ऊंट संरक्षण के लिए 23 करोड़ की योजना-कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया

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कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश के किसानों ने कृषि क्षेत्र में नये आयाम स्थापित किये है। यहां के किसान विलक्षण क्षमता के धनी है। राज्य सरकार किसानों के हितों के लिए सजग है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व में विभाग का निरंतर प्रयास है कि किसानों और पशुपालकों के हितों की रक्षा हो सके। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री द्वारा बजट 2021-22 की घोषणा में अलग से ’कृषि बजट’ की नई पहल किसानों के सपनों को पूरा करेगी। प्रदेश में नवाचारों के जरिये किसानों को सभी सुविधायें आनलाइन देने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही कृषि उपकरणों को किराये पर उपलब्ध कराना हो या फिर घर बैठे सुविधायें मुहैया कराना हो। इसमें विभाग लगातार प्रयासरत है। श्री लालचन्द कटारिया सोमवार को विधानसभा में मांग संख्या 37 (कृषि) एवं मांग संख्या 39 (पशुपालन एवं चिकित्सा) की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने कृषि की 37 अरब 56 करोड़ 94 लाख 11 हजार रूपये एवं पशुपालन एवं चिकित्सा की 18 अरब 29 करोड़ 58 लाख 64 हजार की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दी।

ऊंट संरक्षण के लिए 23 करोड़ की योजना-कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया

बर्ड फ्लू संक्रमण रोकने के लिए जयपुर में लैब

कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बर्ड फ्लू के संक्रमण की जांच करने के लिए जयपुर में लैब स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे है। हाल ही केंद्रीय पशुपालन मंत्री इस संबंध में वार्ता की गयी है, जिसमें उन्होंने मंत्रालय को डीपीआर भेजने के लिए कहा है।

जैविक खेती की आवश्यकता

श्री कटारिया ने कहा कि अब किसानों को परम्परागत खेती यानी जैविक खेती को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए सभी सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों को परामर्श दे। वर्तमान में रसायनमुक्त खेती के उदद्ेश्य से परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत 5 हजार 25 किसान समूहों के 1 लाख 30 हजार से अधिक किसानों के खेतों पर 1 लाख 500 हैक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती की गतिविधियां क्रियान्वित की जा रही है। उन्होंने बताया कि खेती में नवाचार के लिए प्रदेश के किसान सूंडाराम, हुकमचंद और जगदीश चंद पारीक को पद्मश्री से सम्मान मिल चुका है।

ऊंट संरक्षण के लिए 23 करोड़ की योजना

उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऊंटों की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसी ही रही तो खत्म हो जायेंगे। इनके सरंक्षण के लिए 23 करोड़ रूपये की नई योजना बनाई गयी है। उन्होंने बताया कि ऊंट संरक्षण के लिए एक कमेटी भी बनाई गयी है, जिसके बेहतर प्रबंधन के लिए सभी सदस्यों से सुझाव आमंत्रित किये गये है।

मंत्री ने किसानों से की अपील

कृषि मंत्री ने सदन से ही प्रदेश के किसानों से कृषि और पशुधन को बढ़ावा देने के लिए अपील की है। इसमें उन्होंने कहा कि बारिश के पानी का संरक्षण करें। तालाब, पौंड, नदियों तक पानी पहुंचने में आ रही रूकावट दूर करें। उपलब्ध जल सिंचाई का पूर्ण उपयोग किया जायें। आधुनिक कृषि उपकरणों का इस्तेमाल किया जाये। खेती में नवाचार अपनायें। सौर ऊर्जा का खेती और घरों में उपयोग करें। परम्परागत खेती के साथ ग्रीन हाउस, हाइड्रो पौनिक खेती को बढ़ावा दिया जाये। इससे न केवल खेती में सुगमता आयेगी, बल्कि आय भी बढ़ेगी।

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महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी पहल

उन्होेंने बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिए वर्ष 2021-22 में 15 हजार छात्राओं को प्रोत्साहन राशि के लिए 9 करोड़ 50 लाख रूपये का प्रावधान रखा गया है। साथ ही एक लाख 50 हजार महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 1 करोड़ 50 लाख रूपये का प्रावधान रखा गया है।

उन्होंने बताया कि कृषि वानिकी सब मिशन योजना के तहत वर्ष 2021-22 में 15 लाख पौधे किसानों के खेतों में या खेतों की मेडों पर लगाये जाने का प्रावधान रखा है। वहीं, फसल प्रदर्शन में आगामी वर्ष में 1 लाख 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों के खेतों पर फसल पैकेज प्रदर्शन आयोजित प्रस्तावित है।

श्री कटारिया ने बताया कि कोविड-19 की विषम परिस्थितियों के बावजूद कृषि और संबद्ध क्षेत्रा की विकास दर 3.45 प्रतिशत रही है। राज्य ने कृषि उत्पादन में विशेष स्थान बनाया है:

  • बाजरा, सरसों, पौष्टिक अनाज, ग्वार, इसबगोल और मेहंदी में देश में प्रथम स्थान पर है।
  • दलहन, तिलहन, जीरा, मैथी, लहसुन और सौंफ उत्पदान में दूसरे स्थान पर है।
  • सोयाबीन, अजवायन, धनिया और मसालों के उत्पादन में राज्य तीसरे स्थान पर है।
  • बीमा क्लेम का निपटारा कर किसानों को दी राहत

कृषि मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अब तक 4 हजार 2 सौ 95 करोड़ रुपये के राज्यांश प्रीमियम का भुगतान किया गया है। साथ ही, पूर्ववर्ती सरकार के 1,135 करोड़ रुपये के बकाया दायित्व का भी भुगतान किया गया है।

उन्होंने बताया कि जनवरी, 2019 से अब तक 56 लाख 95 हजार किसानों को 8,483 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम का रिकाॅर्ड भुगतान किया गया है। वर्ष 2020-21 में राज्यांश प्रीमियम मद में 2303.22 करोड़ रुपये का अब तक का सर्वाधिक बजट उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि कृषक कल्याण कोष में गत 2 वर्षों में 1750 करोड़ रुपये अतिरिक्त उपलब्ध कराए गए हैं।

कृषि में मोबाइल एप से नवाचार

कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में मोबाइल एप द्वारा 1.49 लाख से अधिक फसल कटाई प्रयोग किए गए। ये देश में सर्वाधिक है। इससे विवादों में कमी आकर बीमा क्लेम का भुगतान सुनिश्चित हुआ है। ईज आॅफ डूइंग फार्मिंग की दिशा में राज किसान साथी इंटीग्रेटेड पोर्टल विकसित किया गया है। इसमें कृषि, उद्यानिकी, कृषि विपणन विभाग, कृषि विपणन बोर्ड, बीज निगम, बीज प्रमाणीकरण संस्था शामिल की गई हैं। इससे आवेदन प्रक्रिया सुगम और पेपरलेस हुई है। इस पोर्टल पर विभिन्न गतिविधियों के अब तक 1 लाख 17 हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं।

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श्री कटारिया ने बताया कि किसानों को विभागीय जानकारी प्रदान करने के लिए राज किसान सुविधा मोबाइल एप, जैविक उपज के क्रेता-विक्रेता के लिए राज किसान जैविक मोबाइल एप और टिड्डी के हाॅपर्स के सर्वेक्षण और निगरानी के लिए भी मोबाइल एप विकसित किया गया है। ऊर्वरकों और बीज की गुणवत्ता परीक्षण की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए बारकोड आधारित राजएग्री क्यूसी मोबाइल एप विकसित किया गया है। इस पर अब तक लगभग 14 हजार नमूने लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि कृषि और संबंधित विभागों के 10 हजार से ज्यादा कार्मिकों का पंजीकरण पोर्टल पर किया जा चुका है। राज किसान साथी पोर्टल को ई-मित्र, प्रधानमंत्री किसान सम्मान पोर्टल, जनाधार पोर्टल, आधार पोर्टल, पे-मैनेजर पोर्टल, ई-धरती पोर्टल आदि से इंटीग्रेट किया जा चुका है।

टिड्डी नियंत्रण की पूरी दुनिया में हुई सराहना

श्री कटारिया ने बताया कि पिछले 2 वर्ष में टिड्डियों से राज्य में 13 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र
प्रभावित हुआ है। टिड्डी नियंत्रण के लिए 1.75 लाख लीटर कीटनाशी निशुल्क उपलब्ध कराया गया। टिड्डी नियंत्रण के लिए 18 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि व्यय की गई। टिड्डी नियंत्रण के लिए राज्य के प्रयासों की केंद्र सरकार और विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन ने भी सराहना की है।

कोरोना में किसानों को पहुंचाई राहत

कृषि मंत्री ने बताया कि कोविड-19 के दौरान 10.90 लाख कृषकों को संकर मक्का बीज मिनी किट और 8.21 लाख कृषकों को संकर बाजरा बीज मिनीकिट उपलब्ध कराई गई। इसी तरह 1.04 लाख से अधिक चारा मिनिकिट और 6.92 लाख से अधिक फसल बीज मिनिकिट उपलब्ध कराए गए। इस दौरान 28.94 लाख किसानों को 4,440 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम का भुगतान भी किया गया।

कृषि विभाग में भर्तियां

कृषि मंत्री ने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान कृषि पर्यवेक्षक के 1,941 पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी है और 882 पदों पर प्रक्रियाधीन है। सहायक कृषि अधिकारी के 287 पदों पर नियुक्ति दी गई है और 176 पदों पर प्रक्रिया जारी है। इस तरह कृषि विभाग में 2,368 पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी है जबकि 1,409 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है।

राज्य सरकार ने किया बेहतर जल प्रबंधन

कृषि मंत्री ने बताया कि नहरी क्षेत्रा में 4,120 डिग्गियां, सिंचित क्षेत्र में 1,116 जलहौज, वर्षा जल संग्रहण के लिए 8,233 फार्म पौंड का निर्माण कराया गया। साथ ही 16,975 किलोमीटर लंबी सिंचाई पाइप लाइन स्थापित करवाई गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में 4,120 डिग्गियों के निर्माण में केंद्र के लंबित अनुदान के मद में वर्ष 2020-21 में राज्य मद से 92.20 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए गए हैं। आगामी 3 वर्ष में 30 हजार नई डिग्गियों और फार्म पौंड बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

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अगले वर्ष में नई भर्तियां कर पशु चिकित्सा संस्थाओं के रिक्त पदों को भरा जाएगा

पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बुधवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि अगले वर्ष में नई भर्तियां कर पशु चिकित्सा संस्थाओं के रिक्त पदों को भरा जाएगा। उन्होंने बताया कि वित विभाग द्वारा 1902 पदों पर भर्ती के लिए वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। श्री कटारिया प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को वर्ष 2018 में 1502 पदाें के लिए तथा वर्ष 2020 में 400 पदों के लिए लिखा गया था। कुल 1902 पदों पर भर्ती के लिए वित विभाग द्वारा स्वीकृति भी प्राप्त हो गई है। उन्होंने बताया कि नियम 1977 में योग्यता के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण भर्ती प्रक्रिया में विलम्ब हो रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कार्यवाही पूर्ण होते ही अगले वर्ष नई भर्ती कर रिक्त पदों को भरा जाएगा। इससे पहले विधायक श्रीमती सफिया जुबेर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री कटारिया ने प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा संचालित योजनाओं तथा विधानसभा क्षेत्र रामगढ़ की पशु चिकित्सा संस्थाओं में पशु चिकित्सा अधिकारियों/कर्मचारियों के रिक्त पदों का पदवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि रिक्त पदों को कार्मिकों की उपलब्धता अनुसार भरा जाता है।

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