राजस्थान में प्रगतिशील पशुपालक होंगे सम्मानित

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राजस्थान में पशुपालकों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने, समृद्ध एवं उन्नत नस्ल के पशुओं को रखने तथा नवीनतम तकनीक द्वारा पशु देखभाल की ओर प्रोत्साहित करने के लिए प्रगतिशील पशुपालकों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए 31 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि वर्तमान सरकार के विगत कार्यकाल में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत पशुपालक सम्मान समारोह योजना प्रारम्भ की गई थी, जिसे गत सरकार के कार्यकाल में बंद कर दिया गया था। पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने इस वर्ष बजट घोषणा में इस योजना को पुनः प्रारम्भ किया है। इसके अनुसार प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर एक, पंचायत समिति स्तर पर प्रथम स्थान पर रहे चयनित पशुपालकों में से जिला स्तर पर दो तथा जिला स्तर पर चयनित समस्त पशुपालकों में से राज्य स्तर पर दो पशुपालकों का चयन किया जाएगा।

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राजस्थान में प्रगतिशील पशुपालक होंगे सम्मानित

पशुपालन मंत्री ने बताया कि योजनान्तर्गत चयनित पशुपालकों को राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित किया जाएगा। पंचायत समिति स्तर पर चयनित पशुपालक को 10 हजार रुपए, जिला स्तर पर 25 हजार रुपए तथा राज्य स्तर पर 50 हजार रुपए की राशि पारितोषिक स्वरूप प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पंचायत समिति से एक-एक, जिला स्तर पर दो-दो एवं राज्य स्तर पर दो पशुपालकों सहित कुल 422 पशुपालकों को प्रोत्साहन स्वरूप 53.20 लाख रुपए प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।

श्री कटारिया ने राज्य के सभी पात्र प्रगतिशील पशुपालकों से आवेदन करने की अपील करते हुए कहा है कि वह नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था के प्रभारी अथवा जिला कार्यालय में 31 जुलाई तक जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।

समिति करेगी पशुपालकों का चयन

पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरूषी मलिक ने बताया कि पशुपालकों के चयन के लिए विभाग की ओर से विभिन्न स्तरों पर तीन समितियों का गठन किया गया है। पंचायत समिति स्तर पर उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार या पंचायत समिति के विकास अधिकारी तीन सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष होंगे। वहीं जिला स्तर पर कलक्टर अथवा कलक्टर द्वारा मनोनीत अधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की गठित कमेटी द्वारा प्रगतिशील पशुपालकों का चयन किया जायेगा। इसी प्रकार विभाग के प्रमुख शासन सचिव या शासन सचिव की अध्यक्षता में 6 सदस्यों की गठित कमेटी द्वारा राज्य स्तर पर पशुपालकों का चयन किया जाएगा।

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