मुर्गी का अंडा एक संतुलित पौष्टिक आहार

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मानव स्वास्थ्य के लिए अंडा कितना लाभदायक है यह बात अब पूरा विश्व जानता है इससे होने वाले स्वास्थ्य और सौंदर्य लाभ के बारे में आज पूरे विश्व में चर्चा हो रही है और इसके प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के सार्वभौमिक प्रयास किए जा रहे हैं। अंडे में प्रोटीन के अतिरिक्त पाए जाने वाले कई पोषक तत्वों और उससे होने वाले लाभ के बारे में चर्चा करने के लिए अक्टूबर माह के दूसरे शुक्रवार के दिन विश्व अंडा दिवस मनाया जाता है। विश्व अंडा आयोग ने प्रतिवर्ष अक्टूबर के दूसरे शुक्रवार को इस दिवस के आयोजन की घोषणा अंडे के पौष्टिक गुणों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से की है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य अंडे खाने को प्रोत्साहित करना है। भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा अंडा उत्पादक देश है लेकिन आधिकारिक जानकारी के अनुसार देश में प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष अंडे की उपलब्धता केवल 80 के आसपास है।

राष्ट्रीय पोषाहार संस्थान की सिफारिश के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को वर्ष में 180 अंडो का सेवन करना चाहिए क्योंकि अंडा अपने आप में पूरी तरह से पौष्टिक आहार है। अतः  अंडा उत्पादन के  क्षेत्र में  अभी भी असीम संभावनाएं हैं जिन्हें पूरा किया जा सकता है। इसमें प्रोटीन की 13% मात्रा के एवं वसा की भी 11% मात्रा के साथ साथ कुछ मात्रा में  कार्बोहाइड्रेट  एवं मिनरल्स जैसे कैल्शियम  फास्फोरस  एवं आयरन  आदि पाए जाते हैं । इसमें कई तरह के विटामिन जैसे विटामिन “ए”, “थियामीन अर्थात विटामिन बी वन”, “डी” और “के” और अमीनो एसिड व खनिज लवण भी पाए जाते हैं जो शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ रखने में सहायक है।  एक औसत दर्जे के अंडे से  6.5 ग्राम प्रोटीन या एक वयस्क व्यक्ति की 13% प्रोटीन की आवश्यकता की पूर्ति के साथ-साथ लगभग 80 कैलोरी उर्जा भी प्रदान करता है। इसके अलावा अंडों में लयूटीन एवं जिया जैनथिन नामक पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो कि आंख एवं मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है। भारत में पशुपालन डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय के अंतर्गत विश्व अंडा दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसमें राष्ट्रीय अंडा समन्वय समिति, एवं पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया जैसे संगठनों द्वारा भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।

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अंडे का पौषणिक संघटन
प्रति 100 ग्राम मुर्गी के अंडे में मैग्नीशियम 31 मिलीग्राम, आयरन 58.5 मिलीग्राम, फास्फोरस 74.5 माइक्रोग्राम, जिंक 162 मिलीग्राम, थायमीन 12.1 मिलीग्राम, राइबोफ्लेविन 0.68 मिलीग्राम, नियासिन 12.1 मिलीग्राम, फोलिक एसिड 3.3 माइक्रोग्राम, साइनोकोबालामिन 4.9 माइक्रोग्राम, पायरीडॉक्सिन 1.8 मिलीग्राम, रेटिनोल 410 माइक्रोग्राम, पोटेशियम 12.7 मिलीग्राम कैरोटीनोइडस1.93 माइक्रोग्राम एवं कोलीकैलशिफेराल, 10 माइक्रोग्राम। उपरोक्त संघटन से यह स्पष्ट है कि विटामिन एवं मिनरल्स की कई गोलियां खाने के स्थान पर केवल एक या दो अंडे खाने से उपरोक्त मिनरल एवं विटामिन की पूर्ति हो जाती है। विटामिन “ए” एवं कैरोटीनोइड्स की प्रचुर मात्रा  के कारण अंडा खाने से आंखों के  खतरनाक मैकुलर डिजेनरेशन को भी  रोका जा सकता है ।

अंडों के संबंध में कुछ उपयोगी जानकारी

  1. अंडे के बाहरी छिलके के रंग का इसकी पौष्टिकता पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। भारी नस्ल की मुर्गी जैसे आसटरलोप,  आईलैंड रेड का अंडा रंगीन और हल्की नस्ल जैसे व्हाइट लेगहारन का अंडा सफेद होता है।
  2. अंडे की जर्दी का रंग पक्षी के आहार पर निर्भर करता है। जब मुर्गी को हरा चारा जैसे बरसीम एवं गोभी की पत्ती आदि खिलाई जाती है तो जर्दी का रंग गहरा पीला हो जाता है अन्यथा यह हल्का पीला या सफेद रंग का होता है। इससे इसके पौष्टिक गुणों में कोई भी अंतर नहीं आता है।
  3. मुर्गी से अंडा उत्पादन होना एक प्राकृतिक क्रिया है तथा यह क्रिया सदैव चलती रहती है चाहे मुर्गियों के साथ मुर्गे रखे जाएं या नहीं। यदि झुंड में मुर्गे रहेंगे तो उत्पादित अंडे उर्वरक अर्थात  निषेचित होंगे और बिना मुर्गी के अंडे उर्वरक नहीं होते हैं। अनुउर्वरक अंडों में जीव अर्थात प्राण नहीं होता है तथा उर्वरक अंडों की तुलना में इन्हें अधिक समय तक रखा जा सकता है। दोनों प्रकार के अंडों की पौष्टिकता में कोई अंतर नहीं होता है।
  4. कभी-कभी उबले हुए अंडे की जर्दी के चारों तरफ हरा रंग दिखाई पड़ता है। यह हरा रंग अंडे में उपलब्ध लौह तत्व तथा उबालने से उत्पन्न हाइड्रोजन सल्फाइड गैस के संयोग से हो जाता है। इस प्रकार के अंडे खाने के लिए पूर्णत: उपयुक्त होते हैं।
  5. ताजे अंडो को उबालने से उसका छिलका उतारने में कठिनाई होती है।
  6. कुछ लोगों को भ्रम होता है की देसी अंडे फार्म की मुर्गियों की तुलना में पौष्टिक होते हैं जबकि वास्तविकता यह है की फार्म के अंडे देसी मुर्गियों के अंडे की तुलना में बड़े एवं अधिक पौष्टिक पदार्थ वाले होते हैं क्योंकि फार्म की मुर्गियों को संतुलित आहार एवं खनिज मिश्रण खिलाया जाता है।
  7. गर्भवती महिलाओं, बच्चों एवं  बुजुर्गों के लिए अंडो का सेवन अत्यंत लाभदायक है। अंडा बहुत ही सुपाच्य अर्थात आसानी से पचने वाला होता है और यह आँतो द्वारा पूरी तरह अवशोषित कर लिया जाता है।
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मुर्गी का अंडा किस श्रेणी में आता है शाकाहारी या मांसाहारी ?
एक पशु चिकित्सक होने के नाते मैं इस प्रश्न का उत्तर निम्न प्रकार दे सकता हूं। अंडे को शाकाहारी और मांसाहारी के रूप में देखने के कई नजरिए हो सकते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो अंडे दो प्रकार के होते हैं। एक अंडे जो मुर्गियां बिना मुर्गों के संपर्क में आए देती हैं और एक जोकि मुर्गों से मिलन के पश्चात मुर्गियां अंडे देती है। मुर्गो से मिलन के पश्चात जो अंडे प्राप्त होते हैं उनमें जीव या प्राण होते हैं इन्हें उर्वरक या निषेचित अंडे कहते हैं और 21 दिन तक जब मुर्गियां यह अंडे सेती हैं तो उसमें से , चूजे निकल आते हैं। क्योंकि ऐसे अंडो में जीव या प्राण होते हैं इसलिए हम इन्हें मांसाहारी की श्रेणी में रख सकते हैं या जीव हत्या से परहेज रखने वाले लोग भी इसे खाना पसंद नहीं करते हैं। दूसरी तरह के अंडे ऐसी मुर्गियां देती हैं जो कभी मुर्गों के संपर्क में नहीं आई होती हैं। फार्म में अंडे देने वाली मुर्गीया ऐसी ही होती हैं। ऐसे अंडों में जीव या प्राण नहीं होता है अर्थात यह अंडे अनुउर्वरक या अनिसेचित होते हैं और इनमें से कभी चूजे नहीं निकलेंगे। आम धारणा के विरुद्ध अंडे देने के लिए किसी भी मुर्गी को मुर्गो से मिलन की आवश्यकता नहीं होती और वह एक निश्चित समय पर अंडे देने लगती हैं चाहे वह मुर्गे के संपर्क में आए या नहीं। ऐसे अंडे को शाकाहारी की श्रेणी में रखा जा सकता है और उनको खाने से हम एक पैदा होने वाले संभावित चूजे की जान नहीं ले रहे होते हैं। बाजार में बिकने वाले सभी फार्म के अंडे इसी श्रेणी में आएंगे।

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अंडो से जुड़ा एक वैज्ञानिक पहलू यह भी है की अंडों के बनने के दौरान टूटी कोशिकाएं इसमें नहीं आती जबकि दूध में टूटी हुई कोशिकाएं पाई जाती हैं। अंडे में तीन लेयर होती है, पहला छिल्का, दूसरा सफेदी और तीसरा अंडे की जर्दी यानी को योक होती हैl योक मतलब पीला हिस्सा. अंडे पर की गई एक रिसर्च के अनुसार अंडे की सफेदी में सिर्फ प्रोटीन ही होता है, इसमें जानवर का कोई भी हिस्सा मौजूद नहीं होता है। इसलिए तकनीकी रूप से एग वाइट सफेदी शाकाहारी होती है l एग योक अर्थात पीली जर्दी में लौह तत्व , फोलेट एवं विटामिंस के अतिरिक्त दो अन्य पोषक तत्व लियूटिन तथा जियाजैनथिन, पाए जाते हैं जोकि आंख एवं मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। इन्हीं सब को ध्यान में रखते हुए गांधी जी ने अनुउर्वरक अंडे को राम लड्डू की संज्ञा दी थी। अब आप खुद विश्लेषण कर सकते हैं कि अंडो को शाकाहारी माना जाए या मांसाहारी।

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