माननीय प्रधानमंत्री ने 12 मई 2020 को भारत की जीडीपी के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों यथा अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, युवा आबादी या शक्ति और मांग को भी रेखांकित किया।
विशेषकर प्रवासी श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, प्रवासी शहरी गरीबों, छोटे व्यापारियों, स्व-रोजगार वाले लोगों, छोटे किसानों और आवास सेक्टर के समक्ष मौजूद कठिनाइयों को दूर करने के लिए विभिन्न अहम उपायों के दूसरे भाग की घोषणा करते हुए केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवासियों, किसानों, छोटे कारोबारियों और स्ट्रीट वेंडरों सहित गरीबों की सहायता के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों के बारे में विस्तार से बताया।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सदैव ही प्रवासी श्रमिकों और किसानों सहित गरीबों की कठिनाइयों को लेकर चिंतित रहते हैं। किसान और श्रमिक इस राष्ट्र की रीढ़ हैं। वे कड़ी मेहनत कर हम सभी की सेवा करते हैं। प्रवासी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के अलावा शहरी क्षेत्रों में किफायती और सुविधाजनक किराये वाले आवास की आवश्यकता होती है। प्रवासी और असंगठित कामगारों सहित गरीबों के लिए रोजगार अवसर सृजित करने की भी जरूरत है। किसानों को समय पर और पर्याप्त ऋण सहायता की आवश्यकता है।
कैम्पा फंड का उपयोग करते हुए रोजगार सृजन के लिए 6000 करोड़ रूपये
क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) के अंतर्गत लगभग 6000 करोड़ रुपये की निधियों का उपयोग शहरी क्षेत्रों सहित वनीकरण एवं वृक्षारोपण कार्यों, कृत्रिम पुनरुत्पादन, सहायता प्राप्त प्राकृतिक पुनरुत्पादन, वन प्रबंधन, मृदा एवं आर्द्रता संरक्षण कार्यों, वन सरंक्षण, वन एवं वन्यजीव संबंधी बुनियादी सुविधाओं के विकास, वन्यजीव संरक्षण एवं प्रबंधन आदि में किया जाएगा। भारत सरकार 6000 करोड़ रुपये तक की इन योजनाओं को तत्काल स्वीकृति प्रदान करेगी। इससे शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में और जनजातीय (आदिवासियों) के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
नाबार्ड के माध्यम से किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी
ग्रामीण सहकारी बैंकों और आरआरबी की फसल ऋण आवश्यकता को पूरा करने के लिए नाबार्ड 30,000 करोड़ रुपये कीअतिरिक्त पुनर्वित्तीयन सहायता प्रदान करेगा। यह पुनर्वित्त फ्रंट-लोडेड (असमान रूप से आवंटित) और मांग के अनुसार प्राप्य होगा।यह 90,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त राशि है, जो सामान्यत: इस क्षेत्र को नाबार्ड द्वारा प्रदान की जाएगी। इससे लगभग 3 करोड़ किसानों को फायदा होगा, जिनमें ज्यादातर छोटे और सीमांत हैं और इससे उनकी रबी की फसल कटाई के बाद और खरीफ की मौजूदा जरूरते पूरी होंगी।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रोत्साहन
यह पीएम-किसान के लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से रियायती ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान है। मछुआरे और पशुपालक किसान भी इस अभियान में शामिल किए जाएंगे। इससे कृषि क्षेत्र में 2 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आएगी।इसके तहत 2.5 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा।
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