एनडीडीबी ने डेरी उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों को जोड़ते हुए डिजिटल वेबिनार श्रृंखला का शुभारंभ किया

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राष्‍ट्रीय डेरी विकास बोर्ड ने सभी हितधारकों विशेषकर डेरी सहकारी क्षेत्र के किसानों को जोड़ते हुए ‘’एनडीडीबी संवाद’’ नामक डिजिटल वेबिनार श्रृंखला का शुभारंभ किया। इस डिजिटल प्‍लेटफार्म का उद्देश्‍य कोविड-19 महामारी के दौरान डेरी वेल्‍यू चेन में अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना है। इस वेबिनार में पंजाब, राजस्‍थान, हरियाणा, मध्‍य प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्‍तर प्रदेश, झारखंड ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दिल्‍ली, हिमाचल प्रदेश तथा असम के डेरी किसानों तथा अन्‍य हितधारकों ने भाग लिया।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री दिलीप रथ, अध्‍यक्ष एनडीडीबी ने भारत की डेरी सप्‍लाई चेन की स्थिरता को सुनिश्चित करने तथा देश की अर्थव्‍यवस्‍था में योगदान देने के लिए दूध उत्‍पादकों तथा उत्‍पादक स्‍वामित्‍व वाली संस्‍थाओं के प्रशंसनीय प्रयासों की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि इस महामारी के दौरान दुधारू पशुओं की उचित देखभाल करना जरूरी है क्‍योंकि उनके आहार तथा स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल में किसी प्रकार की कोताही से उनकी प्रजनन क्षमता तथा उत्‍पादकता पर प्रभाव पड़ेगा।

एनडीडीबी के विशेषज्ञ यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि नई इनोवेशन/प्रौद्योगिकी के बारे में हमारे डेरी किसानों के साथ जानकारी साझा करने में कोविड-19 कोई बाधा न बने। श्री रथ ने डेरी किसानों से आग्रह किया कि वे डिजिटल प्‍लेटफार्म के माध्‍यम से डेरी बोर्ड के विशेषज्ञों से जुडें तथा इस कठिन परिस्थिति पर काबू पाने के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करें।

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पशु स्‍वास्‍थ्‍य, पशु पोषण, पशु प्रजनन तथा सहकारी सेवा विभागों से एनडीडीबी के विशेषज्ञों ने तात्‍कालिक चिंताओ पर अपने विचार साझा किए तथा वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के उपायों पर विचार विमर्श किया। 45 मिनट के वेबिनार में सीधे प्रसारण के दौरान अधिकतम दर्शकों की संख्‍या 1664 थी तथा 24 घंटों के दौरान दर्शकों की संख्‍या 18000 से पार हो गई तथा कुल वाच टाइम 925 घंटे है।

वेबिनार में दुधारू पशुओं की कुछ मुख्‍य बीमारियों (जैसे खुरपका मुँहपका रोग, थनैला, हीट स्‍ट्रैस) के किफायती प्रबंधन के लिए आर्युवेद पर आधारित एथनो वेटनरी मेडिसिन (ईवीएम), टीकाकरण तथा कान में टैग लगाने का महत्‍व, दूध उत्‍पादन बढ़ाने के लिए आहार प्रबंधन तथा संतुलित अहार, कृत्रिम गर्भाधान तथा प्रजनन प्रबंधन का महत्‍व, सहकारिताओं के सामने आने वाली कठिनाइयों तथा किसानों को नियमित भुगतान सुनिश्चित करने पर प्रकाश डाला गया।

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एनडीडीबी के विशेषज्ञों ने किसानों तथा अन्‍य हितधारकों द्वारा पूछे गए प्रासंगिक प्रश्‍नों के उत्‍तर दिए। वेबिनार सत्र के आरंभ होने से पूर्व लगभग 500 से अधिक व्‍यक्तियों ने सहकारी डेरी तथा अच्‍छी डेरी हसवेंडरी प्रक्रियों से संबंधित 500 से अधिक प्रश्‍न भेजे थे । कार्यक्रम के दौरान 1600 तात्‍कालिक प्रतिक्रियाएं मिली।

यह डिजिटल प्‍लेटफार्म हितधारकों से निरंतर जुड़ा रहेगा, जानकारी प्रसारित करेगा तथा क्षेत्र में हुए विकास सहित नवीन प्रक्रियाओं/सफलता की कहानियों पर चर्चा करने के लिए विभिन्‍न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को इस मंच पर आमंत्रित करेगा।

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