ऋतु चक्र का प्रकार (Pattern of Estrus cycle)
कोई भी मादा पशु वर्ष में कितनी बार ऋतु (गर्मी) में आता है इस आधार पर पशुओं को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है।
1. मोनोईस्टस (Monoestus)
इस प्रकार के मादा पशु वर्ष में एक बार गर्मी में आते हैं। जैसे – जंगली पशु। कुतिया भी एक सीजन (मौसम) में एक बार ही गर्मी में आती है।
2. पाॅलीइस्ट्स (Polyestrus)
इस प्रकार के मादा पशु पूरे वर्ष भर ऋतुचक्र के अनुसार गर्मी (Estrus) में आते हैं। जैसे- गाय, बकरी।
3. Seasonally Polyestrus
इस प्रकार के मादा पशु वर्ष में कुछ खास मौसम में ही गर्मी पर आते हैं और बाकी बचे हुये लम्बे समय तक एनइस्ट्स (Anoestrus) में रहती हैं। जैसे- घोड़ी तथा भेंड़।
भारत के उत्तरी क्षेत्र में अधिकांश भैसंे भी ऐसा ही व्यवहार दर्शाती हैं जोकि अप्रैल से जुलाई -अगस्त तक गर्मी में नहीं आती हैं।
गायों में ब्रीडिंग सीजन
गाय एक पाॅलीइस्टस पशु है जो वर्ष भर ऋतु (Oestrum) में आती है। एक ऋतुचक्र की अवधि 21 दिन की होती है। इनमें प्रोइस्टस 48-72 घण्टे, इस्टस 6-24 घण्टे तथा मेटइस्ट्स 2 दिन 48 घण्टे तक होता हे। भारतीय परिस्थितियों में गायों में अप्रैल से अक्टूबर माह तक ऋतुचक्र की अवधि लम्बी तथा सर्दियों में छोटी होती है। गर्मी के लक्षणेां के आधार पर गायों में काफी अन्तर दिखाई देता है क्योंकि यह आुनवांशिकता, वातावरण, पशु के रख-रखाव तथा पोषण जैसे कई कारणों पर निर्भर करता है। गायों की कुछ नस्लों में साहीवाल नस्ल की गायों में गर्मी की अवधि में 23 घण्टे, रेड सिंधी गायों में 18 – 24 घण्टे, गिर में 12 – 16 घण्टे, जर्सी में 12 घण्टे तथा होलस्टीन में 10 घण्टे एवं संकर प्रजाति जर्सी/हरियाणा में 48 – 72 घण्टे होती है। गर्मी के दौरान लक्षणों की उग्रता हर गाय में अलग-अलग होती है। अधिकांश गायें देर रात में गर्मी में आती है। परन्तु जानकारी प्रातः ही हो पाती है। बहुत कम गायें प्रातः 6 बजे से 10 बजे तक गर्मी में आती हैं तथा इसके औसत 26 घण्टे बाद अण्डक्षरण (Ovulation) होता है जो गायें रात में गर्मी में आती हैं उनके अण्डक्षरण (Ovulation) लगभग 28 घण्टे बाद होता है।
भैंसों में ब्रीडिंग सीजन
अधिकांश भैंस वर्ष के कुछ खास महीनों में ही ऋतु (गर्मी) में आती हैं। प्रायः भारतीय भैंसों में गर्भधारण उन दिनों अधिक होता है जब रात या दिन का तापमान तथा उमस (Humidity) आर्द्रता कम होती है और ऐसा सर्दी के दिनों मंे होता है। वातावरण के अधिक तापमान से गर्भधारण की संभावनायें बहुत क्षीण हो जाती है। इसलिए अधिकतर भैंसे सितम्बर से फरवरी माह तक अक्सर ऋतु (Oestrum) में आती हैं तथा 60 – 80 प्रतिशत भैंसे अगस्त से जनवरी माह के दौरान व्याती हैं। मुर्रा भैंसे अक्टूबर – नवम्बर माह में सबसे अधिक तथा फरवरी से अप्रैल माह में सबसे कम ब्याती हैं।
मुर्रा भैंसों में ऋतु चक्र (Oestrus Cycle) की औसत अवधि 21 दिन होती है तथा गर्मी की अवधि 24 – 36 घण्टे होती है। अर्थात् गायों की अपेक्षा भैंसों में गर्मी की अवधि कुछ अधिक होती है। भैंसों में प्रोइस्ट्स 15 घण्टे इस्ट्स 22 घण्टे तथा मेटइस्ट्स 15 घण्टे, भैंसों में इस्ट्स गमी के समाप्त होने के लगभग 4.5 घण्टे पश्चात् अण्डक्षरण (Ovulation) ओव्युलेशन होता है। भैसों में साइलैन्ट हीट चुप गर्मी में आना भी एक सामान्य प्रक्रिया है। भारतीय परिस्थितियों में अधिकतर 80 प्रतिशत भैंसे, अक्टूबर से मार्च महीने में गर्मी में आती हैं तथा 20 प्रतिशत भैंसे अप्रैल से सितम्बर माह में गर्मी में आती हैं इससे अधिक तापमान व उमस (Huminity) के दिनों में प्रजनन क्षमता कम हो जाती है।
Puberty प्यूवर्टी
किसी नर/मादा पशु में उम्र भी वह अवस्था है जब उसके जनन अंग सक्रिय रूप से काम करना प्रारम्भ कर दें। अर्थात् मादा में पहली बार अण्डाणु तथा नर में शुक्राणु निकलना प्रारम्भ होते हैं।
1 | Cross Breed | 8 – 18 Months |
2 | Cow | 24 – 30 Months |
3 | Buffalo | 24 – 48 Months |
4 | Mare | 18 – 24 Months |
5 | Bitch | 6 – 12 Months |
6 | Goat | 6 – 12 Months |
7 | Sheep | 8 – 12 Months |
8 | Hen | 6 Months |
Puberty यौवनारम्भ
मादा जनन अंगों में उपस्थित अण्डाशय जब पूर्ण विकसित हो जाती है और उसमें अण्डाणुओं के बनने की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती हे, तो मादा पशुओं में मद चक्र/ऋतु चक्र का प्रारम्भ हो जाता है।
मादा पशु की प्रजनन संबंधी जानकारी
पशु का प्रकार | यौवनारम्भ | प्रथम प्रजनन पर औसत आयु | मद चक्र की अवधि | मद काल की अवधि | अण्डाणु क्षरण का समय | प्रजनन का उचित समय | प्रसव काल | ब्याने के बाद मदकाल में आने का समय | ब्याने के कितने दिन बाद प्रजनन कराना चाहिए |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 |
गाय | योरोपीय नस्ल 11-24 माह | योरोपीय नस्ल 14-26 माह | 21 दिन | 18-24 घण्टे | मदकाल समाप्ति के 8 से 14 घण्टे बाद | मदकाल के अन्तिम 8 घण्टे | 282 दिन
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4-12 सप्ताह 28-84 दिन | 2-3 माह
14-16 माह को ब्यात के बीच का अन्तराल 12 से 13 माह
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देशी/भारतीय नस्ल
24-30 माह |
देशी/भारतीय नस्ल 40 माह | ||||||||
वर्णसंकर में
18-24 माह |
वर्णसंकर में
20-26 माह |
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भैंस
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30 माह | 36 माह | 21 दिन | 12-36 घण्टे | मदकाल समाप्ति के 4 से 30 घण्टे बाद
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मदकाल के अन्तिम 8 घण्टे | 307 दिन | 10-26 सप्ताह | 2-3 माह 16-20 माह |
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