कोरोना वायरस कोविड-19 के निवारक उपायों के दृष्टिगत जारी पूर्णबंदी के दौरान हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में पशुओं की देखभाल के लिए जिला प्रशासन द्वारा पशुपालन विभाग के माध्यम से सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। विशेष तौर पर बेसहारा पशुओं को चारे इत्यादि की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
उपायुक्त श्री हरिकेश मीणा ने बताया कि पूर्णबंदी के दौरान पशुपालकों को हरसंभव सहायता व सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए पशुपालन विभाग को निर्देश दिए गए हैं। जिला में स्थापित गौसदनों में भी चारे इत्यादि की समुचित व्यवस्था की गई है। जिला में अभी तक 6,312 क्विंटल चारा (तूड़ी) पंजाब से लाया जा चुका है। आवश्यकता अनुसार इसका आवंटन पशुपालकों एवं गौसदनों में किया जा रहा है।
उपनिदेशक पशुपालन डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि जिला में संचालित किए जा रहे 19 गौसदनों में लगभग 1500 बेसहारा गाय तथा बैल इत्यादि रखे गए हैं। इन गौसदनों में 6,52,804 रूपए मूल्य का लगभग 894 क्विंटल पशु चारा (तूड़ी) नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जा चुका है, ताकि बेसहारा पशु स्वस्थ रहें तथा उन्हें पर्याप्त मात्रा में चारा उपलब्ध हो सके। विभाग द्वारा फीड तथा चारा के प्रापण के लिए 121 ट्रांसपोर्टरों को पास भी जारी किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त पशुपालन विभाग द्वारा 25 मार्च, 2020 से अब तक जिला में 31,256 पशुओं के लिए पशु चिकित्सा से संबंधित सहायता भी प्रदान की गई। मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए जिला में विभाग द्वारा 3,876 पशुओं का एंटी रेबीज, मुंह-खुर की बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण किया जा चुका है।
लॉकडाउन अवधि के दौरान जिला में प्रवासी भेड़-बकरी पालकों की 3,910 भेड़-बकरियों को मुंह-खुर की बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण किया गया। इन्हें विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए विभाग द्वारा 19,620 भेड़-बकरियों के लिए एक्टोपैरास्टिक तथा सैंडोपैरास्टिक दवाईयां भी प्रदान की गई। इसके साथ 14 गडरियों को लॉजीस्टिक सहायता प्रदान की गई।
भेड़ प्रजनन फार्म ताल द्वारा इस दौरान जिला हमीरपुर तथा जिला मंडी के लाभार्थियों को अच्छी नस्ल के 90 मेंढ़े तथा 30 भेड़ें भी दी गई। गौसेवा आयोग हिमाचल प्रदेश के मार्गदर्शन में 8 अप्रैल से जिला के सभी गौसदनों में पशुधन को कोविड-19 से बचाने के लिए विभिन्न गतिविधियां चलाई गई।
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