किसानो की अर्थव्यवस्था पर कोरोनोवायरस का प्रभाव एवं प्रबंधन

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सूर्य कान्त वर्मा 1, जितेन्द्र कुमार 1 एवं प्रियंका गंगवार 2
1भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा

2सहाध्यापिका, बेसिक शिक्षा विभाग, पीलीभीत, उत्तर प्रदेश

परिचय
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग है। जिसका भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 18 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है और साथ ही साथ यह 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है। भारत दुनिया में दाल, चावल, गेहूं, मसाले और मसाला उत्पाद का सबसे बड़ा उत्पादक है। व्यापार के लिए भारत के पास कई क्षेत्र हैं जैसे डेयरी, मांस, मुर्गी पालन, मछली पालन और खाद्यान्न आदि। आजकल भारत फलों तथा सब्जियों के उत्पादन में दूसरे सबसे बड़े उत्पादक के रूप दुनिया में उभरा है। अर्थशास्त्र और सांख्यिकी (डेस) विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018-19 के लिए खाद्यान्न का उत्पादन लगभग 283.37 मिलियन टन था, जो कि लगातार बढ़ रहा है। यह भारतीय कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है। लेकिन कोरोना वाइरस (कोविड-19) के कारण हुए लॉकडाउन से किसानो की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि पूरे भारतवर्ष में उपस्थित सभी खाद्य उद्योग जैसे- रेस्तरां और होटल आदि बंद है। लॉकडाउन की वजह से परिवहन को रोके जाने के कारण उत्पादन होने के बावजूद भी आपूर्ति श्रृंखला में दखल पड़ने से अनाज मंडियों तक नहीं पहुँच पा रहा है साथ ही साथ सहकारी अनाज खरीद केंद्र भी पर्याप्त अनाज नहीं खरीद पा रहे है। जिससे भविष्य में सरकार द्वारा संचालित कई बड़ी योजनाओ जैसे- फ़ूड सिक्योरिटी योजना इत्यादि को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिये किसानो को मजबूरी वश अनाज का भण्डारण करना पड़ रहा है जिसकी वजह से अनाज उत्पादन लागत के साथ-साथ किसानो को भण्डारण लागत में भी व्यय करना पड़ रहा है। परिणाम-स्वरुप किसानो को भारी आर्थिक नुकसान सामना करना पड़ रहा है।

और देखें :  प्रधानमंत्री ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की

कोरोनावाइरस के कारण किसानो को होने वाली परेशानियाँ
कोरोना वाइरस की वजह से भारत में 23 मार्च 2020 से लॉकडाउन लगा हुआ है, जिस कारण रबी की फसले मुख्यत: गेहूँ, चना, मटर, मसूर, सरसों, राई, आलू आदि प्रभावित हुई है। जब फसल पक के तैयार हो गयी है तब किसानो को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जैसे-कटाई और कटाई के बाद के कार्यों को करने वाले प्रवासी मजदूरों की अनुपलब्धता, परिवहन रुकने से अनाज मंडियों तक न पहुंच पाना, लघु तथा सीमांत किसानो के पास अनाज के भण्डारण की उचित व्यवस्था का न होना और खेत में काम करने के दौरान कोरोना वाइरस से संक्रमण का खतरा इत्यादि।

सुझाव
नीचे दिए गए निम्लिखित सुझाओं का पालन करके किसान भाई कोरोना वाइरस की वजह से रबी की फसल में होने वाली हानि को कम कर सकते है।

1. केंद्र सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है कि लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मनरेगा परियोजनाओं को फिर से शुरू किया जायेगा। अतः किसान भाईयो को प्रधानमंत्री कार्यालय अथवा कृषि कल्याण मंत्री से यह अपील करनी होगी की मनरेगा परियोजनाओं में लगाए जाने वाले मजदूर खेतो में रबी की फसल की कटाई और कटाई के बाद के कार्यों को करने में मदद करे तथा मजदूर की मजदूरी को किसान और केंद्र सरकार मिल के चुकाए। जिससे केंद्र सरकार पर भी कम बोझ पड़ेगा और साथ ही साथ प्रवासी मजदूरों की उपलब्धता भी बढ़ेगी।

2. किसान भाई अब घर बैठे ही अपनी फसल को किसान रथ ऍप (Kisan Rath App) का उपयोग करके कृषि मंडी तक ले जा सकते है (चित्र-1)। इसको डाउनलोड करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करें:-

  • इस अधिकारिक वेबसाइट को खोलें- https://pmkisan.gov.in/
  • उसके बाद आप Kisan Rath Mobile App पर क्लिक करें।
  • फिर आप मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) में जा कर किसान रथ मोबाइल ऍप (Kisan Rath Mobile App) को डाउनलोड करें।
  • डाउनलोड करने के बाद आप अपना मोबाइल नंबर एंटर (Enter) करें।
  • मोबाइल नंबर डालने के बाद, आपके मोबाइल पर एक नंबर (ओ.टी.पी.) आएगी।
  • ओ.टी.पी. को इस मोबाइल ऍप में डालें।
  • आखिर में आप इसमें पूछे गई जानकारी को भरे।
और देखें :  केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने लांच किया किसान रथ मोबाइल एप
चित्र (1) कोरोना संकट के दौर में किसानों को राहत देने के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बनायीं गयी मोबाइल ऐप।

3. किसानों को इन दिनों खेत में काम करने के दौरान कोरोना वाइरस से संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। अतः इस से बचने के लिए किसान भाइयों को कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए जैसे-

  • शारीरिक सुरक्षा के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े ही पहनें और मुख बंद करने के लिए मास्क अथवा गमछे का उपयोग करें।
  • बूढ़े और बच्चों को खेत में न ले जाये।
  • खेत में काम करते वक्त कम से कम 2 गज की दूरी रखे।
  • खेत से घर जाने के बाद साबुन और पानी हाथ को धोएं।
  • पौष्टिक आहार का सेवन करें और कोशिस करें की भोजन घर पर ही करें।

निष्कर्ष
अधिकांश भारतीय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर हैं। कुछ सीधे खेती से जुड़े हैं तथा कुछ अन्य लोग इन वस्तुओं के साथ व्यापार करने में शामिल हैं। भारत के पास खाद्यान्नों के उत्पादन की आपार क्षमता है जो भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापक अंतर लाने के साथ-साथ सीमांत किसानो के जीवन को भी समृद्ध बनती है। लेकिन कोरोना वाइरस की वजह से भारत में लगा हुआ लॉकडाउन सीमांत किसानो के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बहुत ज्यादा प्रभावित कर रही है। अतः कोरोनावाइरस के प्रभाव को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ किसानो को भी उचित प्रबंधन करने की आवश्यकता है।

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