लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशुचिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में दो दिवसीय कार्यशाला

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4 फरवरी 2020: लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशुचिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में आज मंगलवार 04.02.2020 को ‘फंडामेंटल टेकनिक्स फॉर ऐंटीबॉडी प्रोडक्शन’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया।

5 फरवरी तक चलने वाली इस कार्यशाला के दौरान, देश भर से विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों को ऐंटीबॉडी प्रोडक्शन तथा विशेषीकरण के विषय पर प्रशिक्षित किया जायेगा। इस समारोह के मुख्य अतिथि लुवास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गुरदियाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि ऐंटीबॉडीज की सभी प्रकार की बिमारियों के इलाज व शोध कार्यों में विशेष भूमिका है और भविष्य में एंटीबॉडीज के उत्पादन में लघु पशुओं को इस्तेमाल करने से बचाया जा सकेगा और यह एंटीबॉडीज बिमारियों के इलाज एवं निदान में विशेष भूमिका अदा करेगी।

कार्यशाला के निदेशक डॉ. नरेश कक्कड़ ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और बताया कि कोर्स में देश के 6 विश्वविद्यालयों में से 20 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है। डॉ. कक्कड़ ने बताया कि कोर्स का उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों के कौशल में सुधार लाना है और इस दौरान प्रशिक्षुओं को अपने हाथों से एंटीबोडी बनाने तथा विशेषीकरण करने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के आलावा विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए जायेंगे। उन्होंने विभाग में अन्य अनुसंधान कार्यों जैसे सी.ऐ.एफ.टी.,एफ.एम.डी., फेज डिस्प्ले का भी वर्णन किया।

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इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ठ अतिथि अनुसंधान निदेशक डॉ. प्रवीन गोयल ने देश के कुल 8 कृषि एवं पशुचिकित्सा विश्वविद्यालयों के एन.आई.सी.एच.ई. एरिया ऑफ़ एक्स्सिलेंस में से लुवास के 1 एन.आई.सी.एच.ई. एरिया ऑफ़ एक्स्सिलेंस होने पर विभाग की प्रशंसा की। इस अवसर पर अधिष्ठाता पशुचिकित्सा महाविद्यालय डॉ. दिवाकर शर्मा ने विश्वविद्यालय में पशुचिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग को उत्तम मानते हुए विभाग की तारीफ की।

कार्यशाला समन्वयक डॉ. जगवीर रावत ने विश्वविद्यालय के नये परिसर में उन्नत ऐंटीबॉडी प्रोद्योगिकी केंद्र स्थापित करने में मदद करने की विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील की और उन्होंने कहा कि एंटीबॉडी एक दवा के रूप में उभरा है जो जैव प्रोद्योगिकी के कुल राजस्व का लगभग एक तिहाई योगदान करता है। कोर्स समन्वयक डॉ. प्रवीन कुमार ने कोर्स टीम के पाठ्यक्रम को व्यवस्थित करने के लिए अन्य समन्वयकों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर अन्य कोर्स समन्वयक डॉ. स्वाति दहिया, डॉ. अखिल कुमार गुप्ता, डॉ. अंशुल लाठर और डॉ. महावीर सिंह के अलावा वैज्ञानिक डॉ. अजित सिंह, डॉ. अर्चना शर्मा, डॉ. अनीता और डॉ. संजीवना उपस्थित रही।

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