थ (पशु और मानव) पर काम करे, यह उपकरण अगर मानव चिकित्सा के उपयोग में आ सकता है तो विश्वविद्यालय मदद के लिए सदैव तत्पर है। निदेशक अनुसन्धान डॉ. रविंद्र कुमार ने कहा की विश्वविद्यालय विद्यार्थियों डिजिटल तकनीक के साथ अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, यह वर्चुअल डिसेक्शन टेबल शल्य चिकित्सा व एडवांस स्टडी के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। उद्घाटन समारोह में डीन बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय डॉ. जे.के. प्रसाद, निदेशक छात्र कल्याण डॉ. रमन कुमार त्रिवेदी, वित्त नियंत्रक जी.सी. प्रसाद, पशु शरीर रचना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार भारती, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. कौशलेन्द्र सहित महाविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद थे।
क्या है वर्चुअल डिसेक्शन टेबल
वर्चुअल रियलिटी से हम भली भांति वाकिफ है, जिसे वि.आर भी कहा जाता है, मोबाइल के साथ वि.आर का प्रचलन जोरो से हुआ है, वर्चुअल रियलिटी’ एक ऐसा अनुभव है जो बिल्कुल वास्तविक लगता है पर होता नहीं। वर्चुअल रियलिटी का उपयोग ज्यादातर गेम और सिनेमा की दुनिया में होता रहा है पर अब यह तकनीक का उपयोग पशु चिकित्सा और मानव चिकित्सा के क्षेत्र में भी होने लगा है। वर्चुअल डिसेक्शन टेबल में टच स्क्रीन मॉनिटर लगे होते है जिसमे डिसेक्शन (विच्छेदन) के लिए सॉफ्टवेयर इनस्टॉल किया गया है, साथ ही इनमे सभी जानवरों के बॉडी एटलस और डिटेल्स को थ्री डी में फीड किया गया है, जो पशुओं के शरीर रचना, टिश्यू, धमनी, त्वचा की बनावट, जॉइंट्स, पाचन तन्त्र, कंकाल तन्त्र, पेशी तन्त्र, तन्त्रिका तन्त्र, अंतःस्रावी तन्त्र, संवहन तन्त्र, श्वसन तन्त्र, जनन तन्त्र, आच्छादन तन्त्र, लसिका तन्त्र, उत्सर्जन तन्त्र जैसी जानकारियों का भंडार है। सभी शरीर के अंगो की डाटा थ्री डी में उपलब्ध है जिसे किसी भी एंगल में, किसी भी दिशा में रखकर देखा जा सकता है और अध्ययन किया जा सकता है। किसी भी जानवर के बॉडी एटलस के साथ उसे एक टच के जरिये हम काट सकते है, विच्छेदन कर सकते है और शरीर से जुडी तमाम छोटी-बड़ी चीज़ो का विस्तृत अध्ययन कर सकते है।
क्यों है वर्चुअल डिसेक्शन टेबल की जरुरत
पुरे विश्व में पशु क्रूरता निवारण के लिए कानून बने हुए है, पशु क्रूरता को रोकने के लिए भारतीय संसद द्वारा 1960 में पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम पारित किया गया इस अधिनियम के तहत जिन्दा पशुओं पर प्रयोग करना, परिक्षण करने तक की मनाही है। इस अधिनियम के लागु किये जाने से पशुचिकित्सा में पशुओं के अध्ययन सम्बंधित समस्या उत्पन्न हो गयी, इस क्षेत्र में आने वाले विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल कर पशुओं की शरीर रचना, पशुओं के विभिन्न अंगो की जानकारी देने में कठिनाइयों का सामना करना पद रहा था, इस समस्या का समाधान के लिए वर्चुअल डिसेक्शन टेबल एक बेहतर विकल्प बनकर उभरा है।
कैसे लाभप्रद है वर्चुअल डिसेक्शन टेबल
वर्चुअल डिसेक्शन टेबल के उपयोग से पशुओं के शरीर रचना के बारे में तो हम जान ही सकते है साथ ही यह सर्जरी के प्लानिंग के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है। किसी पशु के सर्जरी से पहले पशुचिकित्सकों के टीम इस टेबल के सहारे अध्ययन कर सकती है की किस हिस्से में पशु को दिक्कतें है, ऑपरेशन की बेहतर प्लानिंग सकती है। इस वर्चुअल डिसेक्शन टेबल की खासियत यह भी है की सिटी स्कैन एम.आर.आई की रिपोर्ट जो डाईकॉम फॉर्मेट में होता है और टू डी (टू डायमेंशनल) होता है, उसे इस उपकरण में डालकर थ्री डी में परिवर्तित कर शरीर सम्बंधित विकारों को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है। इस मशीन में पशुओं के साथ मानव बॉडी एटलस और मानव शरीर रचना सम्बंधित अन्य जानकारियां उपलब्ध है।
Be the first to comment