देश की डेरी आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा करने हेतु सभी उत्‍पादक स्‍वामित्‍व वाली संस्‍थाओं एवं दूध उत्‍पादकों की सराहना की जाए: अध्‍यक्ष, एनडीडीबी

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भारतीय डेरी उद्योग लाखों छोटे एवं सीमांत किसानों की आजीविका में सहयोग देता है तथा विशेष रूप से, इस कोविड महामारी के समय में डेरी उद्योग उनको आवश्‍यक वित्‍तीय सहयोग दे रहा है । श्री दिलीप रथ, अध्‍यक्ष, एनडीडीबी ने डेरी मूल्‍य श्रृंखला में शामिल हर एक व्‍यक्ति के द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की, जिससे लाखों ग्रामीण दूध उत्‍पादकों को उनकी मूलभूत आवश्‍यकताओं की पूर्ति हेतु आय की प्राप्ति हो रही है तथा उपभोक्‍ताओं को अपनी पोषण संबंधी आवश्‍यकताओं की पूर्ति हेतु दूध एवं दूध उत्‍पादों की प्राप्ति हो रही है ।

जब पूरा देश लॉक-डाउन में है, डेरी क्षेत्र ने काम करना बंद नहीं किया । लाखों पशुपालक परिवारों ने, जिनमें अधिकांश छोटे धारक हैं, गायों एवं भैंसों का दूध उपलब्‍ध कराना, अतिरिक्‍त दूध उन ग्रामीण संकलन केंद्रों पर बिक्री कार्य निरंतर जारी रखा, जहां पर दूध को निरंतर इकट्ठा करके, ठंडा करके दूध प्रसंस्‍करण संयंत्रों को भेजा जाता है । प्रसंस्‍करण एवं पाश्‍चुराइजेशन के बाद, पैक्‍ड दूध को बिक्री केंद्रों पर भेजा जाता है और अंत में यह देशभर के लाखों उपभोक्‍ताओं तक पहुंचता है । इस कोविड के कहर के दौरान देश की डेरी आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता सुनिश्चित करने में सभी दूध उत्‍पादकों एवं उत्‍पादक स्‍वामित्‍व वाली संस्‍थाओं की यह आदर्श सेवा अतुलनीय है।

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श्री रथ ने यह बताया कि उत्‍पादक स्‍वामित्‍व वाली संस्‍थाओं ने अनेक कठिनाइयों का सामना किया – उनमें से कुछ इस प्रकार हैं – किसानों से किए जाने वाले दूध संकलन में वृद्धि का होना, क्‍योंकि निजी/असंगठित संस्‍थाओं ने संकलन बंद कर दिया/संकलन कम कर दिया, उपलब्‍धता में कमी के कारण उपभोक्‍ता के मांग में कमी, मिठाई की दुकानों, रेस्‍त्रां, टी स्‍टॉल, स्‍कूल मिल्‍क कार्यक्रमों इत्‍यादि का बंद होना, प्रसंस्करण हेतु अपेक्षित मानव शक्ति की अनुपलब्धता, इंटरस्टेट परिवहन संबंधी बाधाएं, कच्‍ची सामग्रियों की आपूर्ति में बाधा इत्‍यादि ।

प्री-कोविड-19 (1-15 मार्च 2020) तथा पोस्‍ट कोविड-19 (16 मार्च – 12 अप्रैल 2020) की समयावधि पर नजर डालें । यह समयावधि बताती है कि पोस्‍ट कोविड-19 के दौरान दूध संकलन के प्रति तरल दूध बिक्री की प्रतिशतता में 8.8% की कमी आई है ।

अध्‍यक्ष, एनडीडीबी ने दूध संकलन एवं दूध की बिक्री के बीच के अंतर को कम करने के उपायों के बारे में बताया । हम सभी को ग्रामीण बाजारों में पहुंच बनाने की आवश्‍यकता है तथा एक नवीन दृष्टिकोण के साथ ई-कामर्स व्‍यवसाय पोर्टल में प्रवेश करने की आवश्‍यकता है । कुछ दूध महासंघों ने उपभोक्‍ताओं को दूध एवं दूध उत्‍पादों की बाधा रहित डिलीवरी के लिए विभिन्‍न ई-रिटेलरों सहित उनके वितरकों के साथ अनुबंध करने में सहयोग दिया है । वे निर्धारित स्‍थलों पर निश्चित समयावधि में मिल्‍क वैन के माध्‍यम से पैक्‍ड दूध एवं दूध उत्‍पादों की घर पर डिलीवरी एवं वितरण करने की व्‍यवस्‍था भी कर रहे हैं ।

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भारत सरकार द्वारा ‘’डेरी गतिविधियों में प्रवृत्‍त डेरी सहकारिताओं एवं किसान उत्‍पादक संस्‍थाओं को सहयोग’’ योजना की घोषण की गई है, जिसमें सॉफ्ट वर्किंग लोन उपलब्‍ध करा कर दूध महासंघों/संघों को सहयोग दिया जाएगा ताकि किसानों को नियमित तौर पर भुगतान किया जा सके ।

श्री रथ ने दूध महासंघों/संघों से अपील की कि भारत सरकार/एनडीडीबी द्वारा जारी एडवाइजरी/दिशा-निर्देशों का पालन करें जिससे कि वायरस के फैलाव को कम किया जा सके । उन्‍होंने कहा कि डेरी सहकारिताएं/दूध उत्‍पादक कंपनियां और दूध उत्‍पादक कठिन समय का सामना कर रहे हैं । हम आश्‍वस्‍त हैं कि हमारी संस्‍थाएं इस आपदा पर काबू पाने में पर्याप्‍त रूप से समर्थ हैं । कोविड-19 के बाद, हम निश्चित रूप से और मजबूती के साथ आगे बढ़ेंगे ।

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